कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके शुरूआती लक्षणों के बारे में मरीज को पता ही नहीं चलता है और जब उसे पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। हम सभी यह जानते हैं कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है लेकिन अगर आप शुरुआत में ही इस बीमारी की पहचान कर लें और ठीक से इलाज कराएं तो इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
इसके लिए आपको कैंसर के शुरूआती लक्षणों की जानकारी होना बहुत ज़रूरी है। इन लक्षणों के नजर आने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आपको कैंसर ही है बल्कि लक्षण नजर आने पर अगर आप डॉक्टर से अपनी जांच करवा लेते हैं तो ऐसे आप कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
1- लगातार खांसी आना या गला बैठना :
अधिकतर मामलों में खांसी किसी एलर्जी, वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है और कुछ हफ़्तों में अपने आप ठीक हो जाती है। इसी तरह गला बैठने की समस्या वोकल कॉर्ड में गांठ होने या श्वसन तंत्र में एलर्जी के कारण होती है। अगर आपकी खांसी या गला बैठने की समस्या तीन चार हफ़्तों तक लगातार बनी रहती है तो तुरंत जाकर डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं। अगर खांसी के दौरान बहुत तकलीफ हो रही है या खांसते समय बलगम के साथ खून निकल रहा है तो यह फेफड़ों के कैंसर का लक्षण है। ऐसे में बिना देरी किये आपको तुरंत अपनी जांच करवानी चाहिए।
2- स्तनों में बदलाव :
यह सच है कि स्तनों में मौजूद अधिकतर गांठे कैंसर का कारण नहीं होती है लेकिन फिर भी आपको प्रत्येक गांठ की जांच ज़रूर करवानी चाहिए। गांठ होने पर डॉक्टर मैमोग्राम की मदद से स्तन कैंसर की जांच करते हैं। अगर आपके निप्पल से स्त्राव होता रहता है या उसमें से खून निकल रहा है तो यह स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसे में तुरंत अपनी जांच करवाएं।
3- शौच में बदलाव :
अगर लगातार चार हफ़्तों तक आपको शौच के पैटर्न में कुछ परिवर्तन नज़र आते हैं तो इसे अनदेखा ना करें। मल में खून आना, डायरिया या दस्त होना, कब्ज़ होना, शौच के बाद भी पेट ठीक से खाली ना होना, पेट या गुदा के आस पास दर्द होना ये सब कोलन कैंसर के लक्षण हैं। इसलिए ऐसा कुछ भी नजर आये तो डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं।
4- तिल के आकार में परिवर्तन : अगर आपकी त्वचा पर तेजी से नए तिल बन रहे हैं या पुराने तिलों का साइज़ बदल रहा है उनके रंग, गोलाई या गहराई में परिवर्तन हो रहा है तो यह त्वचा कैंसर का संकेत हो सकता है। ऐसा कुछ भी नजर आने पर डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं।
5- मूत्र में खून निकलना : मूत्र में खून निकलने की समस्या को हेमाटूरिया (Hematuria) कहा जाता है। यह समस्या मूत्र में संक्रमण, किडनी की पथरी या मूत्र मार्ग में किसी बाधा के कारण हो सकती है। कुछ मामलों में यह समस्या ब्लैडर या किडनी के कैंसर के कारण भी हो सकती है। इसलिए कभी भी अगर मूत्र में खून आये तो उसे अनदेखा ना करें बल्कि डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं।
6- तेजी से वजन घटना : बिना कोई प्रयास किये अगर आपका वजन तेजी से कम हो रहा है तो जान लें कि यह कैंसर का लक्षण हो सकता है। अधिकांश मरीजों को जब तक कैंसर का पता चलता है तब तक उनका काफी वजन कम हो चुका होता है। हालांकि वजन कम होने के कैंसर के अलावा भी कई अन्य कारण हो सकते हैं लेकिन बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से जांच करवाकर सही कारण का पता लगाएं।
7- योनि से खून निकलना : अगर आप गर्भनिरोधक गोलियां खा रही हैं तो माहवारी के बीच में योनि से खून निकलना पूरी तरह सामान्य है। लेकिन अगर बिना किसी दवा का सेवन किये ही माहवारी के बीच में आपको ब्लीडिंग हो रही है या सेक्स करने के बाद खून निकल रहा है या मेनोपॉज के बाद भी खून निकल रहा है तो इसे बिल्कुल भी अनदेखा ना करें। यह गर्भाशय या सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है।
8- मुंह का अल्सर : अगर आपके मुंह में अल्सर है और वो 3-4 हफ़्तों बाद भी ठीक नहीं हो रहा है तो तुरंत जाकर डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं। जो लोग तम्बाकू और धूम्रपान बहुत ज्यादा करते हैं उनमें ये समस्या ज्यादा पायी जाती है। यह ओरल कैंसर का लक्षण है इसलिए बिना देरी किये मुंह के घाव की जांच करवाएं।
इसलिए आपको या परिवार के किसी अन्य सदस्य को ऊपर बताये गये कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर से चेकअप ज़रूर करवाएं। ध्यान रहे कि शुरूआती जांच से आप किसी भी तरह के कैंसर से बच सकते हैं।