सर्दियों का मौसम आते ही शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं. सबसे अधिक दिक्कत बुजुर्गों को होती है क्यूंकी उम्र बढ़ने के साथ घुटनों में दर्द और गठिया जैसे रोग होना आम बात है. घुटनों और जोड़ों में होने वाला दर्द कभी-कभी इतना बढ़ जाता है कि चलना फिरना मुश्किल हो जाता है. अधिकांश लोग दर्द से राहत के लिए पेनकिलर का सहारा लेने लगते हैं लेकिन आयुर्वेदिक विशेसज्ञों के अनुसार, अगर आप कुछ आयुर्वेदिक उपाय अपनाएं तो घुटनों के दर्द (Knee Pain in Hindi) से आसानी से राहत पा सकते हैं.
इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बता रहे हैं. इन उपायों को अपनाने से आप अपने घुटनों को स्वस्थ और मजबूत रख सकते हैं और घुटने के दर्द के जोखिम को कम कर सकते हैं. आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं:
गर्म तेल से मालिश (Hot Oil Massage for Knee Pain in Hindi)
सर्दियों में गरम तेल से मालिश करना घुटनों के दर्द से राहत पाने का सबसे आसान और कारगर तरीका है. गरम तेल की मालिश से रक्त संचार बढ़ता है और दर्द एवं सूजन से जल्दी आराम मिलता है. मालिश के लिए जैतून का तेल, सरसों का तेल, या महानारायण आयुर्वेदिक तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
तेल को पहले गर्म करें और फिर घुटनों पर हल्का-हल्का दबाव देते हुए मालिश करें. ध्यान रखें कि अगर घुटनों में दर्द किसी बीमारी या चोट की वजह से है तो पहले चिकित्सक से परामर्श लें उसके बाद ही मालिश करें.
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गर्म पानी से सिकाई (Heat Therapy for Knee Pain in Hindi)
गर्म पानी से सिकाई करने से भी घुटने के दर्द में आराम मिलता है. गर्म पानी से ब्लड फ्लो बढ़ता है और मांसपेशियां रिलैक्स होती है, जिससे दर्द कम होता है. सिकाई करने के लिए, आप गर्म पानी को एक पानी की बोतल या हॉट वाटर बैग में डालें और इसे घुटनों के ऊपर रखें. ध्यान दें कि पानी बहुत ज्यादा गरम नहीं होना चाहिए, ताकि आपकी त्वचा ना जले. 15-20 मिनट तक सिकाई करने से दर्द में आराम मिलना शुरू हो जाता है.
गुग्गुल (Uses of Guggul for Knee Pain in Hindi)
गुग्गुल एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है जो जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करती है. गुग्गुल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण घुटनों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे दर्द कम हो सकता है. आयुर्वेद के अनुसार गुग्गुल में वात को शमन करने का गुण भी होता है जो कि दर्द या तकलीफ को कम करने में असरदार होता है. घुटनों के दर्द से राहत के लिए आप गुग्गुल के सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं.
शल्लकी (Uses of Shallaki for Knee Pain in Hindi)
शल्लकी यानि बोसवेलिया सेरेटा एक पौधा है और यह आयुर्वेदिक चिकित्सा में जोड़ों के दर्द और गठिया के इलाज के लिए सालों से उपयोग किया जाता रहा है. इसका प्रमुख उपयोग घुटनों के दर्द और सूजन कम करने में किया जाता है. इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सक के सलाह अनुसार ही करें.
योग और प्राणायाम (Yoga for Knee Pain in Hindi)
योग और प्राणायाम भी भारतीय चिकित्सा पद्धति का ही एक हिस्स्सा है जिसके निरंतर अभ्यास से घुटनों के दर्द को कम किया जा सकता है. ध्यानपूर्वक और सही तरीके से योग के आसनों को करने से घुटने मजबूत होते हैं और गठिया होने की संभावना कम होती है. योग के कौन-कौन से आसन घुटनों के दर्द को कम करने में सहायक है और उनको कैसे करना है इसके लिए आप एक अच्छे योग विशेषज्ञ से सलाह लें.
डाइट में बदलाव (Diet Changes to Control Knee Pain in Hindi)
डाइट में बदलाव करके भी घुटने के दर्द को कम किया जा सकता है. तली-भुनी और मसालेदार चीजों का सेवन कम करें साथ ही ताजे और प्राकृतिक आहार की मात्रा अपनी डाइट में बढ़ाएं. विटामिन C और D के साथ ही कैल्शियम और मैग्नीशियम युक्त सप्लीमेंट का उपयोग भी जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में उपयोगी है.
आमतौर पर ऊपर बताए गए घरेलू उपायों से घुटनों में दर्द की समस्या ठीक हो जाती है. अगर इन्हें अपनाने के कुछ दिनों बाद भी आप घुटनों में तेज दर्द बना रहता है तो आयुर्वेदिक चिकित्सक या डॉक्टर से मिलें.
(इस लेख की समीक्षा डॉ. स्वाति मिश्रा, मेडिकल एडिटर और डॉ. दीपक सोनी, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ ने की है.)
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