वैसे तो बालों का झड़ना आम समस्या है, लेकिन जब ये समस्या बहुत दिनों तक रह जाती है तो बाल पतले हो जाते हैं और हद से ज्यादा गिर जाने के कारण गंजेपन की अवस्था आ जाती है। बालों का गंजापन सिर्फ पुरुषों में ही नहीं होता है बल्कि महिलाओं में भी होता है। असल में महिलाओं का गंजापन पुरुषों की तरह ही होता है सिर्फ उसका पैटर्न अलग होता है। महिलाओं के गंजेपन को एंड्रोजेनेटिक एलोपेशिया कहते हैं। आमतौर पर दो-तिहाईं महिलाओं में गंजापन रजोनिवृति (मेनोपॉज) के बाद होता है लेकिन आजकल की लाइफस्टाल, तनाव, हार्मोन में असंतुलन के कारण महिलाओं में गंजेपन की समस्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है।
रजोनिवृत्ति के कारण महिलाओं में हार्मोन का अंसतुलन सबसे ज्यादा होता है, जिसका असर बालों पर पड़ता है। पौष्टिक आहार की कमी, अत्यधिक तनाव, कम नींद, बार-बार रूसी होना भी बालों के कमजोरी के आम कारण हैं। कुछ प्रकार के एंडोक्राइन या ट्यूमर से हार्मोन के निकलने के कारण भी महिलाओं में गंजापन हो सकता है। एक अध्ययन से ये साबित हुआ है कि वायु प्रदूषण के कारण बालों में सीसा (लेड), कॉपर और कैडमियम उच्च सांद्रता यानि हाई कंसन्ट्रेशन में होने और जिंक निम्न सांद्रता में होने के कारण भी गंजेपन की समस्या होती है [1]।
इन सबके अलावा अगर आपको अनियमित मासिक स्राव, अत्यधिक मुहांसे और अवांछित बाल निकलने की समस्या है तो डॉक्टर से सलाह लें। इन सबके कारणों से भी बाल झड़ने लगते हैं।
गंजेपन के प्राथमिक लक्षण
गंजेपन की अवस्था के कारण बालों के उगने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। नए बाल कम और देर से उगने लगते हैं। हेयर फॉलीकल के सिकुड़ जाने के कारण बाल दिन ब दिन पतले होने लगते हैं, जिसके कारण बाल जड़ से कमजोर होकर टूटने और गिरने लगते हैं।
हां, दिन में 50-100 बालों का झड़ना नॉर्मल माना जाता है।,लेकिन जब ये मात्रा हद से ज्यादा से बढ़ जाता है तब वह गंजेपन का प्राथमिक लक्षण हो जाता है। पुरूषों में गंजापन सर के सामने की तरफ से होने लगता है लेकिन महिलाओं में पूरे सिर में ही गंजापन हो जाता है। महिलाएं जहां से मांग की जाती है गंजेपन की समस्या वहीं से शुरू होती है। महिलाओं में पूरी तरह गंजापन सामान्यतः नहीं देखा जाता है लेकिन पूरे सर के बाल पतले हो जाते हैं।
किस उम्र से गंजापन होना शुरू हो सकता है?
महिलाओं में 30-40 के उम्र के पहले गंजापन न के बराबर होता है, लेकिन 40, 50 और उसके बाद से महिलाओं में गंजेपन की संभावना आमतौर पर नजर आने लगती है। पुरूषों में जैसे एन्ड्रोजेन सेक्स हॉर्मोन के ज्यादा होने के कारण गंजापन होता है वैसे ही महिलाओं में भी गंजा होने के वजह समान होते हैं। इसी तरह जो लोग अगर कम उम्र में बहुत ज्यादा धूम्रपान या सिगरेट पीते हैं तो जल्दी गंजा होने के संभावना बढ़ जाती है।
गंजा हो जाने के बाद फिर से बाल उग सकते हैं?
वैसे देखा जाये तो एक बार गंजेपन की नौबत आ जाने पर पूरी तरह से ठीक होना प्रायः असंभव होता है। हां, अगर प्रथम चरण में सही उपचार किया गया तो गिरे हुए बाल कुछ हद तक वापस आते हैं। लेकिन कोई भी इलाज करने पर प्राय: 12 महीने बाद ही उसका असर नजर में आता है।
क्या माता-पिता या आनुवांशिकता के असर से गंजापन की बीमारी हो सकती है?
