ऐसी महिलायें जो गर्भवती नहीं होना चाहती हैं या बच्चों के जन्म में अंतराल रखना चाहती हैं उनके लिए गर्भनिरोधक दवाएं बहुत उपयोगी हैं। वास्तव में गर्भनिरोधक गोलियां अनचाहे गर्भ से बचने का सुरक्षित उपाय हैं। गर्भधारण रोकने के अलावा भी इन गर्भनिरोधक दवाओं के कई और फायदे हैं। इस लेख में हम आपको गर्भनिरोधक गोलियों के फायदे, नुकसान और खाने के तरीके के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
गर्भनिरोधक गोली कैसे काम करती है? :
आइये पहले महिलाओं के गर्भवती होने की प्रक्रिया समझते हैं। महिलाओं की ओवरी में से निकलने वाले अंडा पुरुषों के शुक्राणुओं द्वारा निषेचित होता है। उसके बाद यह निषेचित अंडा महिला के गर्भाशय में जाकर स्थापित हो जाता है और वहीं पर विकसित होता है। ओवरी से अंडे निकलने की प्रक्रिया ओव्यूलेशन कहलाती है और यह पूरी प्रक्रिया महिलाओं के शरीर में मौजूद हार्मोन द्वारा नियंत्रित होती है।
गर्भनिरोधक दवाओं में फीमेल हार्मोन (प्रोजेस्टिन एवं एस्ट्रोजन) होते हैं। ये हार्मोन शरीर के अंदर जाकर ओव्यूलेशन की प्राकृतिक प्रकिया में बाधा पहुंचाते हैं और अंडों को ओवरी से निकलने से रोकते हैं। इसके अलावा ये गर्भनिरोधक गोलियां सर्वाइकल म्यूकस के गाढ़ेपन को और बढ़ा देती हैं जिससे किसी शुक्राणु का गर्भाशय ग्रीवा में जाना और अंडे तक पहुंचना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस तरह यह दवाइयां गर्भ ठहरने से रोकती हैं।
गर्भनिरोधक गोली कैसे खाएं :
गर्भनिरोधक गोलियां भी कई तरह की होती हैं। कुछ में प्रोजेस्टिन और एस्ट्रोजन दोनों हार्मोन होते हैं उन्हें मिश्रित गर्भनिरोधक गोली कहते हैं। वहीं कुछ गोलियां ऐसी होती हैं जिनमें सिर्फ प्रोजेस्टिन ही होता है। हर महिला के लिए हर तरह की गोली उपयुक्त नहीं होती है इसलिए बिना गायनेकोलॉजिस्ट की सलाह लिए इन दवाइयों का सेवन ना करें।
गर्भनिरोधक गोली खाने का तरीका बिल्कुल आसान है। आप जिस ब्रांड की दवा खा रही हों सबसे पहले उस दवा के दिशा निर्देशों को गंभीरता से पढ़ें और साथ ही साथ डॉक्टर की सलाह का गंभीरता से पालन करें। आमतौर पर गर्भनिरोधक गोली को रोजाना एक निर्धारित समय पर ही खाना चाहिए। आप इसके लिए दिन में कोई भी एक वक़्त निर्धारित कर सकती हैं। अगर आप किसी दिन ये गोली खाना भूल जाती हैं तो जैसे ही याद आये एक गोली खा लें और फिर अगले दिन निर्धारित समय पर अगली गोली खाएं। अगर आप गोली खाना भूल गयी हैं और अगले दिन दवा खाने का समय आ गया है तो उस दिन दो गोली एक साथ खा लें और फिर आगे से पहले की तरह रोजाना एक गोली खाना जारी रखें।
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जिस दिन आप गोली खाना भूल जाएं उस दिन गर्भनिरोध के दूसरे उपाय जैसे कि कंडोम आदि जरुर अपनाएं।
गर्भनिरोधक गोलियों के फायदे :
अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करना सबसे प्रभावी माना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गर्भनिरोधक दवाइयां ना सिर्फ गर्भधारण को रोकती हैं बल्कि यह अनियमित मासिक चक्र को भी नियमित करती हैं। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में हार्मोन से जुड़ी अनियमितताएं पायी जाती हैं, यही वजह है कि पीसीओएस से पीड़ित कुछ महिलाओं को डॉक्टर गर्भ निरोधक गोलियां खाने को सलाह देते हैं। इसके अलावा जो महिलायें अभी हाल फिलहाल में दूसरा बच्चा नहीं चाहती हैं या दोनों बच्चों के बीच अंतराल रखना चाहती हैं उन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुसार इन गोलियों का नियमित सेवन करना चाहिए। गर्भनिरोधक गोलियों को रोजाना एक ही समय पर खाना ज्यादा अच्छा माना जाता है।
इसके अलावा गर्भनिरोधक गोलियों का सबसे अच्छा फायदा यह है कि अब आप बेहिचक कभी भी सेक्स का आनंद ले सकती हैं और जब भी गर्भवती होना चाहें तो गोलियों का सेवन बंद कर सकती हैं। बाकी अन्य गर्भ निरोधक उपायों की तुलना में गर्भनिरोधक गोलियों की सफलता दर अधिक होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार अगर गर्भनिरोधक दवाइयों का सही ढंग से नियमित इस्तेमाल किया जाए तो इनकी सफलता दर 99% रहती है।
गर्भनिरोधक गोली के नुकसान :
सामान्य तौर पर गर्भनिरोधक गोली खाने से कोई गंभीर दुष्प्रभाव नजर नहीं आते हैं। जबकि कई महिलायें गर्भनिरोधक गोली के साइड इफ़ेक्ट से डरकर ही इसे खाने से कतराने लगती हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए बल्कि इस बारे में खुलकर अपने डॉक्टर से बात करें। गर्भनिरोधक गोली के दुष्प्रभाव के कारण उल्टी, मिचली आना, स्तनों में दर्द या सूजन, माहवारी के बीच में खून के छीटें नजर आना, व्यवहार में बदलाव आदि समस्याएं हो सकती हैं लेकिन ये ज्यादा गंभीर रुप से नहीं होती हैं। अगर इनमें से कोई भी समस्या ज्यादा गंभीर रुप से हो रही है तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
गर्भनिरोधक गोली से जुड़ी ध्यान रखने वाली बातें :
1- अगर आप दिल या लीवर से जुड़ी किसी गंभीर बीमारी की मरीज हैं या आप अनियंत्रित उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं तो आप इन गोलियों का सेवन ना करें या डॉक्टर से संपर्क करें।
2- स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं को भी गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन नहीं करना चाहिए।
3- गर्भनिरोधक गोली किसी भी रुप में यौन संचारित रोगों से बचाव नहीं करती है। इसलिए इन रोगों से सुरक्षा के लिए सेक्स के दौरान एहतियात के तौर पर कंडोम का प्रयोग करें।
4- मोटापे से पीड़ित महिलाओं में इन गर्भनिरोधक दवाइयों का असर कम होता है। अगर आप मोटापे की शिकार हैं तो इन दवाइयों के सेवन से पहले डॉक्टर से इस बारे में बात करें।
5- गर्भनिरोधक गोलियों को नियमित रुप से खाएं, एक भी दिन गोली खाना ना भूलें।
(इस लेख की समीक्षा डॉ. ललित कनोडिया, फिजिशियन ने की है।)
सन्दर्भ :
1- http://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/family-planning-contraception