सिगरेट पीना सेहत के लिए नुकसानदायक है यह सबको पता है, इसके बावजूद भी दुनिया में सिगरेट पीने वालों की कमी नहीं है। एक बार इसकी लत लग जाने पर इसे छोड़ना इतना आसान नहीं होता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पूरी दुनिया में सिगरेट पीने वाले लोगों में से अधिकांश लोग वो हैं जिन्होंने पहली बार इसे शौकिया तौर पर या दोस्तों के दवाब डालने पर आजमाया था।
हाल ही में इस विषय से जुड़ा एक अध्ययन हुआ और उसमें बताया गया कि पहली बार शौक के तौर पर सिगरेट पीने वाले दो तिहाई लोगों ने आगे चलकर पूरी तरह से सिगरेट पीना शुरू कर दिया। वास्तव में ये आंकड़े चौकाने वाले हैं। इस सर्वे में करीब 215000 लोगों ने अपने सुझाव दिए कि किशोरों में सिगरेट का चलन घटाने की भरपूर कोशिशें करनी चाहिए क्योंकि उसी उम्र से लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं।
क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पीटर हाजेक ने बताया कि “पहली बार किसी के कहने पर या शौक के तौर पर सिगरेट आजमाने वाले लोग बहुत जल्दी रोजाना धूम्रपान करने वाले लोगों की श्रेणी में आ जाते हैं और ऐसे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए लोगों को पहली बार सिगरेट पीने से रोकना ही इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।”
रिसर्च टीम ने इस अध्ययन के लिए ग्लोबल हेल्थ डाटा एक्सचेंज द्वारा किये अनेक सर्वे की मदद ली जिसमें लोगों से पहली बार धूम्रपान और रोजाना धूम्रपान की आदतों के बारे में पूछा गया था। इस सर्वे में अमेरिका, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के लोगों को शामिल किया गया था और उनके जवाबों के आधार पर डेटाबेस तैयार किया गया। इस डाटा के आधार पर ही इस बात की जाँच की गयी कि पहली बार सिगरेट पीने वाले कितने लोग आगे चलकर रोजाना सिगरेट पीने लगते हैं।
जांच में पता चला कि इस सर्वे में शामिल 60.3% लोगों ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में एक बार सिगरेट ज़रूर पी है और इन लोगों में से 68.9% लोगों ने कहा कि पहली बार सिगरेट पीने से बाद आगे चलकर उन्हें इसकी लत गयी और अब वे रोजाना सिगरेट पीते हैं।
इतनी अधिक मात्रा में लोगों को इसकी लत लगने के कारण वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया कि किशोरावस्था में ही सिगरेट के इस्तेमाल या चलन पर रोक लगाना इस दिशा में सबसे सही कदम होगा।
प्रोफेसर हाजेक ने बताया कि, “ऐसी चिंता व्यक्त की गयी थी ई-सिगरेट की लत भी परंपरागत सिगरेट के जैसी ही है लेकिन ऐसा नहीं है। आंकड़ों के अनुसार पहली बार ई-सिगरेट पीने वाले ऐसे बहुत ही कम लोग हैं जिन्हें आगे चलकर रोजाना ई-सिगरेट पीने की लत लग गयी लेकिन सामान्य सिगरेट को पहली बार पीने वाले ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है जो आगे चलकर नियमित धूम्रपान करने लगे। इसलिए सिर्फ निकोटीन ही इसके लिए पूरी तरह ज़िम्मेदार नहीं है।
इस रिसर्च को निकोटीन एंड टोबैको रिसर्च जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
साभार : ANI