धूम्रपान करना सेहत के लिए बहुत अधिक खतरनाक है। अगर आप सोचते हैं कि रोजाना सिगरेट पीने से सिर्फ आपके हृदय या फेफड़ों को ही नुकसान पहुंच रहा है तो आप गलत हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में हुए रिसर्च से यह पता चला है कि ज्यादा सिगरेट पीने से सोरायसिस जैसे त्वचा संबंधी रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। सोरायसिस एक गंभीर त्वचा रोग है जिसमें त्वचा पर लाल चकत्ते बनने लगते हैं और उनमें खुजली होने लगती है।
आगे बढ़ने से पहले यह लान लें कि इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि जिसे पहले से सोरायसिस है अगर वो धूम्रपान करना बंद कर दे तो उसकी समस्या ठीक हो जाएगी बल्कि अगर इस त्वचा रोग से पीड़ित मरीज धूम्रपान करना आगे जारी रखते हैं तो उनकी समस्या और ज्यादा बिगड़ सकती है।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ डर्मेटोलॉजिस्ट, वेनेरेलॉजिस्ट और लेप्रोलॉजिस्ट के नेशनल कोआर्डिनेटर डॉ. अबीर सारस्वत बताते हैं कि, “सिगरेट पीने से सोरायसिस होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। सोरायसिस के कई मरीज ऐसे भी हैं जो स्ट्रेस या एंग्जायटी से पीड़ित होने के कारण ज्यादा सिगरेट पीने लगते हैं और इस वजह से उनकी सोरायसिस की समस्या पर और बुरा असर पड़ने लगता है। स्ट्रेस और धूम्रपान की लत दोनों एक साथ मिलकर इस बीमारी को और अधिक बढ़ा देते हैं।
रिसर्च के अनुसार, वे महिलायें जो एक दिन में 20 से ज्यादा सिगरेट पीती हैं उनमें धूम्रपान ना करने वाली महिलाओं की तुलना में सोरायसिस होने का खतरा 2.5 गुना ज्यादा होता है, वहीं पुरुषों में यह खतरा 1.7 गुना ज्यादा होता है।
सोरायसिस और धूम्रपान से जुड़ी कुछ अन्य बातें :
– निकोटीन के अलावा, सिगरेट के धुंए में निकेल नामक एक केमिकल पाया जाता है जो सोरायसिस की समस्या को और खराब कर देता है।
– धूम्रपान करने से त्वचा की नमी काफी कम हो जाती है जिससे त्वचा और रुखी हो जाती है और खुजली बढ़ जाती है।
ध्यान देने वाली बातें :
– अगर आप अभी तक सिगरेट नहीं पीते हैं और अब शुरु ना करें। खासतौर पर महिलायें धूम्रपान ना करें क्योंकि उनमें सोरायसिस का खतरा पुरुषों की तुलना में ज्यादा होता है।
– अगर आप धूम्रपान करते हैं तो इसकी लत को छोड़ने का प्रयास करें। यकीन मानिए मजबूत इच्छाशक्ति और कुछ थेरेपी को अपनाकर आप आसानी से धूम्रपान की लत से छुटकारा पा सकते हैं।
– स्ट्रेस और एंग्जायटी से पीड़ित होने पर सिगरेट ना पियें बल्कि उनसे छुटकारा पाने के अन्य तरीके अपनाएं। मेडिटेशन, काउन्सलिंग, योगा, पौष्टिक आहार और व्यायाम करके आप स्ट्रेस और एंग्जायटी की समस्या से आराम पा सकते हैं।
साभार : ANI