अक्सर जब आप सफ़र में होतें हैं या पहाड़ों की सैर कर रहे होते हैं तो उस दौरान आपका जी मिचलाने लगता है। सफ़र में उल्टी होना बहुत ही आम समस्या है, इसके अलावा ज्यादा तली-भुनी चीजें खा लेने से या खाना ठीक से ना पचने के कारण भी उल्टी हो सकती है। वास्तव में उल्टी होना एक शारीरिक प्रक्रिया है और मिचली आना , उल्टी आने के ठीक पहले के संकेत होते हैं। इस दौरान पेट में ऐसा महसूस होता है जैसे कुछ ही देर में आपको उल्टी हो जाएगी।
आमतौर पर पेट में किसी तरह का संक्रमण होने पर, मोशन सिकनेस, सी-सिकनेस, फ़ूड पाइजनिंग या ज्यादा खा लेने पर और गर्भावस्था के दौरान मिचली आने की समस्या होती है। मिचली (Nausea in hindi) आने के दौरान सबसे बुरी बात यह है कि इस समय लोग उल्टी होने के डर से घंटो कुछ खाते नहीं है और खुद को भूखा रखते हैं। आपकी जानकरी के लिए बता दें कि उल्टी होने पर या मिचली महसूस होने पर घबराने की कोई ज़रुरत नहीं है।
उल्टी होने पर अगर आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो वे आपको उल्टी की दवा (medicine for vomiting) देते हैं ये दवाइयां एंटी-एमेटिक नामक समूह की दवाइयां होती हैं। जबकि उल्टी होने या जी मिचलाने के अधिकांश मामलों में आप घरेलू उपाय अपनाकर ही इसे ठीक कर सकते हैं। मिचली रोकने के घरलू उपायों से किसी तरह का हानिकारक प्रभाव भी नहीं होता है। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि ये घरेलू उपाय सिर्फ उल्टी के लक्षणों या जी मिचलाने की समस्या से आराम दिलाते हैं, ये उस बीमारी को ठीक नहीं करते हैं जिसकी वजह से मिचली या उल्टी होती है। इसलिए अगर आपको लम्बे समय तक मिचली जैसा महसूस हो रहा है या बार बार उल्टी हो रही है तो तुरंत जाकर डॉक्टर की सलाह लें और बीमारी का इलाज करवाएं। आइये जानते हैं कि उल्टी या मिचली रोकने में कौन से घरेलू उपाय कारगर हैं।
उल्टी और मिचली रोकने के लिए घरेलू उपाय : (Home remedies for vomiting in hindi)
1- अदरक :
मिचली से आराम पाने के लिए काफी पहले से ही अदरक का इस्तेमाल होता रहा है। यह पेट की मांसपेशियों पर असर करती है और उनमें सुधार लाकर उल्टी से आराम दिलाती है। यह पाचक एंजाइम के स्त्राव को बढ़ा देती है और पेट में एसिड की मात्रा को भी नियंत्रित करती है। इसके अलावा यह भोजन को पेट से आंत में जल्दी भेजने में मदद करती है। इन सभी कारणों की वजह से ही उल्टी और मिचली रोकने में अदरक को काफी असरदार माना जाता है। गर्भावस्था में मिचली रोकने के लिए (Nausea pregnancy treatment in hindi) अदरक का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा घरेलू उपाय माना जाता है इसके अलावा कीमोथेरेपी के दौरान जी मिचलाने की समस्या में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
उपयोग करने का तरीका : आप अदरक का सेवन कई तरह से कर सकते हैं। इसके लिए अदरक की चाय बनाकर पीना सबसे आसान तरीका है। चाय बनाने के लिए अदरक के आधे इंच लम्बे एक-दो टुकड़े लें और इसे एक कप गर्म पानी में डालकर उबाल लें। उबालने के दौरान जब पानी घटकर आधा हो जाए तो इसे छान लें और गर्मागर्म पियें। आप ताजे अदरक या शक्कर में मिले हुए अदरक या अदरक युक्त पेय (ginger ale) के रुप में भी इसका सेवन कर सकते हैं।
टिप्स : आजकल बाज़ार में सूखे हुए नमकीन अदरक चूर्ण के रुप में मिलते हैं। ये मिचली में आराम दिलाने में बहुत असरदार हैं।
2- नींबू :
नींबू की अच्छी खुशबू से ही जी मिचलाने की समस्या दूर हो जाती है। नींबू की खुशबू को इतना ताजगी भरा माना जाता है कि इसका इस्तेमाल कई तरह के परफ्यूम और साफ़ सफाई वाले उत्पादों में किया जाता है। खुशबू के अलावा नींबू में पाए जाने वाला सिट्रिक एसिड पेट के लिए बहुत फायदेमंद है और यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है।
उपयोग का तरीका : कब्ज़ या अपच की समस्या होने पर हलके गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से तुरंत आराम मिलता है और मिचली आना बंद हो जाता है। इसके अलावा उल्टी रोकने के लिए आप नींबू की चाय, नींबू पानी, लेमन टार्ट और लेमन पॉप्सिकल्स इत्यादि का सेवन कर सकते हैं।
टिप्स : नींबू को बीच से काटें और आधे नींबू को हल्का निचोड़ लें। अब नींबू के इस वाले हिस्से पर काला नमक और काली मिर्च का पाउडर छिडकें और इसे चूसें। यह मिचली रोकने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय (Nausea treatment in hindi) माना जाता है। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी रुप में ज़रुरत से ज्यादा नींबू का सेवन मिचली आने की समस्या को और बढ़ा सकता है। इसलिए हमेशा सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें।