माता-पिता या रिश्तेदारों को अगर गंजेपन की बीमारी है तो इससे संतान को गंजापन होने की पूरी संभावना रहती है।
कब से शुरु करना चाहिए गंजेपन का इलाज?
जैसे ही आपको लगने लगे की आपके बाल पहले से पतले होने लगे हैं या मांग के दोनों तरफ बाल कम होने लगे हैं तो तुरन्त डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। आप जितनी जल्दी इलाज शुरु करेंगे उतनी ही जल्दी बालों के गिरने की प्रक्रिया को उपचार के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकेगा।
महिलाओं में गंजापन दूर करने का इलाज
मिनोक्सिडील (Minoxidil)
ये एक तरह की दवा है जो यू.एस. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफ.डी.ए.) द्वारा स्वीकृत है। इसको लगाने से 6 से 12 महीने में नए बाल उग सकते हैं और पहले से घने नजर आते हैं। लेकिन इसको लगाने से किसी-किसी को साइड इफेक्ट्स का भी सामना करना पड़ता है, जैसे- त्वचा शुष्क हो जाना, खुजली होना, लाल जैसा दिखना आदि [2]।
हेयर ट्रांसप्लांट
इस प्रक्रिया में स्कैल्प के एक जगह से पतले बालों को लेकर, जहां पर बाल नहीं है वहां प्रत्यारोपण (हेयर ट्रांसप्लांट) किया जाता है।
हेयर वीविंग
इस तकनीक में सामान्य बाल या सिथेंटिक हेयर को गंजेपन वाले स्थान पर लगाया जाता है।
लोअर लेवल लेजर थेरेपी
लेजर ट्रीटमेंट से बालों का गिरना कम करने के साथ-साथ गंजापन भी ठीक किया जा सकता है। इसके इलाज से ब्लड सेल्स एक्टिव हो जाती है और स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर तरीके से होने के कारण नए बाल उगने लगते हैं [3]।
गंजापन कम करने के घरेलू उपाय
आमतौर पर लोग बाल का झड़ना कम करने के लिए तरह-तरह के घरेलू उपाय करते हैं, लेकिन इसके लिए उपाय की मात्रा, लगाने का तरीका, कितने दिनों तक इनका इस्तेमाल किया जाय, इन विषय पर कोई प्रामाणिक तथ्य नहीं है। ये सिर्फ लोगों की मान्यताओं पर निर्भर है।
अंडे की जर्दी
अंडे की जर्दी को बालों में लगाने से ऐलोपेशिया का कुछ हद तक उपचार किया जा सकता है, क्योंकि मुर्गी के अंडे में हेयर ग्रोथ फैक्टर होता है। यह कोशिकाओं को विकसित करके नए बालों के विकास में सहायता करते हैं [4]।
प्याज का रस
ये घरेलू नुस्ख़ा बहुत ही जाना-माना है। दादी-नानी के जमाने से बालों का झड़ना कम करने के लिए घरेलू नुस्ख़े के रूप में प्याज के रस का इस्तेमाल किया जाता रहा है। ताजा प्याज का रस बालों का झड़ना कम करने के साथ-साथ नए बालों के विकास में भी मदद करता है [5]।
(इस लेख की समीक्षा डॉ. ललित कनोडिया, कंसल्टेंट फार्माकॉलोजिस्ट ने की है।)
संदर्भ:
1-Lai CH, Chu NF, Chang CW, et al. Androgenic alopecia is associated with less dietary soy, lower [corrected] blood vanadium and rs1160312 1 polymorphism in Taiwanese communities. PLoS One. 2013 Dec 30;8(12):e79789.
2-Dinh QQ, Sinclair R. Female pattern hair loss: current treatment concepts.Clin Interv Aging. 2007;2(2):189-99.
3-Gupta AK, Foley KA. A Critical Assessment of the Evidence for Low-Level Laser Therapy in the Treatment of Hair Loss. Dermatol Surg. 2017 Feb;43(2):188-197.
4-Nakamura T, Yamamura H, et al Water-Soluble Chicken Egg Yolk Peptides Stimulate HairGrowth Through Induction of Vascular Endothelial Growth Factor Production. J Med Food. 2018 Jul;21(7):701-708
5-Sharquie KE, Al-Obaidi HK. Onion juice (Allium cepa L.), a new topical treatment for alopecia areata. J Dermatol. 2002 Jun;29(6):343-6. PubMed PMID: 12126069.