आज के समय में हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है और खूबसूरती बढ़ाने के लिए लोगों द्वारा तमाम तरह के उपाय अपनाएं जा रहे हैं। पिछले कुछ सालों से त्वचा की देखभाल के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है और इसके लिए एलोवेरा का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जा रहा है। आमतौर पर एलोवेरा का पौधा अधिकतर घरों में पाया जाता है लेकिन अभी भी लोग इसके सभी फायदों से परिचित नहीं हैं। एलोवेरा सिर्फ त्वचा के लिए ही फायदेमंद नहीं है बल्कि इसमें और भी कई खूबियां हैं। इस लेख में हम आपको एलोवेरा के ऐसे ही कुछ अन्य फायदों और उपयोग के बारे में बता रहे हैं।
एलोवेरा एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है जो दिखने में हरा और कांटेदार होता है। इसे घृतकुमारी या घीकपार के नाम से भी जाना जाता है। एलोवेरा में कई तरह के औषधीय गुण होने के कारण यह त्वचा की देखभाल के अलावा घावों को भरने में और बालों की देखभाल में भी मदद करती है। आमतौर पर एलोवेरा के जूस, पत्तियों के रस और पत्तियों के गूदे का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। इसे बाज़ार से खरीदने की बजाय आप अपने घर पर ही एलोवेरा का पौधा लगा सकते हैं।
अधिकांश लोग एलोवेरा का इस्तेमाल सिर्फ त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए ज्यादा करते हैं लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि आप इसका इस्तेमाल वजन कम करने, बाल बढ़ाने या कब्ज़ दूर करने जैसी अन्य समस्याओं में भी कर सकते हैं।
कैसे काम करती है एलोवेरा ? :
एलोवेरा जूस में कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, क्रोमियम जैसे खनिज और विटामिन ई, विटामिन सी और विटामिन बी-12 जैसे विटामिन की मात्रा अधिक पायी जाती है। एलोवेरा में घावों को भरने वाले गुण होते हैं और त्वचा पर हल्की खरोंच या कटने पर इसको लगाने से यह प्रभावित हिस्से में खून के प्रवाह को बढ़ाकर घावों को भर देती है।
इसमें पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण यह त्वचा की सूजन को कम करती है साथ ही बैक्टीरिया या वायरस को बढ़ने से रोकती है।
आयुर्वेद के अनुसार एलोवेरा गुरु, स्निग्ध, पिश्चिल और शीत होता है। इसलिए पित्त दोष से जुड़ी त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में यह बहुत उपयोगी है।
एलोवेरा में पाए जाने वाला एंथ्राकिनोन एक प्राकृतिक लैक्सेटिव की तरह काम करता है और आंतों में पानी की मात्रा बढ़ा देता है। जिससे मलत्याग करने में आसानी रहती है। पेट से जुड़ी कई समस्याओं में एलोवेरा का सेवन करना लाभकारी होता है।
एलोवेरा का सेवन कैसे और कितनी मात्रा में करें? :
एलोवेरा को कई तरीके से इस्तेमाल किया जाता है और सबकी मात्रा भी अलग अलग होती है।
– एलोवेरा जेल का इस्तेमाल त्वचा की देखभाल के लिए कर रहे हैं तो दिन में 2-3 बार इसका प्रयोग करें।
– एलोवेरा जूस का सेवन कर रहे हैं तो दिन में 10-20 एमएल का सेवन करना पर्याप्त है।
– प्रतिदिन 1-3 ग्राम एलोवेरा की पत्तियों के गूदे का सेवन पर्याप्त माना जाता है।
एलोवेरा के फायदे
आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं कि एलोवेरा के सेवन से आपको क्या क्या फायदे हो सकते हैं। इसके कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं :
1. मुहांसे दूर करने में सहायक : एलोवेरा का चेहरे पर उपयोग करना सबसे ज्यादा प्रचलित है। इसमें सूजन रोधी गुण होते हैं जिस वजह से यह मुहांसों के इलाज में काफी असरदार है। इसमें मौजूद एंजाइम त्वचा की नमी को सील कर देते है और उनके ऊपर एक एंटीबैक्टीरियल परत बना देते हैं जिससे किसी भी तरह के बैक्टीरियल संक्रमण से त्वचा का बचाव होता है।
