स्वस्थ रहने के लिए सबसे ज्यादा ज़रुरी है कि आप अपनी डाइट में अधिक से अधिक पौष्टिक चीजों का सेवन करें। जबकि आज कल लोग जंक फ़ूड, चिप्स, नमकीन आदि नुकसानदायक चीजों का सेवन ज्यादा करते हैं जिसकी वजह से आये दिन वे किसी न किसी बीमारी से पीड़ित रहते हैं। इस समय देश में किडनी की बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है जिनमें युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।
हाल ही में हुए एक रिसर्च में विशेषज्ञों ने बताया कि नमक का कम सेवन करने से युवाववस्था में किडनी की बीमारियों से बचा जा सकता है। अपने देश में मौत के प्रमुख पांच कारणों में से किडनी की बीमारी से मरने वाले भी शामिल हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो यह एक गंभीर समस्या है। मुंबई के सैफी अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. अरुण पी दोशी का कहना है कि डायलिसिस में 25 से 30 की उम्र वाले मरीजों की संख्या पिछले 5-6 सालों में बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। उनके अनुसार किडनी फेल होने की सबसे मुख्य वजह हाइपरटेंशन ही है और हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी सीधे तौर पर आपकी डाइट में नमक की मात्रा से जुड़ी हुई है।
डॉक्टरों का कहना है कि अगर आप ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकते हैं तो निश्चित तौर पर किडनी फेल होने की संभावना को भी कम कर सकते हैं। इसे नियंत्रित करने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप अपने खानपान में कम से कम नमक का सेवन करें। डाइट में मक्खन, पनीर, चीनी और नमक का अनियंत्रित मात्रा में सेवन ही कई बीमारी का प्रमुख कारण है और अधिकांश लोग इन खाद्य पदार्थों की मात्राओं पर ध्यान ही नहीं देते हैं।
नवी मुंबई स्थित अपोलो अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर अमित लांगोटे का कहना है कि देश में अन्य हिस्सों की तुलना में उत्तर भारत से डायलिसिस के लिए आने वाले युवा मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार अपने देश के अधिकतर घरों में महिलायें ही खाना बनाती हैं। ऐसे में अगर उन महिलाओं को नमक के सीमित इस्तेमाल के बारे में जागरूक किया जाए तो बहुत ही प्रभावशाली तरीके से इस समस्या से निपटा जा सकता है।
नमक और तेल के कम इस्तेमाल से सिर्फ हाइपरटेंशन या किडनी की बीमारियां ही नहीं बल्कि डायबिटीज और मोटापे जैसी गंभीर समस्याओं से भी आराम मिलता है। इसलिए आप सभी को यह सलाह दी जाती है कि रोजाना की डाइट में कम से कम नमक का सेवन करें और घर की महिलाओं को नमक के सीमित उपयोग के बारे में जागरूक करें।
साभार : PTI