गलत खानपान या लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ गलत आदतों की वजह से कभी-कभी कब्ज (Constipation) की समस्या होना आम बात है. लेकिन अगर कई हफ्तों या महीनों से आपकी कब्ज की समस्या ठीक नहीं हो रही है तो इसे अनदेखा ना करें. लंबे समय तक कब्ज से पीड़ित रहने से पाइल्स या इरीटेबल बॉवेल सिन्ड्रोम (IBD) जैसी गंभीर बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है. लंबे समय तक रहने वाली कब्ज को ही पुरानी कब्ज या क्रोनिक कब्ज (Chronic Constipation) कहा जाता है. इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि कब्ज होने के मुख्य कारण क्या है और पुरानी कब्ज से छुटकारा पाने के लिए आप किस तरह के आयुर्वेदिक उपाय अपना सकते हैं.
कब्ज क्या है? (What is Constipation in Hindi?)
आम भाषा में कहें तो सुबह शौच के समय ठीक से पेट साफ ना होना ही कब्ज है. कब्ज के कारण पेट में मल जमा होने लगता है और शौच के दौरान पूरी तरह बाहर नहीं निकलता है. जिसकी वजह से शौच के दौरान बहुत प्रेशर डालना पड़ता है और इस प्रेशर की वजह से शौच के समय तेज दर्द और जलन होने लगती है.
एक हफ्ते में तीन या उससे भी कम बार शौच करना कब्ज की समस्या मानी जाती है. ऐसे में कब्ज दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय अपनाएं या नजदीकी डॉक्टर से मिलें.
कब्ज के मुख्य कारण (Causes of Constipation in Hindi)
कब्ज होने के कई कारण हैं जिनमें अधिकांश कारण आपके खानपान से ही जुड़े हुए हैं. आइए कब्ज के कुछ प्रमुख कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
कम पानी पीना:
कम पानी पीने से मल की गति में रुकावट होती है और इससे पेट में पड़ा मल ठोस या कड़ा होने लगता है. जिससे कब्ज होने लगता है. अगर आप दिन भर में सिर्फ 2-3 गिलास ही पानी पी रहे हैं तो कब्ज होना लगभग तय है. इसलिए कोशिश करें कि दिन भर में कम से कम 7-8 गिलास पानी जरूर पिएं.
फाइबर से भरपूर चीजें कम खाना:
फाइबर युक्त आहार न पाने से पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता है जिससे मल को बाहर निकालने में कठिनाई होने लगती है. इसलिए अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां शामिल करें.
सुस्त जीवनशैली:
सुस्त लाइफस्टाइल भी कब्ज होने की एक प्रमुख वजह है. अगर आप ऑफिस या घर में घंटों एक ही जगह बैठकर काम करते हैं या दिन भर में बहुत कम चलते फिरते हैं तो ऐसी लाइफस्टाइल की वजह से कब्ज होने की संभावना काफी बढ़ जाती है.
अनियमित खानपान:
अक्सर शादियों या पार्टियों में जरूरत से ज्यादा कुछ भी खा लेना, ज्यादा शराब पीना और नाश्ते में या स्नैक में मैदे से बनी चीजें और फास्ट फूड खाने की वजह से कब्ज की समस्या होने लगती है. इसलिए अपने खानपान पर सबसे ज्यादा ध्यान दें और हेल्दी चीजें अधिक खाएं.
दवाएं और सप्लीमेंट:
कई बार कुछ दवाओं या सप्लीमेंट के सेवन से भी कब्ज की समस्या हो सकती है. एक्सपर्ट के अनुसार, जरूरत से ज्यादा पेनकिलर खाने या आयरन और कैल्शियम सप्लीमेंट लेने की वजह से कब्ज की समस्या हो सकती है.
कब्ज के लक्षण (Symptoms of Constipation in Hindi)
- सप्ताह में तीन से कम बार मल त्यागना या शौच करना
- गांठदार या कठोर मल होना
- मल त्यागने के लिए जोर लगाना
- ऐसा महसूस होना जैसे आपके मलाशय में कोई रुकावट है जिससे मल आसानी से बाहर नहीं निकल रहा है
- शौच करने के बाद भी पेट भरा हुआ महसूस होना
- शौच के दौरान अपने पेट पर दबाव डालने के लिए अपने हाथों का उपयोग करना और मलाशय से मल को निकालने के लिए उंगली का उपयोग करना
अगर आपने पिछले तीन महीनों में इनमें से दो या अधिक लक्षणों का अनुभव किया है तो यह दर्शाता है कि आप पुरानी या क्रोनिक कब्ज से पीड़ित हैं.
