तुलसी एक औषधीय पौधा है और हिंदू धर्म में इस पौधे का विशेष महत्व है। तुलसी के फायदे (tulsi ke fayde) और धार्मिक महत्व को देखते हुए कई घरों में इसकी पूजा की जाती है। आयुर्वेद में भी तुलसी के गुणों (uses of tulsi in hindi) का उल्लेख विस्तार से मिलता है और वर्तमान समय में तुलसी के गुणों और उपयोग को लेकर तमाम तरह के शोध किये जा रहे हैं और अनेक शोध आयुर्वेद में लिखे इसके गुणों की पुष्टि करते हैं।
आयुर्वेद में तुलसी (tulsi in hindi) के दो प्रकारों के बारे में बताया गया है : हरी तुलसी (राम तुलसी) और काली तुलसी (कृष्ण तुलसी)। हालांकि इन दोनों के रासायनिक संरचना में ज्यादा फ़र्क नहीं है और दोनों ही सेहत के लिए गुणकारी हैं। वर्तमान समय में कई बीमारियों के घरेलू उपायों के रुप में तुलसी का उपयोग प्रमुखता से किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी का पौधा घर में लगाने से मलेरिया वाले मच्छर दूर भागते हैं। सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियां खाने से कई बीमारियों से बचाव होता है। वहीं अगर आप तुलसी और शहद का साथ में सेवन करते हैं तो तुलसी के फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं।
तुलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्व :
तुलसी की पत्तियां (tulsi leaves) विटामिन और खनिज का भंडार हैं। इसमें मुख्य रुप से विटामिन सी, कैल्शियम, जिंक, आयरन और क्लोरोफिल पाया जाता है। इसके अलावा तुलसी में सिट्रिक, टारटरिक एवं मैलिक एसिड पाया जाता है।
तुलसी के औषधीय गुण (medicinal properties of tulsi in hindi):
तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। यह पेट की समस्याओं समेत भूख कम लगने, गैस की समस्या, किडनी से जुड़ी समस्याएं, वाटर रिटेंशन, दाद आदि से आराम दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाती है। सांप या किसी कीड़े के काट लेने पर भी तुलसी का उपयोग (uses of tulsi in hindi) करना गुणकारी माना जाता है। तुलसी की उपयोगिता को देखते हुए ही आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने वाली कई कंपनियां अब अपने उत्पादों में तुलसी का इस्तेमाल करने लगी हैं। इसके अलावा सौन्दर्य प्रसाधनों से जुड़े कई उत्पादों में भी तुलसी का उपयोग किया जाता है।
तुलसी के सेवन का तरीका (How to take tulsi in hindi) :
तुलसी (tulsi in hindi) के पौधे का हर हिस्सा गुणकारी है। सेवन के लिहाज से तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है जबकि आयुर्वेद में तुलसी के बीजों और फूलों के फायदों के बारे में भी बताया गया है। आप तुलसी की पत्तियों को सीधे चबाकर खा सकते हैं या इन्हें चाय में डालकर उबालकर इसका इसका सेवन कर सकते हैं। तुलसी की पत्तिर्यों का सुखाकर इसे अच्छे से स्टोर कर लें तो इसे कई दिनों तक उपयोग में लाया जा सकता है। आजकल बाज़ार में तुलसी स्वरस, तुलसी चूर्ण, तुलसी कैप्सूल और टैबलेट, तुलसी क्वाथ और तुलसी अर्क आसानी से उपलब्ध हैं। आप अपनी सुविधानुसार इनमें से किसी का भी उपयोग कर सकते हैं।
वैसे तो रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियों का सेवन सेहत के लिए गुणकारी है लेकिन अगर आप इसे औषधि के रुप में इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसकी खुराक का विशेष ध्यान रखें। इस लेख में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीपक कुमार सोनी तुलसी के फायदे, नुकसान और उपयोग के बारे में बता रहे हैं।
तुलसी के फायदे (tulsi ke fayde in hindi) :
