कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका अगर सही समय पर पता ना चले या ठीक से इलाज ना करवाने पर मरीज की जान भी जा सकती है। कैंसर के इलाज और रोकथाम को लेकर पूरी दुनिया में कई रिसर्च चल रहे हैं और समय समय पर इनसे सकारात्मक परिणाम भी मिलते रहते हैं। हालांकि यह सच है कि अभी तक कैंसर का पूर्ण रुप से इलाज संभव नहीं है लेकिन वैज्ञानिकों का दावा है कि आने वाले समय में इसका इलाज संभव होगा। अभी तक कीमोथेरेपी को ही कैंसर की रोकथाम का सबसे प्रभावी इलाज माना जाता है। हालांकि हाल ही में वैज्ञानिकों की टीम एक ऐसे दवा पर परीक्षण कर रही है जो स्तन और फेफड़ों में कैंसर पैदा करने वाले जीन के विकास को और कैंसर को फैलने से रोक सकती है।
अमेरिका के मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्च टीम ने बताया कि किस प्रकार आई-बीईटी 762 (I-BET-762) नाम की यह दवा स्तन और फेफड़ों में होने वाले कैंसर को रोकने में मदद करती है। टीम के एक सदस्य कारेन लिबी ने बताया कि ‘आई-बीईटी 762’ मुख्य रुप से शरीर के डीएनए पर असर करती है और जीन के विकास को रोकती है।
कारेन लिबी के अनुसार चूहों पर इस दवा का परीक्षण किया गया और उसमें पता चला कि यह दवा कैंसर और इम्यून कोशिकाओं में आवश्यक प्रोटीन को बनने से रोकती है जिससे चूहों में कैंसर कोशिकाओं की मात्रा 80% तक घट गयी। इस रिसर्च को ‘कैंसर प्रिवेंशन रिसर्च’ जर्नल में प्रकशित किया गया है। रिसर्च टीम का कहना है कि आने वाले दिनों में इस दवा का परीक्षण मानव कोशिकाओं पर किया जाएगा और उन्हें उम्मीद है कि इससे काफी सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। टीम का दावा है कि इस दवा के प्रयोग से लगभग 50% कोशिकाओं में कैंसर होने से रोका जा सकता है।
टीम के एक अन्य सदस्य बर्नार्ड ने बताया कि हाल के कुछ सालों में मोटापे से होने वाले कैंसर के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि अपने वजन को कम करने के सार्थक प्रयास करें। अपनी जीवनशैली में बदलाव लायें, अधिक से अधिक पौष्टिक चीजों का सेवन करें और नियमित रुप से रोजाना आधे घंटे व्यायाम ज़रुर करें। योग और ध्यान की मदद से भी आप खुद को मोटापे और कई तरह की बीमारियों से बचा सकते हैं।
साभार : PTI