कब्ज दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic Remedies for Constipation in Hindi)
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक इलाज अपनाकर कब्ज की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. अगर आपको कब्ज के लक्षण दिखें तो यहां बताए गए आयुर्वेदिक उपाय अपनाएं:
त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna)
त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है जो आंवला, हरड़ और बहेड़ा जैसी प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से बनती है. त्रिफला के औषधीय गुणों को देखते हुए ही अधिकांश लोग त्रिफला का इस्तेमाल कब्ज की दवा (Kabj ki Dawa) के रूप में करते हैं. कब्ज दूर करने के लिए रात को सोते समय एक छोटी चम्मच त्रिफला पाउडर को गुनगुने पानी के साथ लें या एक टैबलेट त्रिफला कैप्सूल लें. त्रिफला कैप्सूल खरीदने के लिए यहां क्लिक करें.
इसबगोल (Isabgol)
कब्ज से राहत दिलाने में इसबगोल (प्लांटेगो) काफी प्रभावी माना जाता है. यह एक प्राकृतिक फाइबर स्रोत है जो आपकी पाचन प्रक्रिया को सुचारु रूप से काम करने में मदद करता है. आधे से एक चम्मच ईसबगोल को एक गिलास गुनगुने पानी में भिगोकर खाएं. रात में सोने से पहले इसका सेवन ज्यादा फायदेमंद माना जाता है.
एलोवेरा जूस (Aelovera Juice)
एलोवेरा जूस में फाइबर, एंजाइम्स और एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो पाचन प्रक्रिया को सुधारते हैं. इसके अलावा यह लैक्सेटिव की तरह असर करता है जिससे कब्ज के मरीजों को शौच के दौरान ज्यादा जोर नहीं लगाना पड़ता है.
तीन से चार छोटी चम्मच एलोवेरा जूस में उतनी ही मात्रा में पानी मिलाएं और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें. कब्ज दूर करने के लिए आप टाटा 1mg तेजस्या एलोवेरा जूस का उपयोग कर सकते हैं. तेजस्या एलोवेरा जूस में किसी भी तरह के फ्लेवर या शुगर की मिलावट नहीं की गई है। इसे खरीदने के लिए यहां क्लिक करें.
अभयारिष्ट (Abhayarishta)
अभयारिष्ट कब्ज दूर करने की एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग पुरानी कब्ज के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा किया जाता है. यह दवा प्राकृतिक तरीके से पाचन प्रक्रिया को सुधारने और मल को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है. इसका सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा बतायी गई खुराक के अनुसार ही करें. इसे भी रात में सोने से पहले लेना अधिक फायदेमंद माना जाता है.
डाइट और लाइफस्टाइल में लाएं ये बदलाव (Diet and Lifestyle Changes for Constipation in Hindi)
सुबह गर्म पानी पिएं:
सुबह उठकर शौच जाने से पहले एक गिलास गर्म पानी पिएं. ऐसा नियमित रूप से करने से पेट अच्छे से साफ होता है और कब्ज की समस्या कम होने लगती है.
पानी की मात्रा बढ़ाएं:
जैसा कि इस लेख में पहले बताया गया है दिन में कम से कम 6-8 गिलास पानी जरूर पिएं. इससे पाचन तंत्र सही रहता है और कब्ज की समस्या नहीं होती है.
फल और सब्जियां खाएं:
फल और सब्जियों में फाइबर भरपूर मात्रा में मिलता है. फाइबर वाली चीजें खाने से मल कठोर या सख्त नहीं होता है जिससे शौच के दौरान मल आसानी से बाहर निकल जाता है. इसलिए सभी मौसमी फल और हरी पत्तेदार सब्जियां खूब खाएं.
दूध में घी डालकर पिएं:
रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक छोटा चम्मच घी मिलाकर पिएं. इससे भोजन भी अच्छी तरह पच जाता है और सुबह शौच के समय कोई कठिनाई भी नहीं होती है.
नारियल पानी:
कब्ज दूर करने के लिए रोजाना एक गिलास नारियल पानी पिएं. इसे पीने से शरीर को की जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं साथ ही पाचन तंत्र भी मजबूत होता है.
एक्सरसाइज करें:
रोजाना कम से कम आधे घंटे एक्सरसाइज या योग जरूर करें. एक्सरसाइज करने से भोजन आसानी से पच जाता है और शरीर भी स्वस्थ रहता है. कब्ज दूर करने के लिए आप हालासन, धनुरासन या भुजंगासन जैसे योग कर सकते हैं.
दिन में सोने से बचें:
आयुर्वेद के अनुसार कुछ ऋतुओं में दिन में सोने से परहेज करना चाहिए, खासतौर पर वर्षा ऋतु में। इस ऋतु में सोने से पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और कब्ज की समस्या बढ़ सकती है.
यहां बताए गए आयुर्वेदिक उपायों और लाइफस्टाइल से जुड़े बदलावों को अपनाकर आप जल्द ही पुरानी कब्ज से छुटकारा पा सकते हैं. अगर इन्हें अपनाने के बाद भी कब्ज की समस्या ठीक नहीं हो रही है तो नजदीकी डॉक्टर से मिलें.
(इस लेख की समीक्षा डॉ. स्वाति मिश्रा, मेडिकल एडिटर और डॉ. दीपक सोनी, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ ने की है.)
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