तुलसी के फायदे (tulsi health benefits) अनगिनत हैं और इसी वजह से आयुर्वेद में इसे संजीवनी बूटी के सामान माना गया है। यह यादाश्त बढ़ाती है, शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है साथ ही कई तरह की बीमारियों से बचाव करती है। आइये तुलसी के प्रमुख फायदों (tulsi benefits in hindi) के बारे में विस्तार से जानते हैं।
तनाव और चिंता दूर करने में सहायक (tulsi benefits for Stress and anxiety in hindi) :
जर्नल ऑफ़ आयुर्वेदा एंड इंटीग्रेटिव मेडिसिन के मुताबिक तुलसी की पत्तियों में मौजूद एंटी-डिप्रेसेंट और एंटी-एंग्जायटी क्षमताओं का असर कई एंटी-डिप्रेसेंट दवाइयों की तरह होता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार भी रोजाना तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से आप स्ट्रेस और डिप्रेशन की समस्या से आराम पा सकते हैं।
सेवन विधि : रोजाना सुबह और शाम को 5-6 तुलसी की पत्तियां चबाकर खाएं या इन्हें चाय में उबालकर पियें।
खांसी और सर्दी जुकाम से आराम (tulsi benefits for cough and cold in hindi):
तुलसी की पत्तियों (tulsi in hindi) में ऐसे गुण होते हैं जो सर्दी-खांसी से आराम दिलाने में बहुत कारगर है। खासतौर पर तुलसी और अदरक से तैयार काढ़ा कफ को पतला करती है और बंद नाक की समस्या से आराम दिलाती है। तुलसी के सेवन से पुरानी से पुरानी खांसी भी ठीक हो जाती है।
सेवन विधि : सर्दी खांसी से आराम पाने के लिए एक कप पानी में थोड़ा-सा अदरक और तुलसी की कुछ पत्तियां उबालकर तुलसी का काढ़ा बना लें। थोड़ा ठंडा होने के बाद इसमें शहद मिलाकर दिन में दो बार इस काढ़े का सेवन करें।
कंजक्टीवाइटिस से आराम (uses of tulsi for conjunctivitis in hindi)
हालांकि इस बारे में वैज्ञानिक शोध कम हैं लेकिन ऐसा देखा गया है कि तुलसी के उपयोग से कंजक्टीवाइटिस (आंख आने) की समस्या से आराम मिलता है। तुलसी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण आंखों की सूजन को कम करते हैं और संक्रमण को और बढ़ने से रोकते हैं।
उपयोग विधि : एक मुठ्ठी तुलसी की पत्तियों को गर्म पानी में 10 मिनट तक भिगोयें। उसके बाद इस पानी में रुई भिगोकर उसे आंखों पर कुछ देर के लिए रखें। जल्दी आराम पाने के लिए दिन में 3-4 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
डायबिटीज पर नियंत्रण (uses of tulsi for diabetes in hindi) :
तुलसी की पत्तियां (tulsi in hindi) ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं जिससे डायबिटीज कंट्रोल में रहता है। जानवरों और इंसानों पर किये शोध से यह पता चलता है कि तुलसी के सेवन से डायबिटीज से होने वाली समस्याओं जैसे कि खून में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ना, वजन बढ़ना, हाइपरटेंशन आदि में कमी आती है। अगर आप नियमित रुप से तुलसी का सेवन कर रहे हैं तो इससे मधुमेह से बचाव होता है।
सेवन विधि : रोजाना सुबह तुलसी की 8-10 पत्तियों को चबाकर खाएं या एक से दो बूँद तुलसी अर्क एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।
बुखार से आराम (tulsi benefits for fever in hindi) :
तुलसी की पत्तियां हल्के बुखार से आराम दिलाने में भी कारगर है। फ्लू होने पर तुलसी की पत्तियों का अर्क पिलाने से बुखार जल्दी ठीक होता है। इसी तरह सर्दी-जुकाम में होने वाले बुखार को भी तुलसी (tulsi in hindi) के सेवन से जल्दी ठीक किया जा सकता है। हालांकि अगर बुखार काफी तेज है और घरेलू उपायों से ठीक नहीं हो रहा है तो डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें।
