Anoop Singh
अश्वगंधा चूर्ण, अश्वगंधा की जड़ से बनाया जाता है और अधिकांश लोग चूर्ण के रूप मे ही अश्वगंधा का सेवन करना पसंद करते हैं. इस चूर्ण को गुनगुने दूध में मिलाकर रात में सोने से पहले ले सकते हैं.
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अश्वगंधा के सेवन का यह सबसे आसान तरीका है. बाजार में अश्वगंधा कैप्सूल या टैबलेट आसानी से उपलब्ध हैं. एक से दो कैप्सूल दूध या पानी के साथ दिन में एक से दो बार ले सकते हैं.
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अश्वगंधारिष्ट आयुर्वेदिक पद्धति से बना एक लिक्विड सिरप है. खाना खाने के बाद दो से तीन छोटी चम्मच अश्वगंधारिष्ट में इतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर इसका सेवन करना चाहिए.
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अश्वगंधा सत्व का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है. आमतौर पर कई आयुर्वेदिक चिकित्सक इसे अन्य आयुर्वेदिक औषधियों के साथ मिलाकर मरीजों को देते हैं.
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अश्वगंधा जूस का उपयोग सुबह खाली पेट करना चाहिए. तीन से चार चम्मच अश्वगंधा जूस में इतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर लें. जूस की पैकिंग खोलने के बाद एक महीने तक ही इसका उपयोग करना चाहिए.
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अश्वगन्धादि अवलेह च्यवनप्राश के जैसा ही अवलेह है जिसका उपयोग दूध के साथ कर सकते हैं. रात में सोने से पहले एक चम्मच अश्वगन्धादि अवलेह का सेवन गुनगुने दूध के साथ करें.
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घरेलू इलाज अपनाने के 1-2 दिनों के भीतर अगर बीमारी के लक्षणों में कोई सुधार नहीं होता है तो डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें. अगर आप किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो बिना डॉक्टर से सलाह लिए घरेलू इलाज ना अपनाएं.
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