अजवाइन (ajwain in hindi) एक एेसा हर्ब है जो भारत के हर रसोईघर में पाया जाता है। रसोईघर में तो इसका उपयोग मसाले के रूप में होता है लेकिन आयुर्वेद में अजवाइन का प्रयोग औषधी के रूप में प्राचीन काल से हो रहा है। क्या आपको याद है बचपन में जब आपके पेट में बहुत दर्द होता था तब दादी हो या नानी आपको अजवाइन का पानी या अजवाइन का चूर्ण खाने के लिए देती थी। असल में अजवाइन के फायदे ( Ajwain benefits) इतने हैं कि उनको उंगलियों में गिनना मुश्किल हो जाता है।
अजवाइन (ajwain) न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि उसके औषधीय गुण खाने को और भी पौष्टिकारक बनाता है जिससे वह आपके सेहत को कई तरह से फायदा पहुँचाने में सक्षम हो जाता है। अजवाइन का वानस्पतिक नाम ट्रकीस्पर्मम् ऐम्मी (Trachyspermum ammi) है और ये ऐपीएसी (apiaceae) कुल का है और अंग्रजी में इसको दि बिशॉप्स वीड (The Bishop’s Weed) कहते हैं। अजवाइन (ajwain in hindi) हर भाषा में कई नामों से प्रचलित है, जैसे हिन्दी में अज़वाइन, अजमायन, जवाइन, जबायन, अजोवां, गुजराती में अजमो, तमिल में ओमुम, बंगाली में यमानी या जोवान, मराठी में अजमा, यवान , अंग्रेजी में एजोबा सीड्स, कैरम (carum), अरबी में कमूने मुलुकी आदि । अजवाइन वस्तुत: ऐसे प्रांतों में उपजता है जहां के मिट्टी में नमक की मात्रा में ज्यादा होती है। अजवाइन मुख्यतः तीन प्रकार की होती है, अजवाइन, जंगली अजवाइन, खुरासानी अजवाइन।
अजवाइन (ajwain) में पाये जाने वाले पोषक तत्व
अजवाइन में अवाष्पशील तैल, क्युमिन, कैम्फीन, डाईपेन्टीन, मिरसीन, फिनोल, लिनोलीक, ओलिक, पॉमिटिक, निकोटिनिक अम्ल, राइबोफ्लेविन, β-पाइनिन तथा थाइमिन पाया जाता है। इसके फल में थायमोल तथा तेल में साइमीन पाया जाता है। असल में अजवाइन में एसेनशियल ऑयल होता है जो खाने का स्वाद और फ्लेवर बढ़ाने में मदद करता है। अजवाइन में फाइटोकेमिकल जैसे कार्बोहाइड्रेट्स, ग्लाइकोसाइड्स, सैपोनिन्स फिनोलिक यौगिक या कम्पाउन्ड होता है। इसके साथ-साथ अजवाइन में प्रोटीन, फैट, फाइबर और मिनरल जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और निकोटिनिक एसिड होता है। अजवाइन के फायदे (ajwain benefits) भी अजवाइन के पोषक तत्व पर ही निर्भर करता है।
अजवाइन (ajwain) के औषधीय गुण
अभी तक तो आप समझ ही गए होंगे कि इतने पोषक तत्व वाले अजवाइन के औषधीय गुण भी बेशुमार होंगे। अजवाइन के बीज में एंटीसेप्टिक, स्टीमूलेंट, कार्मिनटिव (वातहर), मूत्रवर्धक, एनेस्थेटिक, ऐंटीमाइक्रोबायल, एंटीवायरल, नेमाटिडाइड, एंटी-अल्सर, एंटीहाइपेर्टेन्सिव, एंटी-ट्यूसिव, ब्रोंकोडाइलेटरी, एंटीप्लेटलेट, हेपेट्रोप्रोटेक्टीव और एंटी-हाइपरलिपिडेमिक जैसे औषधीय गुण विद्दमान होते हैं। साथ ही अजवाइन का एंटी-कैरोजेनिक गुण मुँह में बैक्टिरीया को पनपने से रोकता है जिससे ओरल हेल्थ बेहतर होता है। अजवाइन में थायमोल, एंटी-बैक्टीरिया गुण होता है, जो ओरल हेल्थ के फायदेमंद होता है। इसके अलावा अजवाइन (ajwain benefits) धमनियों का रक्तचाप कम करने में सहायता करती है जो शरीर का एलडीएल लो करके हाइपरटेंशन से राहत दिलाने में मदद करती है। अजवाइन डाइजेस्टिव स्टीमूलेंट होता है जो गैस्ट्रिक एसिड, बाइल एसिड्स और डाइजेस्टिव एंजाइम के कार्यविधि को बेहतर बनाकर खाना को हजम करने में मदद करती है।
अजवाइन (ajwain) के सेवन की विधि ( how to take ajwain in hindi)
वाह्य उपयोग के लिए-
अगर आप अजवाइन का उपयोग (ajwain ke fayde) वाह्य तौर पर करना चाहते हैं तो ज़रूरत के अनुसार 2-4 ग्राम ताजा पत्ते का पेस्ट बनाकर कर सकते हैं या 2-5 ग्राम ज़रूरत के अनुसार अजवाइन के बीज का पाउडर भी बना सकते हैं। अगर आपको दर्द के जगह पर अजवाइन का तेल लगाना है तो 1-3 बूंद ज़रूरत के अनुसार तेल लगा सकते हैं, नहीं तो अजवाइन के नुकसान (ajwain ke nuksan) से त्वचा पर असर पड़ सकता है।
