जानिये क्यों झड़ते हैं बाल

common causes of hair loss

बाल का झड़ना, गंजापन, पतला होना ये इतनी आम परेशानियाँ है कि पुरुष हो या महिला हर कोई इस समस्या से परेशान रहता है। सुबह आईने के सामने खड़े होने पर बालों की तरफ देखते ही दिल बैठ जाता है। ऐसा कौन-सा इंसान होगा कि जिसको अपने काले घने बाल पसंद न हो, क्योंकि बाल पुरूष हो या महिला हर किसी के लिए सौन्दर्य का आधार होता है। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि आजकल ज्यादा से ज्यादा लोग बालों के समस्या से परेशान हैं। लेकिन डर्माटॉलोजिस्ट का कहना है कि हर दिन 30-150 बालों का झड़ना आम तौर पर नॉर्मल होता है। जब उससे ज्यादा बाल गिरने लगते हैं तब सोचने वाली बात हो जाती है। बाल झड़ने की ये स्थिति धीरे-धीरे जब गंभीर हो जाती है तब वह गंजेपन की शुरुआती स्थिति में बदल जाती है।   

 बाल झड़ते क्यों हैं?

इस समस्या  को समझने के लिए चलिये सबसे पहले बालों के स्वरूप को जान लेते हैं। मानव के स्कैल्प में लगभग 100,000 से 150,000 तक हेयर फॉलिकल होते हैं। ये हेयर फॉलिकल दो तरह के होते हैं- टर्मिनल हेयर फॉलीकल्स और वेलस हेयर फॉलीकल्स । जन्म के समय ये टर्मिनल हेयर फॉलीकल्स स्कैल्प, भौंह और आंख के पलकों पर होते हैं और वेलस हेयर फॉलीकल्स शरीर में जहां-जहां बाल होते हैं वहां होते हैं। जब वेलस हेयर्स असामान्य रूप से टर्मिनल हेयर्स में बदलते हैं तब शरीर के किसी भी भाग यानि चेहरा या शरीर पर हद से ज्यादा बाल आने लगते हैं वह भी विशेष रूप से महिलाओं में ये एक स्थिति होती है जब टर्मिनल हेयर से वेलस हेयर में बदलाव के समय समस्या होने पर वह एलोपेशिया के स्थिति में आ जाता है।

क्या आपको पता है कि बाल के उगने और झड़ने तक उसको तीन चरणों से गुजरना पड़ता है। जब बालों का विकास शुरू होता है यानि प्रथम चरण जिसको एनाजेन (anagen) , दूसरे चरण यानि विकास के दौरान के समय को कैटाजेन और आखिरी चरण यानि टेलोजेन कहते हैं। इस तीन चरणों के गुजरने के बाद आखिरी चरण में कुछ दिनों तक बाल रहते हैं और फिर गिर जाते हैं। यानि इस साइकल (cycle) या क्रम में परिवर्तन ही बालों के झड़ने या गिरने का कारण होता है। क्योंकि जितने  बाल टेलोजेन चरण में गिरते हैं उतने बाल तीन महीने के अंदर फिर से उग जाते हैं यानि बालों की संख्या समान रहती है। सामान्य रूप से टेलोजेन चरण में 10% बाल झड़ते हैं लेकिन टेलोजेन एफ्लुभियम अवस्था में बालों के झड़ने का अनुपात बढ़कर 30% हो जाता है। कहने का मतलब ये है कि बालों के एनाजेन से टेलोजेन के साइकल में परिवर्तन और झड़ने का अनुपात जब बदल जाता है, उस अवस्था को टेलोजेन एफ्लुभियम कहते हैं।

बाल झड़ने के पीछे बहुत सारे कारण होते हैं, जैसे शारीरिक, अपौष्टिक खान-पान या बालों के देखरेख में गलती। चलिये यहां ऐसे ही कुछ सवालों के बारे में बात करते हैं जो हमारे दिमाग में हमेशा चलता रहता हैं कि क्यों ऐसा होता है या किन-किन बीमारियों के कारण बाल झड़ने लगते है आदि। यहां कुछ ऐसे ही सवालों और जवाबों से हम रूबरू होने जा रहे हैं जो सबके दिमाग में चलता रहता है-

डायट और बीमारी बाल झड़ने का कारण

वजन घटने से बालों का गिरना

कभी-कभी लोग वेट लॉस करने के चक्कर में गलत डायट चार्ट फॉलो करने लगते हैं। वह बिना डायटिशियन या आहार विशेषज्ञ से सलाह लिये कैलोरी और प्रोटीन को कंट्रोल में रखने लगते हैं। यानि डायट में हद से ज्यादा पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण इसका सीधा असर बालों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इसको एक्युट टेलोजेन एफ्लूवियम कहते हैं।

इन विटामिनों की अधिकता से एलोपेशिया के बनते हैं शिकार

क्यों सुनकर अजीब लग रहा है? हां ऐसा भी होता है। शरीर में अगर विटामिन ए, विटामिन ई और सेलेनियम का स्तर ज्यादा होने पर वह बालों के झड़ने का वजह बन जाता है।

शाकाहारी होने से गिर सकते हैं बाल

जो लोग शाकाहारी होते हैं उनमें मांसाहारियों के तुलना में आयरन की कमी ज्यादा होती है जिसका सीधा असर बालों पर पड़ता है, जिसके कारण कम उम्र में बालों झड़ने जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि शाकाहारियों को मांसाहारी लोगों के तुलना में 1.8 गुणा आयरन की जरूरत होती है। भारतीयों के लिए आयरन की कमी आम बात है। ये भारत क्या दुनिया की सबसे बड़ी पौष्टिक कमी है। महिलाओं में रजोनिवृत्ति के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होने से आयरन की कमी होती है तो जो लोग शाकाहारी होते हैं उनमें आयरन की कमी ज्यादा पाई जाती है। और इस कमी का सीधा असर बालों पर पड़ता है [3]।