चेहरे के मुहांसे और दाग धब्बे दूर करने के लिए एलोवेरा जेल को रोजाना दिन में 2-3 बार मुहांसों पर लगाएं। इस्तेमाल से पहले इसकी थोड़ी सी मात्रा त्वचा पर लगाकर जांच लें कि कहीं आपको इससे किसी तरह की एलर्जी तो नहीं है उसके बाद इसका नियमित उपयोग करें। जिन लोगों की त्वचा अतिसंवेदनशील है उन्हें लम्बी अवधि के लिए एलोवेरा के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए।
2. बालों को बढ़ाने में मददगार : एलोवेरा का इस्तेमाल बालों को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है। एलोवेरा में एक ऐसा एंजाइम पाया जाता है जो सिर की त्वचा को तमाम तरह की बीमारियों से बचाती है जिससे बालों का झड़ना कम हो जाता है। यह प्राकृतिक रुप से नए बालों के बनने में और पहले से मौजूद बालों के विकास में मदद करती है। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है जो सिर की त्वचा में मौजूद बालों की जड़ों में रक्तप्रवाह बढ़ा देती है जिससे बाल अधिक मजबूत होते हैं।
3. रुसी से छुटकारा : सर्दियों के दिनों में कई लोग बालों में रुसी की समस्या से परेशान रहते हैं। ऐसे में आप एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करके रुसी से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए बालों की जड़ों में एलोवेरा जेल लगाएं या एलोवेरा युक्त शैम्पू का प्रयोग करें।
4. स्ट्रेच मार्क्स हटाने में सहायक : एलोवेरा का इस्तेमाल आप स्ट्रेच मार्क्स को हटाने के लिए भी कर सकते हैं। त्वचा के जिस हिस्से में स्ट्रेच मार्क्स हैं वहां एलोवेरा जेल लगाएं और कुछ देर तक मसाज करें। 15 मिनट तक इसे सूखने दें और फिर इसके बाद सादे पानी से धो लें। बेहतरीन परिणाम पाने के लिए दिन में दो बार इसका प्रयोग करें।
5. कब्ज़ दूर करने में सहायक : एलोवेरा की पत्तियों में लेटेक्स नामक पदार्थ पाया जाता है। इस लेटेक्स में एंथ्राकिनोन या प्राकृतिक लैक्सेटिव होते हैं जो कब्ज़ दूर करते हैं और मलत्याग की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। कब्ज़ दूर करने के लिए नियमित रुप से एलोवेरा जूस का सेवन करें लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप डायरिया से पीड़ित हैं तो इसका सेवन ना करें। इसकी उचित मात्रा के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
6. वजन कम करने में सहायक : एलोवेरा के सेवन से वजन कम करने में भी मदद मिलती है। यह शरीर के मेटाबोलिज्म को बढ़ा देती है जिससे वजन कम करने में आसानी होती है। इसके लिए एक या दो चम्मच एलोवेरा के जूस को अपने पसंदीदा फल के जूस में मिलाएं और खाना खाने से 15 मिनट पहले इसका सेवन करें। एलोवेरा का सेवन एक या दो हफ़्तों से ज्यादा अवधि के लिए नहीं करना चाहिए। इसलिए सभी को यह सलाह दी जाती है कि किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें।
7. बवासीर के दर्द और जलन को कम करने में सहायक : बवासीर होने पर मलद्वार के आस पास वाले हिस्से में मस्से निकल आते हैं जिनमें बहुत अधिक खुजली और जलन होती है। एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी क्षमताएं होती हैं और यह मस्सो में होने वाली सूजन और जलन को कम करने में बहुत लाभकारी है। इसके लिए आप एलोवेरा की थोड़ी मात्रा लें और इसे ऊँगलियों की मदद से मलद्वार के चारों तरफ लगाएं और ऊँगलियों से हल्की मसाज करें।
बेशक एलोवेरा के कई फायदे हैं लेकिन अगर आप लम्बे समय तक या किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं तो पहले डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें।
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