Written by: Dixit Rajput
चीन में प्रकोप के बाद ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने हाल ही में पूरी दुनिया के लिए चिंताएँ बढ़ा दी हैं। हालाँकि यह कोई नया वायरस नहीं है, लेकिन सुरक्षित रहने के लिए इसके बारे में जानकारी रखना ज़रूरी है।
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भारत में 7 जनवरी तक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के 7 मामले सामने आए हैं, जिनमें बेंगलुरु के दो शिशु शामिल हैं, जो ब्रोंकोन्यूमोनिया से पीड़ित थे।
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एचएमपीवी सभी उम्र के लोगों के श्वसन तंत्र पर प्रभाव डालने वाला वायरस है, जो ऊपरी और निचले श्वसन तंत्र दोनों को नुकसान पहुँचाता है। यह हल्के सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण या निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसे गंभीर इन्फेक्शन का कारण भी बन सकता है।
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HMPV के लक्षण अक्सर आम सर्दी-जुकाम जैसे ही होते हैं, जिसमें खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल है। गंभीर मामलों में यह ब्रोंकाइटिस या निमोनिया तक बढ़ सकता है।
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एचएमपीवी संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क, छींकने या खांसने से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से या दरवाजे की कुंडी या खिलौनों जैसी दूषित सतहों को छूने से फैलता है।
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सर्दियों में खाँसी-जुकाम की समस्या ज्यादा होती है ऐसे में इस वायरस का खतरा थोड़ा और बढ़ जाता है। इससे 5 साल से कम उम्र के बच्चे, 65 साल से ज़्यादा उम्र के वयस्क और कमज़ोर इम्यून सिस्टम, अस्थमा या COPD वाले व्यक्तियों को ज्यादा खतरा है।
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हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है, लेकिन स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। एचएमपीवी के ज़्यादातर मामले हल्के होते हैं और उचित देखभाल से ठीक हो जाते हैं।
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- नियमित रूप से और अच्छी तरह से हाथ धोएं। - खुली सतहों को बार-बार सैनेटाइज़ करें। - बीमार व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचें। - भीड़भाड़ वाली सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनें।
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