सेवन विधि : अगर आपको फ्लू की वजह से बुखार है तो तुलसी का अर्क पियें।
अगर सर्दी की वजह से बुखार है तो तुलसी, अदरक और मुलेठी को पीसकर इसे शहद के साथ लें।
ब्लड प्रेशर कम करने में मदद (tulsi leaves help in lowering blood pressure) :
तुलसी (tulsi in hindi) शरीर के ब्लड प्रेशर को घटाती है। यह एंडोथेलिन एंजाइम पर सीधे असर करती है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर के मरीज तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
सेवन विधि : एक से दो बूँद तुलसी अर्क रोजाना सुबह एक गिलास पानी में मिलाकर पियें।
सिरदर्द से आराम (uses of tulsi for headache in hindi) :
अगर दिन भर ऑफिस के काम से आप थक गए हैं और इस वजह से अक्सर आपके सिर में हल्का दर्द रहता है तो ऐसे में तुलसी आपके लिए बहुत फायदेमंद (tulsi health benefits) है। तुलसी में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो हल्के सिरदर्द से बहुत जल्दी आराम दिलाते हैं।
सेवन विधि : 5-6 तुलसी की पत्तियों को चाय में डालकर पियें।
त्वचा के लिए फायदेमंद (tulsi benefits for skin in hindi) :
अगर आप चेहरे पर निकलने वाले मुहांसों से परेशान रहते हैं तो तुलसी के उपयोग (uses of tulsi in hindi) से आज इनसे छुटकारा पा सकते हैं। तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ साथ खून को साफ़ करने वाली क्षमताएं भी होती हैं। मुंहासो के अलावा यह त्वचा संबंधी रोगों जैसे कि दाद, खुजली और ल्यूकोडर्मा आदि से भी बचाव करती है।
उपयोग विधि :
दाद और कुष्ठ रोग के लिए : तुलसी की पत्तियों को नींबू के रस में पीसकर दाद या कुष्ठ वाली जगह पर लगाने से लाभ मिलता है।
मुहांसों के लिए : तुलसी चूर्ण में गुलास जल और मुल्तानी मिट्टी मिलाकर पेस्ट बना लें और इसे नहाने से पहले चेहरे पर लगाएं। बेहतरीन परिणाम के लिए हफ्ते में दो बार इसका प्रयोग करें।
इम्युनिटी क्षमता बढ़ाने में मदद :
तुलसी की पत्तियां शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। यही वजह है कि तुलसी के नियमित सेवन से संक्रामक रोगों जैसे कि सर्दी-जुकाम आदि का खतरा कम होता है।
सेवन विधि : इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने के लिए रोजाना एक से दो बूँद तुलसी अर्क एक गिलास पानी में मिलाकर पिएं।
मेमोरी पॉवर बढ़ाने में मदद (tulsi improves memory power in hindi) :
तुलसी (tulsi in hindi) में एंटी-डिप्रेसेंट क्षमताएं हैं और यह दिमाग को शांत करती है साथ ही दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाती है। इसका नियमित सेवन करने से आपकी याददाश्त मजबूत होती है।
सेवन विधि : रोजाना सुबह खाली पेट तुलसी की 5-6 पत्तियां चबाकर खाएं।
मुंह की दुर्गंध दूर करने में सहायक (uses of tulsi for bad breath in hindi) :
अगर आपके मुंह से अक्सर बदबू आती रहती है और इस वजह से आपको शर्मिंदा होना पड़ता है तो आप तुलसी की पत्तियों का सेवन करें। तुलसी की पत्तियां मुंह की दुर्गंध को दूर करने में सहायक हैं।
सेवन विधि : मुंह की दुर्गंध दूर करने के लिए तुलसी की 4-5 पत्तियों को चबाकर खाएं। ऐसा दिन में दो तीन बार करें।
आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक (tulsi benefits for eyes in hindi) :
आयुर्वेद के अनुसार तुलसी की पत्तियों के रस में ऐसे गुण होते हैं जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करते हैं। खासतौर पर ये रतौंधी के मरीजों के लिए बहुत गुणकारी हैं।
