दिल्ली समेत इस समय भारत के कई अन्य राज्यों में वायु प्रदूषण का कहर व्यापक स्तर पर है। हवा में हानिकारक केमिकल की मौजूदगी के कारण लोग तमाम तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इनमें खांसी, सांस फूलना, त्वचा रोग और कई गंभीर किस्म के फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां प्रमुख हैं। यह सच है कि ऐसी कोई भी समस्या होने पर आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए लेकिन कुछ ऐसे आयुर्वेदिक उपचार भी हैं जो आपको प्रदूषण से होने वाले नुकसानों से बचा सकते हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बता रहे हैं।
1. नीम : नीम का पेड़ कई तरह के प्रदूषकों को अवशोषित करता है जिससे उनका प्रभाव कम होता है। अपने घर पर नीम की पत्तियों का गुच्छा रखें, इससे घर की हवा शुद्ध रहती है। पानी में नीम की पत्तियां उबालकर उस पानी से अपने चेहरे और बालों को धोएं। हफ्ते में कम से कम दो बार नीम की तीन चार पत्तियां खाएं। इसका स्वाद भले ही कड़वा हो लेकिन इसके सेवन से आपका खून शुद्ध होता है और खून का प्रवाह बढ़ जाता है।
2. तुलसी : प्राचीन काल से ही तुलसी के पौधे को एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और अपने देश के अधिकतर घरों में लोग तुलसी के पौधे की पूजा भी करते हैं। प्रदूषण के कारण श्वसन तंत्र में होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए आप तुलसी की पत्तियों का सेवन करें। इसके लिए तुलसी की कुछ पत्तियां लें और उन्हें कूटकर या पीसकर उसमें शहद की कुछ बूंदें मिलाकर उसका रोजाना सेवन करें।
3. घी : कई लोग ऐसा सोंचते हैं कि घी खाने से सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ता है लेकिन ऐसा नहीं है। आपको बता दें कि रोजाना सुबह और रात में सोने से पहले दो चम्मच गाय का घी खाने से प्रदूषण से होने वाले हानिकारक प्रभाव से आपका बचाव होता है।
4. हल्दी : हल्दी के अधिकतर फायदों के बारे में आप सभी को पता है लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि हल्दी, वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव से बचाने में भी आपकी मदद करती है। इसके लिए आधा चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाकर रोजाना सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
5. पिपली : यह एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है जो फेफड़ों में होने वाले संक्रमण को दूर करने में मदद करती है। इसके रोजाना सेवन के लिए आप इसे काली मिर्च की जगह पर इस्तेमाल कर सकते हैं और किसी भी डिश में डाल सकते हैं। अगर आप गंभीर रूप से जुकाम से पीड़ित हैं तो सुबह उठने के बाद 1¼ चम्मच अदरक, ¼ चम्मच हल्दी और 1/8 चम्मच पिपली पाउडर को एक चम्मच शहद में मिलाकर खाएं और उसके बाद गुनगुना पानी पिएं।
6. त्रिफला : त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका इस्तेमाल शरीर की इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने के लिए किया जाता है। एक चम्मच त्रिफला में एक चम्मच शहद मिलाकर रात में सोते समय लें। इसके रोजाना सेवन से इम्युनिटी पॉवर मजबूत होती है जिससे वायु प्रदूषण से होने वाले संक्रमण से आपका बचाव होता है।
7. लहसुन : लहसुन में मौजूद एंटी-माइक्रोबियल गुण किसी भी तरह के संक्रमण के खिलाफ लड़ने में मदद करते हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि आप अपनी रोजाना की डाइट में लहसुन का सेवन करें। अगर आपको लहसुन का तीखा स्वाद पसंद नहीं है तो आप लहसुन के सप्लीमेंट का भी सेवन कर सकते हैं। आजकल बाज़ार में ऐसे कई सप्लीमेंट मौजूद हैं।
8. च्यवनप्राश : यह मिश्रण कई तरह की आयुर्वेदिक औषधियों को मिलाकर तैयार किया जाता है। इससे शरीर को मजबूती मिलती है और इम्युनिटी पॉवर मजबूत होती है। च्यवनप्राश बच्चों से लेकर बूढों तक सबके लिए ही फायदेमंद है। रोजाना एक चम्मच इसका सेवन ज़रूर करें।
9. एसेंशियल ऑयल : खुद को तरोताजा रखने के लिए रोजमेरी, थाइम और टी-ट्री जैसे एसेंशियल ऑयल को मिलाकर उससे शरीर की मालिश करें। आप चाहें तो नहाने के पानी या साबुन में भी एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदें मिलाकर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
10. भाप लेना : श्वसन तंत्र में होने वाली किसी भी तरह की रुकावट या संक्रमण को दूर करने के लिए पानी का भाप लेना बहुत ही असरदार आयुर्वेदिक तरीका है। इसके लिए एक कटोरे में उबलता हुआ पानी लें और उसमें यूकेलिप्टस ऑयल या पिपरमिंट ऑयल की 5-10 बूंदें डालें। अपने सिर को तौलिये से ढँक लें और अपना मुंह नीचे कटोरे की तरफ झुकाकर उससे निकलने वाले भाप को सांस द्वारा अंदर लें। इससे गले और फेफड़ों में मौजूद हानिकारक केमिकल या प्रदूषक हट जाते हैं और सांस लेने में होने वाली तकलीफ दूर होती है।
आइये ! हम वायु प्रदूषण को दूर करने और आयुर्वेद को अपनाकर स्वस्थ जीवन का संकल्प लें।
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