3- कुरकुरे नमकीन स्नैक्स :
ब्रेड, टोस्ट, नमकीन बिस्किट जैसे कुरकुरे स्नैक्स में स्टार्च की मात्रा काफी अधिक होती है। ये सूखे खाद्य पदार्थ पेट के एसिड को सोख लेते हैं जो मिचली या उल्टी होने की मुख्य वजह होते हैं। ये नमकीन स्नैक्स बहुत ही नरम होते हैं यहां तक कि इनमें बहुत तेज महक या स्वाद भी नहीं होता है। अधिकतर मामलों में ज्यादा भूख लगने की वजह से भी मिचली आने लगती है जबकि इन स्नैक्स के सेवन से ज्यादा भूख लगने की समस्या से भी आराम मिलता है।
उपयोग का तरीका : मिचली आने पर कुछ नमकीन बिस्किट या सूखे स्नैक्स खाने से ही जी मिचलाना कम हो जाता है। ऐसा होने पर हमेशा नमकीन चीजें खानी चीहिए क्योंकि उनमें मौजूद सोडियम, उल्टी या दस्त के बाद शरीर में होने वाली सोडियम की कमी को नियंत्रित बनाये रखते हैं।
टिप्स : सुबह उठने पर जी मिचलाने की समस्या से बचने के लिए रात में सोने से पहले सूखे टोस्ट या नमकीन बिस्किट खाकर सोएं। गर्भावस्था के दौरान उल्टी रोकने के लिए यह सबसे असरदार घरेलू उपाय है।
4- कड़ी पत्ते :
इसे करी पत्ते (Curry leaves) के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय घरों में खाना बनाने में कड़ी पत्तों का उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है। इसकी खुशबू से ही डिश का पूरा स्वाद बदल जाता है। इन खूबियों के अलावा कड़ी पत्तों में कार्मीनेटिव गुण (carminative properties) होते हैं जिससे यह पेट में गैस बनने से होने वाली जी मिचलाने की समस्या से आराम दिलाती है।
उपयोग करने का तरीका : 10-15 कड़ी पत्तों को कूटकर उसका पेस्ट बना लें और जूस निकाल लें। अब इसमें नींबू के रस की कुछ बूँदें और शहद मिलाएं। जब भी मिचली या उल्टी जैसा महसूस हो तो एक चम्मच इस मिश्रण को पी लें। इससे उल्टी तुरंत रुक जाती है।
टिप्स : अपच से आराम दिलाने के अलावा कड़ी पत्तों का उपयोग वजन कम करने और बालों को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।
5- पुदीने की पत्तियां :
पुदीने की पत्तियों में मौजूद मेंथोल पेट की जलन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पुदीने में एसेंशियल ऑयल की मात्रा ज्यादा होती है जो पेट की मांसपेशियों को शिथिल करके पाचन को बेहतर बनाती हैं। ये भोजन को पेट से आंत तक जल्दी भेजने में भी मदद करती हैं। ये सारी खूबियां एकसाथ मिलकर उल्टी या मिचली की समस्या से आराम दिलाती हैं।
उपयोग का तरीका : पुदीने की पत्तियों का सेवन आप कई तरीकों से कर सकते हैं। आप इन पत्तियों को सीधे चबाकर खा सकते हैं या पुदीने की चाय बनाकर पी सकते हैं। आप नींबू पानी में थोड़ा पुदीना मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं। पेपरमिंट ऑयल को सूंघने से भी जी मिचलाने से आराम मिलता है। मिचली रोकने के लिए पुदीने की चाय बनाकर पीना सबसे आसान और असरदार उपाय है।
टिप्स : मिचली आने पर पुदीने, धनिया और अदरक की चटनी बनाकर उसका सेवन करने से तुरंत आराम मिलता है।
6- इलायची :
अब आप घर बैठे ही जी मिचलाने का इलाज (vomiting treatment at home in hindi) कर सकते हैं. आपको बता दें कि इलायची में एंटी-एमेटिक और कार्मीनेटिव गुण होते हैं जो पेट की दिक्कतों से आराम दिलाने में मदद करते हैं और मिचली आने से रोकते हैं। इलायची की खुशबू मूड को बेहतर करती है जिससे जी मिचलाना कम होता है।
उपयोग का तरीका : मिचली आने पर 2-3 छोटी इलायची का सेवन करें, इससे तुरंत आराम मिलता है।
टिप्स : पेट फूलने पर या उल्टी जैसा महसूस होने पर इलायची के साथ सौंफ मिलाकर खाने से तुरंत आराम मिलता है।
इसलिए अगली बार जब भी आपको उल्टी जैसा महसूस हो तो तुरंत किचन में जाएं और ऊपर बताए गए किसी भी घरेलू उपाय को अपनाएं। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि अगर आप गंभीर डिहाइड्रेशन , वायरल बुखार या बैक्टीरियल संक्रमण या एसिड रिफ्लक्स से पीड़ित हैं और इस दौरान बहुत ज्यादा उल्टी हो रही है तो ऐसे हालत में तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराएं। यह पहले भी बताया जा चुका है कि ये घरेलू उपाय सिर्फ उल्टी के लक्षणों से आराम दिलाते हैं, बीमारी का इलाज नहीं करते हैं।
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