मानसून का मौसम ऐसे तो बहुत खुशनुमा होता है लेकिन आपको थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है क्योंकि मानसून में होने वाली बीमारियां आपका मजा किरकिरा कर सकती हैं. इन दिनों देश के कई राज्यों में लोग आई फ्लू (Eye Flu) की समस्या से परेशान हैं. बारिश के मौसम में होने वाली यह समस्या एक तरह का वायरल इन्फेक्शन है. बच्चे हों या बूढ़े, पुरुष हो या महिलाएं कोई भी इसकी चपेट में आ सकता है. आइए इस लेख में जानते हैं कि आई फ्लू क्या है, यह समस्या क्यों होती है और आई फ्लू हो जाने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
क्या है आई फ्लू? (What is Eye Flu or Conjunctivitis in Hindi?)
आई फ्लू को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे अधिकांश जगहों पर इसे कंजंक्टिवाइटिस या ‘आंख आना’ कहते हैं वहीं कुछ जगहों पर लोग इस बीमारी को ‘रेड आई’ या ‘पिंक आई’ के नाम से जानते हैं. हमारी आंखों के सफेद हिस्से और पलकों के अंदरूनी हिस्से के बीच एक पतली पारदर्शी झिल्ली जैसी परत होती है जिसे कंजंक्टिवा (Conjunctiva) कहते हैं। आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) की समस्या इसी कंजंक्टिवा में सूजन होने के कारण होती है. इन दिनों आई फ्लू के अधिकांश मामले ऐडेनोवायरस की वजह से होने वाले वायरल संक्रमण के कारण हो रहे हैं.
आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) के लक्षण और कारण (Symptoms and Causes of Eye Flu in Hindi)
आमतौर पर कंजंक्टिवाइटिस की समस्या बैक्टीरिया, वायरस या किसी तरह की एलर्जी की वजह से होती है. बैक्टीरियल या वायरल कंजंक्टिवाइटिस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है लेकिन अगर किसी एलर्जी की वजह से कंजंक्टिवाइटिस हुआ है तो यह संक्रामक रोग नहीं है. आई फ्लू के अधिकांश मामले दो तीन दिनों से लेकर कुछ हफ्तों के भीतर अपने आप ठीक हो जाते हैं लेकिन अगर समस्या बढ़ती हुई दिखे तो डॉक्टर से मिलने में देरी ना करें.
ये हैं आई फ्लू के मुख्य लक्षण :
- आंखें लाल होना
- पलकों में सूजन
- आंखों से चिपचिपा कीचड़ निकलना
- आंखों में खुजली या किरकिरापन महसूस होना
- आंखों से सफेद या पीले रंग का डिस्चार्ज होना
- आंखों में दर्द होना
- सोकर उठने पर आंखों का चिपकना
हालांकि कुछ मामलों में आपके लक्षण इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि आप किस वायरस से संक्रमित हुए हैं. उसकी वजह से कुछ लोगों को जुकाम, फ्लू या हल्के बुखार जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं.
आई फ्लू से कैसे बचें (Preventive Tips for Eye Flu or Conjunctivitis in Hindi)
आई फ्लू संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में काफी तेजी से फैलता है. इसके फैलने का सबसे मुख्य कारण है आंखों से निकालने वाला डिस्चार्ज. आई फ्लू होने पर तेज खुजली होने लगती है और लोग बार-बार आंखों को छूते हैं जिससे चिपचिपे डिस्चार्ज का अंश उनके हाथों में चिपक जाता है और इस तरह घर या आसपास के बाकी लोग भी इससे संक्रमित हो जाते हैं. वायरल कंजंक्टिवाइटिस पहले एक आंख से शुरू होता है और कुछ ही दिनों के भीतर दोनों आंखें इसकी चपेट में आ जाती हैं.
कई लोगों का यह भी मानना है कि संक्रमित व्यक्ति की आंखों में देखने से भी आई फ्लू फैल सकता है. आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. आई फ्लू देखने से नहीं बल्कि संक्रमित व्यक्ति की आंख से निकलने वाले डिस्चार्ज के संपर्क में आने से या उनकी पर्सनल चीजों को छूने और इस्तेमाल करने से फैलता है.
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के बीच यह समस्या तेजी से फैलती है। स्कूल में बच्चे हाइजीन का उतना ख्याल नहीं रख पाते हैं साथ ही खेलते या खाते समय अक्सर वे एक दूसरे के करीबी संपर्क में आ जाते हैं जिससे संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है.
अगर आप खुद को और अपने बच्चों को आई फ्लू से बचाना चाहते हैं तो यहां बताए गए बातों का गंभीरता से पालन करें.
1- हाथों को साफ रखें: दिन में कई बार अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से धोएं. अगर आसपास साबुन नहीं है तो अपने पास सैनिटाइजर रखें और इससे हाथों को साफ करें. आंखों को साफ करने और आई ड्रॉप डालने के पहले और बाद में हाथों को ज़रूर धुलें.
2- आंखों को ना छूएं: आई फ्लू होने पर आंखों में तेज खुजली होने लगती है जिससे आपका हाथ बार-बार आंखों पर जाता है. ऐसा बिल्कुल ना करें क्योंकि आंखों को बार-बार छूने या रगड़ने से दूसरी आंख में संक्रमण फैलने की संभावना और बढ़ जाती है.
