गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) एक गंभीर बीमारी है और इस समय पूरी दुनिया में इससे पीड़ित महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाइजेशन) द्वारा ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) और कैंसर पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर 8 मिनट में एक महिला सर्वाइकल कैंसर की वजह से मर जाती है। सर्वाइकल कैंसर की जांच करने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट (Pap smear test) करवाना सबसे ज्यादा प्रचलन में है। लेकिन क्या सभी महिलाओं को ये टेस्ट करवाना चाहिये? साल में कितनी बार पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए? किसी भी महिला को पैप टेस्ट करवाने की जरुरत कब पड़ती है? क्या यह सच में असरदार है? आइये इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सर्वाइकल कैंसर ऐसी बीमारी है जो अंदर ही अंदर पनपने लगती है और महिलाओं को इसका पता भी नहीं चलता है। इसका पता चलने तक काफी देर हो चुकी होती है और तब तक कैंसर पूरी तरह फ़ैल चुका होता है। यही कारण है कि सर्वाइकल कैंसर से मरने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी खतरे को रोकने के लिए सही समय पैप स्मीयर जांच करवाना जरुरी है जिससे आप कैंसर को शुरूआती स्टेज में पहचान सकें और इलाज करा सकें।
पैप स्मीयर या पैप टेस्ट क्या है? (Pap smear test kya hai) :
यह गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) में कैंसर के शुरूआती लक्षणों की जांच करने का एक टेस्ट है। सर्विक्स, महिलाओं के प्रजनन तंत्र का एक हिस्सा है जहां गर्भाशय योनि से मिलता है। सर्वाइकल कैंसर के अलावा एचपीवी संक्रमण की जांच के लिए भी पैप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। सही समय पर पैप स्मीयर जांच करवाने से सर्वाइकल कैंसर का पहले ही पता लगाया जा सकता है। यह गर्भाशय में उन कोशिकाओं को पता लगाती हैं जो कैंसर ग्रस्त हैं या भविष्य में जिनके कैंसर ग्रस्त होने की संभावना है।
पैप स्मीयर जांच कैसे करते हैं?
पैप टेस्ट करने के लिए डॉक्टर या तकनीशियन स्पेकुलम (speculum) नामक यंत्र को योनि में डालते हैं। एक बार जब सर्विक्स नजर आने लगता है तो वहां से कुछ कोशिकाएं यंत्र की मदद से इकठ्ठा की जाती हैं और फिर माइक्रोस्कोप की मदद से इन कोशिकाओं में किसी भी तरह की असामान्यता की जांच की जाती है। अगर वे कोशिकाएं कैंसर ग्रस्त पायी जाती हैं तो उसके हिसाब से डॉक्टर आगे का इलाज करते हैं।
क्या पैप स्मीयर टेस्ट करवाने में दर्द होता है?
डॉक्टर जब सर्विक्स से कोशिकाएं निकालते हैं तो उस समय आपको थोडा असहज महसूस हो सकता है लेकिन इस टेस्ट को कराने में किसी तरह का दर्द नहीं होता है। इसे कराना बिल्कुल आसान है, आप नजदीकी किसी भी क्लिनिक में जाकर पैप स्मीयर जांच करवा सकती हैं।
कैंसर की पहचान करने में पैप स्मीयर टेस्ट कितनी मददगार है?
पैप टेस्ट की मदद से कैंसर कोशिकाओं या ऐसी कोशिकाएं जो आगे चलकर कैंसर उत्पन कर सकती हैं उनका पता लगाना डॉक्टर के लिए आसान हो जाता है। अगर जांच में कैंसर के शुरूआती लक्षण नजर आते हैं तो इस टेस्ट से कैंसर के इलाज में भी मदद मिल सकती है।
महिलाओं को कब पैप टेस्ट करवाना चाहिए?
आमतौर पर हर एक महिला को 21 साल की उम्र के बाद पैप टेस्ट जरुर करवा लेना चाहिए। कई महिलाओं का ऐसा मानना है कि जो महिलाएं सेक्सुअली एक्टिव हैं सिर्फ उन्हें ही ये टेस्ट करवाना चाहिए। जबकि ऐसा नहीं है, इस टेस्ट के लिए महिलाओं का सेक्सुअली एक्टिव होना जरुरी नहीं है बल्कि 21 वर्ष से अधिक उम्र की प्रत्येक महिला को नियमित अंतराल पर पैप टेस्ट कराते रहना चाहिए।
क्या पैप स्मीयर टेस्ट के लिए किसी तरह की तैयारी करनी पड़ती है?
