आई फ्लू के प्रकोप से बचना है तो इन 7 बातों का रखें ध्यान

- Anoop Singh

आई फ्लू एक प्रकार का संक्रमण है जो कंजंक्टिवा में सूजन के कारण होता है. आई फ्लू को  कंजंक्टिवाइटिस या 'आंख आना' भी कहा जाता है. 

क्या है आई फ्लू?

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आंखें लाल होना, आंखों में सूजन, और खुजली या आंखों से सफेद या पीले रंग का स्राव होना इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं.

आई फ्लू के लक्षण

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इन दिनों देश के कई राज्यों में आई फ्लू (पिंक आई) की समस्या तेजी से फैल रही है. बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. आइए जानते हैं कि आप इस बीमारी से कैसे बच सकते हैं

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अपने हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं.

हाथों को साफ करें

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आंखों को बार-बार रगड़ने या छूने से बचें, क्योंकि इससे संक्रमण होने और फैलने की संभावना और बढ़ जाती है.

आंखों को ना छुएं

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अपना तौलिया, आंखों के मेकअप से जुड़े सामान या कॉन्टैक्ट लेंस जैसी पर्सनल चीजों को दूसरों के साथ शेयर ना करें.

अपनी चीजें शेयर ना करें

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धूल या गंदगी वाली जगह से आने के तुरंत बाद अपनी आंखों को साफ पानी से धुलें और अगर आंखों में धूल के कण चले गए हैं तो साफ कॉटन से उन्हें बाहर निकालें.

आंखों को साफ रखें

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मानसून सीजन में घर से बाहर कहीं भी जाएं तो धूप वाले चश्मे पहन कर निकलें जिससे आपकी आंखें धूल, गंदगी या दूषित पानी के संपर्क में आने से बची रहें.

चश्मा पहनें

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इन दिनों अगर आपके शहर में आई फ्लू तेजी से फैल रहा है या आपका बच्चा आई फ्लू से संक्रमित है तो बच्चे को कुछ दिन स्कूल ना भेजें.

बच्चों को स्कूल ना भेजें

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आई फ्लू होने पर खुद से इलाज करने की गलती ना करें. इससे आंखों को नुकसान पहुँच सकता है. इसलिए जल्द से जल्द किसी नेत्र विशेषज्ञ के पास जाकर आंखों की जांच कराएं.

आंखों की जांच करवाएं

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