अवटुग्रंथि (थॉयराइड ) का क्या बालों से कोई संबंध है

थायराइड ग्रंथि या ग्लैंड के भूमिका को हम नजरअंदाज नहीं कर सकतेI ये ऐसे हॉर्मोन का उत्पादन करता है जो शरीर के कार्यप्रणाली को संचालित करता है। अगर थायराइड हार्मोन का उत्पादन सही तरह से नहीं कर पाता है तो उसका असर मेटाबॉलिज्म या चयापचय प्रक्रिया पर पड़ता है। और इसका सीधा असर बालों पर पड़ता है और बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं [4]।

पोस्ट प्रेगनेंसी या डिलीवरी के बाद ज्यादा बाल झड़ने का क्या है कारण

असल में मां बनने के बाद टेलोजेन एफ्लूवियम की परेशानी अधिकतर महिलाओं को होता है। जिसके कारण प्रेगनेंसी के दौरान टेलेप्टोसीस और एक्सटोजेन चरण देर से आता है जिसके कारण बाल झड़ते नहीं है और वह घने नजर आते हैं। लेकिन डिलीवरी के बाद टेलोजेन टेलोप्सीस प्रोसेस होता है  जिसके कारण वह बाल जो प्रेगनेंसी के दौरान नहीं गिरते है वह सब तब गिरने लगते हैं। इस कारण बाल झड़ने का अंदेशा होता है [5]।

इसके अलावा अचानक सदमा लगने पर, स्कैल्प में स्किन डिजीज होने और रक्त का थक्का नहीं बनने के कारण भी बाल झड़ते हैं।

सौन्दर्य संबंधी सवाल

रोज बाल झड़ना क्या नॉर्मल होता है?

अक्सर लोग ये सोचते हैं कि कंघी में बाल नजर आने लगे हैं तो इसका मतलब बाल बहुत ज्यादा गिर रहे हैं। लेकिन सच तो ये है कि दिन में 50-100 बाल गिरना नॉर्मल होता है।

शैंपू करते वक्त बाल ज्यादा क्यों झड़ते हैं?

अगर आपके बाल रोज नहीं झड़ते लेकिन शैंपू करते वक्त ज्यादा गिरते हैं तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं। क्योंकि अगर आप रोज शैंपू नहीं करते तब बाल धोने के समय जो बाल टेलोजेन के चरण में होते हैं वह हाथ से मसलने के कारण एक झटके में सब निकल जाते हैं।

बालों को कसकर बांधने, चोटी बनाने या पॉनी बनाने से  बालों का झड़ना कम होता है

आम तौर पर दादी-नानी के जमाने से यही बात चली आ रही है कि बालों में तेल लगाकर अच्छी तरह से चोटी बनाकर रखने या सोते समय कस कर बांधकर रखने से बाल नहीं झड़ते हैं। लेकिन ये मिथक है। क्योंकि इससे हेयर शाफ्ट को नुकसान पहुँचता है और जिसके कारण बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं। यानि टाइट पॉनी या चोटी या ऐसा कोई हेयर स्टाइल बनाने से ऐलोपेशिया होने का खतरा बढ़ जाता है।

रात को नारियल तेल और अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल)  लगाने से बाल काले-घने बनते है

आम तौर पर लोग ये मानते हैं कि नारियल तेल और अरंडी का तेल बालों को हेल्दी बनाते हैं। इसलिए रात को नारियल तेल या कैस्टर ऑयल लगाकर दूसरे दिन शैंपू करना अच्छा होता है। हाल के एक रिसर्च के दौरान ये पाया गया है कि अगर आप बाल रूखे-सूखे हो रहे हैं या झड़ रहे हैं तो ये घरेलू उपाय बहुत ही कारगर सिद्ध होता है[1]।

बालों को कंघी करने का सही तरीका क्या होता है

अक्सर बालों के झड़ने का ये भी एक कारण होता है। क्योंकि बालों को सही तरह से कंघी नहीं करने पर हेयर शॉफ्ट को नुकसान पहुँचता है जिससे बाल असमय झड़ने लगते हैं। भीगे बालों को कभी भी कंघी नहीं करनी चाहिए उससे बालों को जड़ से नुकसान पहुँचता है। और हमेशा बालों को जड़ से सिरे तक बड़े दांतो वाले कंघी से संवारना चाहिए[2]।

 

(इस लेख की समीक्षा डॉ. ललित कनोडिया, कंसल्टेंट फार्माकॉलोजिस्ट ने की है।)

संदर्भ:

1-Maduri VR, Vedachalam A, Kiruthika S. “Castor Oil” – The Culprit of Acute Hair Felting. Int J Trichology. 2017 Jul-Sep;9(3):116-118.

2-Monselise A, Cohen DE, et al. What Ages Hair? Int J Womens Dermatol. 2017 Feb 16;3(1 Suppl):S52-S57.

3-Guo EL, Katta R. Diet and hair loss: effects of nutrient deficiency and supplement  use.Dermatol Pract Concept. 2017 Jan 31;7(1):1-10

4-Underactive thyriod: Overview : U.S. National Library of Medicine

5-Piérard-Franchimont C, Piérard GE. Alterations in hair follicle dynamics in women. Biomed Res Int. 2013;2013:957432.

 

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