आंतरिक उपयोग के लिए –
अजवाइन चूर्ण , अजवाइन तेल और अजवाइन पानी तो आप घर पर भी बना सकते हैं। लेकिन आजकल अजवाइन कैप्सूल और टैबलेट भी बाजार में उपलब्ध हैं। 1-2 ग्राम अजवाइन का चूर्ण दिन में दो बार ले सकते हैं या 30-50 एमएल अजवाइन पानी दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं।
वैसे तो अजवाइन का इस्तेमाल दो तरह से कर सकते हैं लेकिन इसके सेवन करने का तरीका और लगाने का तरीका भी अलग-अलग होता है जिसका हमें विशेष रूप से ध्यान रखना होता है, नहीं तो अजवाइन के नुकसान से मुश्किलें आ सकती हैं। अजवाइन लेने का तरीका सही होगा तभी अजवाइन के फायदे (ajwain benefits in hindi) शरीर को पूरी तरह से मिलेगा।
अजवाइन के फायदे (ajwain benefits in hindi):
अजवाइन एक ऐसा मसाला है जिसके फायदे से बच्चों से लेकर बड़े, बूढ़े सभी को सेहतमंद लाभ मिलता है। खाने का ज़ायका भी बढ़ता है और साथ ही साथ स्वास्थ्य को अजवाइन का फायदा (ajwain ke fayde) भी मिलता है। चलिये अब देखते हैं कि अजवाइन स्वास्थ्य के किन-किन क्षेत्रों में लाभ पहुँचाता है।
दंत स्वास्थ्य (ajwain for oral health) :
अजवाइन के थायमोल में जो एन्टीबैक्टीरियल गुण होता है वह मुँह और दांत के स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद करती है। साथ ही अजवाइन (ajwain in hindi) में एंटी-कैरोजेनिक गुण होता है वह मुँह में बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है और किसी भी प्रकार के संक्रमण के आशंका को कम करने में मदद करता है।
अजवाइन को इस्तेमाल करने का तरीका
एक गिलास गुनगुने गर्म पानी में अजवाइन तेल के 1-2 ड्रॉप्स डालकर गरारा करने से मुँह और दांत संबंधी परेशानी से राहत मिलती है।
पेट का संक्रमण ( ajwain for intestinal infection) :
अजवाइन ऐंन्थेल्मिंटिक एक्टिविटी ( anthelmintic activity) एटीपीएएस एक्टिविटी को बढ़ाकर पैरासाइट्स यानि परजीवी के गतिविधि को कमजोर करके संक्रमण से राहत दिलाने में सहायता करती है। इसके अलावा कोलिर्नेजिक एक्टिविटी पेट के मसल्स के संकुचन को कम करने के साथ-साथ परजीवी को बाहर निकालने में मदद करती है।
अजवाइन (ajwain in hindi) सेवन का तरीका
1-2 ग्राम या 1/4 चम्मच अजवाइन का चूर्ण गुड़ के साथ दिन में दो बार लेने से फायदा मिलेगा।
अस्थमा या दमा रोग (ajwain for asthma) :
अजवाइन में जो कार्वाकोल नाम का एसेनशियल ऑयल होता है वह ब्रोंकोडाइलेटरी प्रभाव के कारण जाना जाता है। ये कफ से राहत दिलाने में मदद करता है, यानि श्वसन नली के जमे हुए बलगम या कफ को कम करके दमा के परेशानी को कम करने में सहायता करती है।
अजवाइन सेवन का तरीका
दिन में दो बाद अजवाइन का काढ़ा पीने से दमा के मरीज को आराम मिलता है।
पाचन शक्ति (ajwain for digestion) :
आयुर्वेद में अजवाइन को पाचक औषधि के रूप में जाना जाता है। ये कहा जाता है कि अकेला अजवाइन सैंकड़ो प्रकार के अन्न को हजम करवाने में सक्षम है। अजवाइन पाचक जूस के सिक्रेशन को बढ़ाने के साथ-साथ डाइजेस्टिव एन्जाइम के एक्टिविटी को बढ़ाकर हजम करने के शक्ति को बेहतर करने में मदद करती है।
अजवाइन सेवन का तरीका
5-10 ड्रॉप्स अजवाइन अर्क को गुनगुने गर्म पानी में डालकर लंच और डिनर के बाद ले सकते हैं।
हाइपरटेंशन (ajwain for hypertension):
जानवरों पर परिक्षण करके ये पाया गया है कि अजवाइन में एन्टी हाइपरटेंसिव गुण होता है जो धमनियों में ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायता करती है और हाइपरटेंशन को लो करती है।
अजवाइन सेवन का तरीका
5-10 ड्रॉप्स अजवाइन अर्क को गुनगुने गर्म पानी में डालकर लंच और डिनर के बाद खाने से खाना हजम करने में मदद मिलेगा।
