सिर में खुजली अक्सर बाल गंदे होने पर, रूसी होने पर, जूँ होने पर या बहुत ज्यादा तनाव या चिंता होेने पर भी होती है। कभी-कभी किसी दवा के कारण एलर्जी होने पर भी सिर में खुजली हो सकती है जो समय के साथ ठीक भी हो जाती है। सेबोरिक डर्मटाइटिस, सिर में खुजली की एक आम बीमारी होती है यानि सरल शब्दों में कहे तो ये रूसी के कारण होती है। कभी-कभी खुजली के कारण स्कैल्प की त्वचा पपड़ी जैसी बन जाती है। लेकिन रूसी या जूं होना तो सामान्य समस्याएं है ऐसा सोचकर आप इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। क्योंकि सिर में खुजली होना किसी भयंकर बीमारी का पूर्व संकेत भी हो सकता है। वैसे तो खुजली बहुत ही बेचैन करने वाली समस्या है, एक बार शुरू होने पर परेशानी का सबब बन जाती है। तो चलिये हम जानते हैं आखिर खुजली किन बीमारियों के कारण होती है और इसके क्या लक्षण होते हैं।
सिर में खुजली के लक्षण
वैसे तो खुजली शब्द से ये कहने की जरूरत नहीं कि इसका मूल लक्षण क्या होगा। खुजली के सिवा और क्या लक्षण होते हैं, ये जानना जरूरी है-
- सिर में गोल-गोल चकत्ता जैसा बनना
- सिर की त्वचा का शुष्क हो जाना
- त्वचा में बेचैनी
- हल्का बुखार
- घाव जैसी त्वचा
- त्वचा में लाल-लाल रैशेज
- त्वचा में सूजन
स्कैल्प या सिर की त्वचा में क्यों होती है खुजली
वैसे तो इसकी सबसे आम वजह रूसी और जूं तो होती ही है, जो आप जानते ही है। इसके सिवा मौसम में बदलाव, हार्मोन में असंतुलन, दवा से एलर्जी और एलोपेशिया भी हो सकता है। इसके सिवा ये इन बीमारियों के कारण भी हो सकती हैं[1]-
एक्जिमा
इससे स्कैल्प की त्वचा पपड़ीदार बन जाती है और खुजली होती है। लेकिन शिशु और बच्चों में ये ज्यादा होता है। मॉश्चराइजर और स्टेरॉयड क्रीम डॉक्टर से सलाह अनुसार लगाने से इससे आराम मिलता है।
रिंगवर्म यानि टीनिया कैपीटीस
रींगवर्म सिर्फ वर्म नहीं होता है बल्कि एक तरह का इंफेक्शन होता है। इसका ऐसा नाम इसलिए है क्योंकि ये त्वचा पर गोलाकार रूप में केंद्र से लेकर बाहर की ओर फैला हुआ होता है। ये बाल से लेकर हेयर शॉफ्ट तक को प्रभावित करता है। ये बहुत ही संक्रामक होता है एक इंसान से दूसरे इंसान में बहुत जल्दी फैल जाता है। बच्चों से लेकर बड़े तक को ये असर करता है। संक्रमित व्यक्ति का तकिया, कंघी या तौलिया इस्तेमाल करने से इसके फैलने की संभावना बढ़ जाती है। रींगवर्म होने पर बाल झड़ते है, हल्का बुखार, लीम्फ नॉड में सूजन, स्कैल्प में दर्द जैसे लक्षण होते हैं।
जूं
ये तो छोटा रक्त चूसने वाला कीड़ा है। ये सिर के बालों में रहता है और वहां से रक्त को चूसकर अपना जीवनयापन करता है। वैसे तो सच ये है कि जूं भी संक्रामक होते हैं और जब कोई संक्रमित इंसान के संपर्क में आता है तो जूं उसके सर में रेंगते हुए चले जाते हैं। जूं दिन दोगुनी रात चौगुनी बढ़ते हैं। साधारणतः ये समस्या बच्चों में सबसे ज्यादा होता है। जूं के रेंगने के कारण और खून चूसने के कारण खुजली होती है जो बाद में घाव जैसा भी बन जाता है। इसके लिए रोज भीगे बाल, बड़े दांत वाले कंघी से बालों को कंघी करना चाहिए। इसके अलावा कुछ घरेलू नुस्खे भी हैं। अगर बहुत ज्यादा जूं या लीख हो गए हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें।
स्कैल्प प्रूरीटस
स्कैल्प प्रूरीटस बहुत तरह के कंडिशन से होता हैं जिनमें डर्माटोलॉजिक, सिस्टेमिक, न्यूरोलॉजिक और साइकोजेनिक डिज़ीज आते है। साइकोजेनिक प्रूरीटस के मरीजों में ये साधारणतः स्कैल्प और मुँह में जगहों पर होता है।
सेबोरिक डर्माटाइटिस
स्कैल्प प्रूरीटस की सबसे आम बीमारी, सेबोरिक डर्माटाइटिस होती है। इस स्किन के कंडिशन में लाल-लाल सूजन, खुजली और पपड़ीदार त्वचा सबसे आम लक्षण होते है और ये शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। और जब ये स्कैल्प में होता है तब इसको रूसी या डैंड्रफ कहते हैं।
स्कैल्प सोरायसिस
स्कैल्प सोरायसिस पर स्कैल्प में खुजली और पपड़ी जैसी त्वचा बन जाती है। सोरायसीस तब होता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टेम) शरीर के विभिन्न अंगों के हिस्सों को प्रभावित करता है और त्वचा के कोशिकाओं को निशाना बनाता है। इसमें स्कैल्प का हिस्सा आ जाता है। सोरायसिस के मरीजों को रूसी जैसी बीमारी होने की ज्यादा संभावना होती है लेकिन वह रूसी नहीं होता है।
न्यूरोपैथीक इच
डायबिटीज मेलिटस और हर्पीस जोस्टर के कारण स्कैल्प में न्यूरोपैथिक इच होता है। डायबिटीज का पता लगने के पहले या प्रथम चरण में इस तरह के लक्षण से मरीज के सिर के त्वचा में दिखता है। लेकिन डायबिटीज का इलाज होने पर इसके लक्षणों को नियंत्रण में लाया जा सकता है।
नाकटरनल प्रूरीटस
क्या आपको पता है कि रात को जब स्कैल्प में खुजली के कारण नींद उड़ जाती है और पूरी रात आप खुजला खुजलाकर बैचैनी से रात गुजारते हैं तो उस कंडिशन को नाकटरनल प्रूरीटस कहते हैं। रात को ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शाम होते ही रक्त का संचालन और शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इन दोनों के कारण त्वचा सामान्य से ज्यादा गर्म हो जाती है और इसी कारण खुजली होने लगती है[2]।
(इस लेख की समीक्षा डॉ. ललित कनोडिया, जनरल फिजिशियन ने की है।)
संदर्भ
1- Bin Saif GA, Ericson ME, Yosipovitch G. The itchy scalp–scratching for an
explanation. Exp Dermatol. 2011 Dec;20(12):959-68.
2-Lavery MJ, Stull C, Kinney MO, Yosipovitch G. Nocturnal Pruritus: The Battle
for a Peaceful Night’s Sleep. Int J Mol Sci. 2016 Mar 22;17(3):425.