नहीं, आपको इस टेस्ट के लिए किसी भी तरह की विशेष तैयारी नहीं करनी है। आप सिर्फ डॉक्टर के दिशा निर्देशों का पालन करें। हालांकि पीरियड या ज्यादा ब्लीडिंग होने पर उस दिन टेस्ट ना करवाएं बल्कि उससे 4-5 दिन बाद किसी और दिन के लिए इसे शेड्यूल कर लें।
एक महिला को कितनी बार पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए?
पैप स्मीयर के रिजल्ट महिला की उम्र पर निर्भर करते हैं। आमतौर पर 21 से 65 साल के बीच की उम्र वाली महिलाओं को हर 3 साल में एक बार ये टेस्ट जरुर करवाने चाहिए।
किन महिलाओं को पैप टेस्ट नहीं कराना चाहिए?
65 साल से अधिक उम्र की वे महिलाएं जो नीचे बताए गए शर्तों को पूरा करती हों उन्हें पैप टेस्ट नहीं करवाना चाहिए।
- जिन्होंने कभी धूम्रपान ना किया हो।
- आखिरी बार पैप टेस्ट कराने से अब तक उनका सेक्स संबंध एक ही आदमी से हो।
- अब तक उन्होंने नियमित रुप से पैप टेस्ट करवाया हो।
- पिछले 10 सालों में कोई भी पैप टेस्ट असामान्य न पाया गया हो।
अगर मैंने हिस्टेरेक्टोमी (Hysterectomy) कराया है तो क्या मुझे पैप टेस्ट कराने की जरुरत है?
इस बारे में अपने डॉक्टर से पूछें क्योंकि अधिकांश मामलों में जो महिलाओं पहले से हिस्टेरेक्टोमी (गर्भाशय को सर्जरी की मदद से हटाना) करा चुकी हैं उनमें सर्वाइकल कैंसर होने के कोई रिपोर्ट मौजूद नहीं है इसलिए उन्हें पैप टेस्ट कराने की जरुरत नहीं है।
अगर मैंने एचपीवी टीका लगवाया है तो क्या मुझे पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिये?
एचपीवी टीके, एचपीवी संक्रमण और एचपीवी से संबंधित सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करते हैं। हालांकि यह टीका पूरी तरह कैंसर से बचाव नहीं करता है। इसलिए एचपीवी टीका लगाने के बाद भी आपको पैप टेस्ट कराने की जरुरत पड़ सकती है।
क्या असामान्य पैप टेस्ट कैंसर की पुष्टि करता है?
नहीं, पैप टेस्ट में असामान्य कोशिकाएं पाए जाना सामान्य है और हर बार ये निश्चित तौर पर कैंसर होने की पुष्टि नहीं करता है। अगर जांच में असामान्य कोशिकाओं का पता चलता है तो आपके डॉक्टर बेहतर निरीक्षण के लिए दोबारा से इस टेस्ट को कराने की सलाह दे सकते हैं।
पैप स्मीयर टेस्ट की कीमत क्या है?
अधिकांश महिलायें पैप स्मीयर टेस्ट की कीमत जानना चाहती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आमतौर पर पैप स्मीयर टेस्ट कॉस्ट 200 से 2000 रूपए तक के बीच हो सकती है लेकिन यह काफी हद तक आपके डॉक्टर, क्लिनिक और आपकी लोकेशन पर निर्भर करती है। इसलिए अपने नजदीकी अस्पताल में जाकर पैप टेस्ट की सही कीमत का पता लगाएं और जल्द से जल्द ये टेस्ट कराएं।
पैप स्मीयर टेस्ट गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पता लगाने में बहुत सहायक है और सही समय पर कैंसर का पता चलने से कैंसर के खतरे को टाला जा सकता है। इसलिए इसमें लापरवाही ना करें बल्कि नियमित तौर पर अपनी जांच करवाते रहें और स्वस्थ रहें।
( इस लेख की समीक्षा डॉ.ललित कनोडिया, फिजिशियन ने की है। )
संदर्भ :
[1]- Naib ZM. Pap Test. In: Walker HK, Hall WD, Hurst JW, editors. Clinical Methods: The History, Physical, and Laboratory Examinations. 3rd edition. Boston: Butterworths; 1990. Chapter 178.
[2] Schlichte MJ, Guidry J. Current Cervical Carcinoma Screening Guidelines. J Clin Med. 2015 May 7;4(5):918-32.