आज के दौर में आयुर्वेदिक औषधियां इस्तेमाल करने का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में लोग बिना डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह लिए ही किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग करने लगते हैं। कई लोगों का यह मानना है कि आयुर्वेदिक चीजों का दुष्प्रभाव नहीं होता है, जबकि ऐसा नहीं है। अगर आप इन औषधियों का सेवन गलत तरीके से या ज़रुरत से ज्यादा मात्रा में कर रहे हैं तो आपको गंभीर दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं।
आजकल अधिकांश लोग त्वचा संबंधी समस्याओं के अलावा, बालों के लिए (aloe vera for hair in hindi), कब्ज़ दूर करने और पेट की समस्याओं से आराम पाने के लिए एलोवेरा का उपयोग करते हैं। यह सच है कि एलोवेरा (Aloe vera in hindi) कई तरह की समस्याओं से आराम दिलाने में लाभकारी है लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि एलोवेरा की कितनी मात्रा का सेवन करना चाहिए और किन परिस्थतियों में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर आपने बाज़ार से एलोवेरा खरीदा है या घर पर ही एलोवेरा का जूस निकाला है तो इसे खराब होने से बचाने के लिए तुरंत फ्रिज में रखें। एलोवेरा की पत्तियों को भी सूखने और खराब होने से बचाने के लिए आप उन्हें फ्रिज में रख सकते हैं। बाज़ार से एलोवेरा खरीदने की बजाय घर पर ही एलोवेरा का पौधा (Aloe vera plant) लगाना ज्यादा सही रहता है।
कैसे करें एलोवेरा का सेवन :
एलोवेरा के सेवन के लिए एक चम्मच एलोवेरा जेल लें, उसे स्मूदी या फलों के जूस में मिलाकर अच्छी तरह ब्लेंड कर लें और तुरंत इसका सेवन करें। सुबह सुबह इसका सेवन करना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस का भी सेवन कर सकते हैं। अगर आप नियमित रुप से इसका सेवन करना चाहते हैं तो पहले डॉक्टर से सलाह ज़रुर लें।
एलोवेरा के दुष्प्रभाव (Side effects of Aloe vera in hindi) :
एलोवेरा के ज़रुरत से ज्यादा सेवन करने से आपको कई तरह के दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं। जिन लोगों की त्वचा बहुत संवेदनशील है वो अगर एलोवेरा जेल (aloe vera gel in hindi) का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो त्वचा में एलर्जी हो सकती है। इसके अलावा एलोवेरा के बहुत अधिक सेवन से पेट में दर्द और मरोड़, मूत्र में खून आना, पोटैशियम लेवल कम होना और मांसपेशियों में कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हमेशा सीमित मात्रा में एलोवेरा का सेवन करें जिससे आपको एलोवेरा के नुकसान ना झेलने पड़ें, साथ ही उचित मात्रा की जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह भी लें।
इस लेख में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीपक कुमार सोनी बता रहे हैं कि किन परिस्थितियों में एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिए। आइये जानते हैं :
1- डायरिया या दस्त के दौरान : वास्तव में एलोवेरा के सेवन से कब्ज़ की समस्या दूर होती है और पाचन भी रहता है लेकिन अगर आपको दस्त हो रहे हैं तो इस दौरान एलोवेरा का सेवन बिल्कुल ना करें। इसके सेवन से दस्त की समस्या और बढ़ सकती है।
2- गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान : यह सच है कि एलोवेरा जूस पीने के फायदे (aloe vera juice benefits in hindi) बहुत हैं लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को एलोवेरा जूस का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
3- छोटे बच्चों को ना दें : इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी 12 साल से कम उम्र के बच्चों को एलोवेरा का सेवन ना करायें। विशेषज्ञों के अनुसार, एलोवेरा जूस (aloe vera juice) का सेवन छोटे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
4- इरीटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) के मरीज : जो लोग इरीटेबल बाउल सिंड्रोम से पीड़ित हैं उन्हें भी एलोवेरा जूस का सेवन नहीं करना चाहिए। एलोवेरा जूस में पाए जाने वाले लैक्सेटिव के कारण उनकी परेशानी और बढ़ सकती है।
5- डायबिटीज के मरीज : अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो बिना डॉक्टर से सलाह लिए एलोवेरा का सेवन ना शुरु करें।
हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी आयुर्वेदिक औषधि को आंख मूँद कर इस्तेमाल करना ना शुरु करें बल्कि पहले उसके फायदे और नुकसान के बारे में सारी जानकारी पढ़ लें उसके बाद किसी विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही उसका सेवन करें। अगर एलोवेरा के सेवन के दौरान किसी तरह की समस्या होती है तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर को सूचित करें।