सेवन विधि : बाज़ार में ऐसे कई आयुर्वेदिक आई ड्रॉप्स उपलब्ध हैं जिनमें तुलसी का इस्तेमाल किया गया है लेकिन इन्हें आप डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही उपयोग में लें।
सांप काटने के इलाज में उपयोगी (uses of tulsi in snake bite treatment in hindi) :
आयुर्वेद में बताया गया है कि तुलसी में ऐसी क्षमताएं होती हैं जो सांप के काटने पर शरीर में विष फैलने और दर्द से राहत दिलाती हैं। हालांकि ये एक घरेलू उपाय है और अगर मरीज की स्थिति गंभीर है तो उसे तुरंत चिकित्सक के पास लेकर जाएं।
तुलसी के नुकसान और सेवन से जुड़ी सावधानियां (tulsi side effects and precautions in hindi) :
बेशक तुलसी के फायदे (tulsi ke fayde) अनगिनत हैं लेकिन किसी भी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का सेवन अगर आप ज़रुरत से ज्यादा मात्रा में करते हैं तो इससे सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। तुलसी के मामले में भी यह बात पूरी तरह सच है इसकी अधिक मात्रा या गलत तरीके से सेवन करने से तुलसी के नुकसान (tulsi side effects in hindi) झेलने पड़ सकते हैं। आइये तुलसी के नुकसान के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ब्लड शुगर लेवल कम होने का खतरा :
तुलसी (tulsi in hindi) के सेवन से शरीर का ब्लड शुगर लेवल कम होता है। इसलिए अगर आप ब्लड शुगर लेवल कम करने वाली दवाइयां पहले से खा रहे हैं तो तुलसी के अधिक सेवन से परहेज करें या चिकित्सक से परामर्श लें।
सीमित मात्रा में करें सेवन :
तुलसी के फायदे (tulsi ke fayde) हासिल करने के लिए इसका सेवन हमेशा सीमित मात्रा में या चिकित्सक द्वारा बताई गयी खुराक के अनुसार ही करें। तुलसी की तासीर गर्म होती है, इस वजह से इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में तीव्र जलन की समस्या हो सकती है।
नपुंसकता के इलाज के दौरान करें परहेज :
अगर आप पुरुष हैं और इस समय आप एंटी-इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट ले रहे हैं तो तुलसी के सेवन से परहेज करें। तुलसी की गर्म तासीर आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है।
गर्भावस्था में करें परहेज :
गर्भावस्था के दौरान तुलसी के सेवन से परहेज करना चाहिए। अगर आप इस दौरान तुलसी (tulsi in hindi) का सेवन करनी चाहती हैं तो चिकित्सक की देखरेख में ही करें क्योंकि इसकी वजह से गर्भाशय में सिकुड़न हो सकती है। गर्भावस्था के साथ साथ स्तनपान के दौरान भी तुलसी का सेवन से परहेज करना चाहिए।
सर्जरी के दौरान सेवन से करें परहेज :
ऐसा देखा गया है कि तुलसी खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को धीमी कर सकती है जिसकी वजह से सर्जरी के दौरान या बाद में ब्लीडिंग होने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए अगर आप कोई सर्जरी कराने जा रहे हैं तो उसके दो हफ्ते पहले से तुलसी का सेवन बंद कर दें। .
तुलसी के औषधीय गुणों के साथ साथ इसका धार्मिक महत्व भी बहुत ज्यादा है। हिंदू धर्म के अनुसार जिन घरों में तुलसी का पौधा लगाया जाता है वहां आर्थिक उन्नति के साथ साथ सुख, शांति और समृद्धि आती है। तुलसी के इन्हीं फायदों (tulsi health benefits) को देखते हुए ही अधिकांश लोग अपने घरों में तुलसी का पौधा लगाते हैं। अब आप तुलसी के फायदे और नुकसान को अच्छी तरह जान चुके हैं। अब अपनी ज़रुरत और बीमारी के अनुसार इसका उपयोग करें और स्वस्थ रहें। अगर तुलसी के सेवन के दौरान आपको किसी तरह की समस्या होती है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।