सेहत को अच्छा बनाए रखने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें और यह बात आयुर्वेद में भी बताई गई है. पौष्टिक चीजें खाने-पीने से आपकी इम्यूनिटी मजबूत होती है और बीमार पड़ने का खतरा धीरे-धीरे कम होने लगता है. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के सेवन के बारे में तो आपने काफी सुना होगा लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे आयुर्वेदिक जूस (Ayurvedic Juice) के बारे में बता रहे हैं तो आपको मोटापा, कब्ज, डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचा सकती हैं. आजकल की जीवनशैली में जब अधिकांश लोग भागदौड़ में बिजी है, ऐसे में इन आयुर्वेदिक जूस का सेवन उनके लिए काफी सुविधाजनक हो सकता है. आप अगर किसी बीमारी से पीड़ित हैं या आपको कोई रोग नहीं है तो भी आप इन आयुर्वेदिक जूस का सेवन कर सकते हैं. आइए कुछ प्रमुख जूस के बारे में जानते हैं:
1- आंवला जूस (Amla Juice)
आंवला विटामिन सी का मुख्य स्रोत है. इसका जूस पीने से इम्यूनिटी मजबूत होती है साथ ही वजन घटाने में भी मदद मिलती है. आप घर पर आंवले का ताजा जूस बनाकर पी सकते हैं या किसी अच्छे आयुर्वेदिक ब्रांड जैसे कि पतंजलि, डाबर या तेजस्या आंवला जूस का सेवन कर सकते हैं.
आंवला जूस पीने का तरीका (How to take Amla Juice in Hindi)
सुबह खाली पेट 3 से 4 छोटी चम्मच आंवला जूस में इतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर पिएं. इसे पीने के बाद 15-20 मिनट तक कुछ भी खाएं पिएं नहीं.
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2- करेला जूस (Karela Juice)
करेले के जूस में पौष्टिक तत्व और एंजाइम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो पाचन में सुधार लाते हैं. आयुर्वेदिक चिकित्सा में करेले के जूस का प्रमुखता से उपयोग किया जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार, करेला जूस डायबिटीज, पाचन संबंधी रोगों और त्वचा से जुड़े रोगों के इलाज में बहुत फायदेमंद है. इसके नियमित सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल करना आसान हो जाता है.
करेले का जूस पीने का तरीका (How to take Karela Juice in Hindi)
आंवला जूस की ही तरह करेले के जूस की भी तीन से चार चम्मच मात्रा में इतना ही पानी मिलाएं और सुबह खाली पेट पिएं. अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो बिना डॉक्टर से सलाह लिए इसका सेवन शुरू ना करें.
3- गिलोय जूस (Giloy Juice)
गिलोय एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जिसे “अमृता” भी कहा जाता है और यह जूस कई तरह के रोगों के इलाज में सहायक है. इम्यूनिटी बढ़ाने, बुखार से जल्दी राहत दिलाने समेत शरीर में होने वाले कई तरह के संक्रमण को ठीक करने में गिलोय जूस बेहद उपयोगी है.
गिलोय जूस लेने का तरीका (How to take Giloy Juice in Hindi)
अगर आप घर पर ताजा गिलोय जूस बनाकर पी रहे हैं तो सुबह खाली पेट 1 से 2 चम्मच गिलोय के रस में उतनी ही मात्रा में [पानी मिलाकर पिएं. अगर आप बाजार में मिलने वाले पैक्ड गिलोय जूस ले रहे है तो इसे 3 से 4 चम्मच ले सकते है और इसमें भी उतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर पिएं.
4- एलोवेरा जूस (Aloevera Juice)
सुंदरता बढ़ाने की बात हो या पेट से जुड़े रोगों से छुटकारा पाना हो, एलोवेरा जूस इन सबमें बेहद फायदेमंद है. खासतौर पर जो लोग कब्ज के मरीज हैं उन्हें इसक सेवन जरूर करना चाहिए. एलोवेरा जूस पीने से स्किन का ग्लो तो बढ़ता ही है साथ ही लीवर से जुड़े रोगों का खतरा भी कम होता है. अगर आपके चेहरे पर झुर्रियां, डार्क स्पॉट्स या मुहांसे हैं तो एलोवेरा जूस पीना शुरू कर दें. कुछ ही हफ्तों के बाद आपको अंतर नजर आने लगेगा.
एलोवेरा जूस पीने का तरीका (How to take Aloevera Juice in Hindi)
एलोवेरा जूस का सेवन खाली पेट यानी नाश्ते के पहले किया जाता है. 15 से 20 एमएल (3-4 चम्मच) एलोवेरा जूस में इतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर पिएं.
5- गिलोय तुलसी जूस (Giloy-Tulsi Juice)
गिलोय (गुडूची) और तुलसी दोनों ही प्राकृतिक औषधियाँ हैं जिनका उपयोग परंपरागत और आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रमुखता से किया जाता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की मानें तो गिलोय और तुलसी का साथ में सेवन करना इनके फ़ायदों को कई गुना बढ़ा देता है. नियमित रूप से गिलोय तुलसी जूस पीने से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है साथ ही पेट से जुड़े रोगों का खतरा कम होता है.
गिलोय तुलसी जूस पीने का तरीका (How to take Giloy Tulsi Juice in Hindi)
गिलोय तुलसी जूस का सेवन दिन में दो बार किया जा सकता है. दो चम्मच गिलोय तुलसी जूस में दो चम्मच पानी मिलाकर सुबह और शाम में इसका सेवन कर सकते हैं.
मौसमी बीमारियों और स्किन इन्फेक्शन से खुद को बचाने के लिए Tata 1mg तेजस्या गिलोय तुलसी जूस का सेवन करें. यह 100% नेचुरल है और इसमें किसी भी प्रकार के फ्लेवर, शुगर या कलर का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
यहां बताए गए अलग-अलग तरह के आयुर्वेदिक जूस (Ayurvedic Juice) पीने से आप लंबे समय तक निरोग रहेंगे और धीरे-धीरे आपकी इम्यूनिटी भी काफी मजजबूत हो जाएगी. अगर आप पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो किसी भी जूस का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लें.
(इस लेख की समीक्षा डॉ. स्वाति मिश्रा, मेडिकल एडिटर और डॉ. दीपक सोनी, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ ने की है.)
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