हाइपरलिपिडिमिया (ajwain for hyperlipidemia) :
अजवाइन की एक खास बात ये है कि ये लिपिड को लो कर सकती है क्योंकि ये टोटल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड, टोटल लिपिड्स को लो करने में मदद करती है। अजवाइन में जो थायमोल और कारक्रोल होता है वे एन्टीऑक्सिडेंट होते हैं और शरीर को फ्री रैडिकल्स से होने वाले क्षति को कम करने में मदद करते हैं।
अजवाइन सेवन का तरीका
गुनगुने गर्म पानी में 1-2 ग्राम अजवाइन चूर्ण को दिन में दो बार लेने से फायदा मिलेगा।
अजवाइन के नुकसान और सेवन से जुड़ी सावधानियां
क्या गर्भावस्था के समय अजवाइन का सेवन करना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान अजवाइन के सेवन से परहेज करना चाहिए। अगर आप औषधि के रूप में इसका सेवन करना चाहती हैं तो चिकित्सक की सलाह के अनुसार सेवन करें।
क्या अजवाइन का सेवन ब्रेस्ट फिडिंग या स्तनपान के दौरान लेना सेफ होता है?
अजवाइन में गैलाक्टागोगुई (galactogogue)और एस्ट्रोजेन का लेवल बहुत ज्यादा होता है जो स्तनपान के लिए दूध की मात्रा बढ़ाने में मदद करती है। इसलिए स्तनपान करवाने वाली मां के लिए अजवाइन का सेवन करना सुरक्षित होता है। अजवाइन को खाने में डालकर इसका सेवन करना सेफ होता है। इससे अजवाइन के फायदे भी सेहत को मिलता है।
वाह्य
- अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो अजवाइन का या उसके पत्ते का पेस्ट शहद या किसी शीत पदार्थ के साथ मिलाकर ही त्वचा पर लगायें।
- अजवाइन के साइड इफेक्ट (ajwain side effects) से बचने के लिए या अजवाइन के गर्म तासीर के कारण अजवाइन सीड ऑयल या पेस्ट को नारियल तेल के साथ मिलाकर ही शरीर पर लगाये।
आंतरिक
- डॉक्टर के निर्देशनुसार ही अजवाइन का सेवन करें नहीं तो अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से कब्ज़ या एसिड रिफ्लैक्स हो सकता है। यानि डॉक्टर के निर्देशानुसार अजवाइन के सेवन नहीं करने से अजवाइन के नुकसान से सेहत को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
- अगर मेल इन्फर्टिलिटी का प्रॉब्लम है तो अजवाइन के सेवन से बचना चहिये।
- अगर इंटरनल ब्लीडिंग या अल्सेराटिव कोलाइटिस है तो अजवाइन का सेवन न करें।
- अजवाइन के गर्म प्रभाव के कारण गर्भावस्था के दौरान अजवाइन का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
अजवाइन के नुकसान (ajwain side effects in hindi) :
अजवाइन के एक साइड इफेक्ट (ajwain side effects in hindi) के बारे में तो हमने पहले ही बात की है कि गर्भवती महिलायों को इसके सेवन से बचना चाहिए। इन स्थितियों के अलावा अगर आपने अजवाइन निश्चित मात्रा से भी ज्यादा लिया तो उल्टी, मतली और सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है।
जिन लोगों को अजवाइन से एलर्जी होती है उनको सर्दी, रैशेज या पित्त हो सकता है। इसलिए अजवाइन का इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट ज़रूर कर लें। यहां तक कि अत्यधिक मात्रा में अजवाइन का सेवन करने से त्वचा संवेदनशील हो सकती है जो बाद में स्किन कैंसर होने का कारण बन सकता है। अजवाइन के नुकसान और उसके साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए अजवाइन का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लें।
इन सब बातों के अलावा क्या आपको पता है कि अजवाइन को कैसे संरक्षित करना चाहिए?
ठंडा और सूखे जगह पर ढक्कनबंद जार में अजवाइन को रखना चाहिए। नहीं तो अजवाइन के जल्दी खराब होने की आंशका रहती है।
अजवाइन पानी या अजवाइन का काढ़ा कैसे बनाना चाहिए?
घर पर आसानी से अजवाइन का पानी बनाया जा सकता है। रात भर एक कप में दो छोटे चम्मच अजवाइन को भिगोकर रखें। अगले दिन सुबह अजवाइन को उबालें और छानकर ठंडा करें। उसके बाद खाली पेट इसका सेवन करें।