3- अपना सामान शेयर ना करें: अपना तौलिया, आंखों के मेकअप से जुड़े सामान, कॉन्टैक्ट लेंस जैसी व्यक्तिगत चीजों को दूसरों के साथ बिल्कुल शेयर ना करें. यहां तक कि घर में अगर एक से अधिक लोग संक्रमित हैं तो सबका आई ड्रॉप भी अलग-अलग रखें. अगर आप संक्रमित हैं तो बच्चे से थोड़ी दूरी बनाकर रखें.
4- सार्वजनिक जगहों पर ना जाएं: यदि आप या आपके किसी करीबी को कंजंक्टिवाइटिस है, तो इसे और फैलने से रोकने के लिए सार्वजनिक स्थानों से दूर रहने की कोशिश करें. अधिक से अधिक समय तक घर पर रेस्ट करें और आंखों को आराम दें. इन दिनों टीवी, मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल कम से कम करें क्योंकि इससे आँखों में जलन और भारीपन और बढ़ सकता है.
5- चश्मा पहनें: आई फ्लू होने पर हमेशा चश्मा पहन कर रहें. इससे आपकी आंखें धूल या प्रदूषण से बची रहती हैं साथ ही आप आंखों को बार-बार छूने से बच जाते हैं जिससे संक्रमण ज्यादा नहीं फैलता है.
6- पौष्टिक चीजें खाएं: संक्रमित होने के दौरान अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें. इन दिनों पौष्टिक चीजें खाएं जिससे आपकी इम्यूनिटी और मजबूत हो और आप जल्दी ठीक हो सकें.
7- आई-मेकअप ना करें: आई फ्लू होने पर आंखों में किसी भी तरह का मेकअप जैसे आई-लाइनर, मस्कारा आदि बिल्कुल ना लगाएं. इन चीजों में मौजूद केमिकल आपकी समस्या को और बढ़ सकते हैं.
8- स्कूल या ऑफिस ना जाएं: अगर बच्चे को आई फ्लू हो गया है तो कुछ दिनों तक बच्चे को स्कूल ना भेजें. इसी तरह बड़े लोगों को भी आई फ्लू होने पर कुछ दिन ऑफिस जाने से बचना चाहिए.
घर पर आई फ्लू का इलाज कैसे करें (Home Care Tips for Eye Flu in Hindi)
अगर आप आई फ्लू से संक्रमित हो गए हैं तो घबराएं नहीं बल्कि कुछ आसान से घरेलू उपचार अपनाकर आप इससे जल्दी राहत पा सकते हैं. आई फ्लू होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि अधिकांश मामले 2-3 दिनों में ही ठीक हो जाते हैं. बस आपको साफ-सफाई और कुछ बातों का ध्यान रखना है. आइए जानते हैं :
ठंडे और साफ पानी से आंख धुलें: आई फ्लू होने पर आंखों में बहुत तेज जलन या खुजली होने लगती है. ऐसे में अगर आप साफ ठंडे पानी से आंखों पर छीटें मारें तो जलन और खुजली कम होती है और आंखों को आराम मिलता है.
गर्म सिकाई: एक साफ और मुलायम कपड़ा लें और इसे गुनगुने पानी में भिगोकर आंखों के ऊपर कुछ देर तक पट्टी के रूप में रखें रहें. इससे आंखों की सूजन तेजी से कम होती है.
बर्फ से सिकाई: अगर आंखों की सूजन ज्यादा बढ़ गई है तो एक साफ टिश्यू पेपर में आइस क्यूब (बर्फ) को लपेट लें और इसे बंद आंखों के ऊपर कुछ देर तक रखें. ऐसा करने से सूजन के साथ-साथ खुजली और जलन भी कम होती है.
डॉक्टर के पास कब जाएं (When to See Doctor for Eye Flu in Hindi)
ऊपर बताए गए उपायों को अपनाने के बाद भी अगर राहत ना मिले साथ ही सूजन और परेशानी बढ़ती जाए तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर से सलाह लिए सीधे मेडिकल स्टोर से जाकर कोई आई ड्रॉप ना खरीदें.
एक्सपर्ट के अनुसार, आंखों के इंफेक्शन में लापरवाही बरतने से कॉर्निया भी संक्रमित हो सकती है. कुछ मामलों में आंखों में संक्रमण किसी और वजह से हुआ होता है और लोग आई फ्लू समझकर इलाज में देरी कर देते हैं. ऐसा करने से आंखों को ज्यादा नुकसान पहुँच सकता है. इसलिए अगर आंखों में लालिमा और सूजन दो तीन दिन बाद भी बढ़ती जाए तो आई एक्सपर्ट के पास जाकर जांच कराएं.
छोटे बच्चों के मामले में कभी भी खुद से इलाज करने की कोशिश ना करें ना ही बिना डॉक्टर से मिले कोई आई ड्रॉप डालें.
यकीन मानिए यहां बताए गए उपाय और सावधानियाँ अपनाकर आप अपनी आंखों को संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं और मानसून का भरपूर आनंद उठा सकते हैं.