बेहतर स्वास्थ्य के लिए भरपूर नींद लेना बहुत ज़रूरी होता है। इससे शरीर के सभी अंगों को आराम मिलता है साथ ही कई तरह की बीमारियों से बचाव भी होता है। आज कल की भागदौड़ भरी जीवनशैली और तनाव के कारण लोग सोने के लिए ठीक से टाइम नहीं निकाल पाते हैं और यही वजह है कि वे कई तरह की बीमारियों से पीड़ित रहते हैं।
हाल में हुए शोध में यह बताया गया कि अगर आप 8 घंटे से कम सोते हैं तो इससे आपके दिमाग में बार बार नकारात्मक विचार आते हैं जिसकी वजह से आगे चलकर आप स्ट्रेस या डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।
न्यूयॉर्क स्थित बिंघमटन यूनिवर्सिटी के मेरेडिथ कोल्स और जैकब नोटा ने यह शोध प्रस्तुत किया है। कोल्स बताते हैं कि कुछ लोगों में ऐसी प्रवृति होती है कि नकारात्मक विचार उनके मस्तिष्क में ही फंस जाते हैं और वे बार बार उन्हीं विचारों में उलझे हुए रहते हैं। जबकि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो नकारात्मक विचार प्राप्त करने के बाद उसे अनदेखा कर देते हैं और इस तरह के विचारों से जल्दी मुक्त हो जाते हैं।
इस शोध में कई लोगों को शामिल किया गया और उनके सोने का समय साथ ही वे कितनी देर सोते हैं इसका निरीक्षण किया गया। उन्हें कई तरह की तस्वीरें दिखाई गयी और इस दौरान उनके मस्तिष्क में होने वाले बदलावों और उनकी आंखों की गतिविधि को गहनता से चेक किया गया।
बाद में जांच से यह निष्कर्ष निकला कि जो लोग ठीक से सो नहीं रहे थे या भरपूर नींद नहीं ले रहे थे उन्हें नकारात्मक संदेशो और विचारों से दूरी बनाये रखने में मुश्किलें आ रही थी। यह शोध नकारात्मक विचारों और नींद का आपस में रिश्ता दर्शाता है। जिसका मतलब है कि अगर कोई इंसान भरपूर नींद ले रहा है जो नकारात्मक विचार उसके मष्तिष्क में अटकते नहीं है और वो इनमें उलझा हुआ नहीं रहता है बल्कि बहुत जल्द ही वो इन विचारों से मुक्त हो जाता है। वहीं कम नींद लेने वाले लोग इस तरह के विचारों में ज्यादा देर तक उलझे हुए रहते हैं और यही वजह है कि कम नींद लेने वाले लोग बहुत जल्दी एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
रिसर्च टीम ने बताया कि आगे वे इस बारे में और पता लगाने की कोशिश करेंगे कि एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों से बचने के लिए कितनी देर सोना ज़रूरी है। इसलिए आप अपनी जीवनशैली में बदलाव लायें और कम से कम रोजाना 8 घंटे की भरपूर नींद ज़रुर लें।
इस रिसर्च को साइंसडायरेक्ट जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
साभार : ANI