/वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

आजकल की व्यस्त और भागदौड़ भरी जिंदगी में एक ऐसी समस्या है जिससे सभी लोग अक्सर जूझते है और वो है प्रदूषण। चाहे वायु प्रदूषण हो, भूमि प्रदूषण,ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण या अन्य कोई प्रदूषण सभी इस सृष्टि के लिए बेहद भयानक हैं, खासतौर पर वायु प्रदूषण क्योंकि इस प्रदूषित वायु को हम अपनी साँस द्वारा अंदर लेते है जिससे हमारा शरीर कई गंभीर रोगों का शिकार हो सकता है। मनुष्य के लिए वायु के बिना जीवित रहना असंभव है अगर हम पांच मिनट भी साँस न लें तो जीवित नहीं रह सकते हैं। एक व्यक्ति एक दिन में 20 हजार बार साँस लेता है जिसमें 35 पौण्ड वायु का उपयोग होता है। ऐसे में अगर हम दूषित वायु को अपने शरीर के अंदर ले जाते है तो हमारी जान को खतरा हो सकता है

प्राचीन समय में वायु प्रदूषण की इतनी समस्या नहीं थी जितनी आज है क्योंकि उस समय मनुष्य की जरूरतें बहुत ही सीमित थी, लेकिन समय के साथ-साथ मानव ने अपने फायदे के लिए बिना सोचे समझे प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट करना शुरू कर दिया जिससे आज प्रकृति का संतुलन पूरी तरह से बिगड़ने लगा है। यही कारण है कि आज इसका प्रभाव बाकी स्थानों के साथ साथ वायु पर भी पड़ा है। आज पूरी दुनिया ही वायु प्रदूषण का शिकार बन चुकी है। दरअसल हमारे वायुमंडल में कई गैसें होती है जो एक निश्चित अनुपात में होती है लेकिन अगर इनमें थोड़ा सा भी परिवर्तन हो जाए तो वायुमंडल प्रदूषित हो जाता है। जो गैसें वायुमंडल को प्रदूषित करती है उनमे कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड, हाइड्रोकार्बन आदि शामिल है। वायु प्रदूषण के मुख्य कारणों में से कुछ बढ़ती जनसंख्या, औद्योगीकरण, वृक्षों का लगातार कटाव, फैक्ट्रियों और वाहनों से निकलने वाला धुआँ आदि हैं।

हमारा देश लगातार वायु प्रदूषण के शिकंजे में फंसता जा रहा है यहां लगभग 30 लाख लोग अस्थमा से पीड़ित है। हाल ही में हुए एक अध्ययन के मुताबिक भारत के पांच मुख्य शहर जैसे दिल्ली, ग्वालियर, रायपुर ,पटना और लखनऊ दुनिया में सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से हैं। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के अनुसार अब हमारे देश की राजधानी दिल्ली वायु प्रदूषण में चीन के शहर बीजिंग को भी पीछे छोड़ चुकी है और यहां के निवासियों को फेफड़े का कैंसर होने की संभावना बहुत अधिक रहती है।

वायु प्रदूषण के प्रभाव

वायु प्रदूषण के कारण इंसानों पर और हमारे प्रकृति पर बहुत बुरे प्रभाव पड़ रहे है। उनमे से कुछ इस प्रकार है।

ओजोन परत अवक्षय

: ओजोन एक हल्की नीले रंग की गैस है जिसकी परत हमारे वायुमंडल में होती है और यह परत सूरज से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों से हमारी और पृथ्वी की रक्षा करती है।  अगर ओज़ोन की यह परत नष्ट हो जाती है तो यूवी किरणों का सीधा प्रभाव प्राणियों और प्रकृति पर पड़ेगा जिससे सभी प्राणी नष्ट हो सकते है। वायु प्रदूषण ओज़ोन परत के अवक्षय का एक मुख्य कारण बनता जा रहा है।

ग्रीनहाउस प्रभाव

: यह एक प्राकृतिक घटना है जिसके कारण पृथ्वी गर्म रहती है जिससे पृथ्वी पर जीवन संभव है। अगर ग्रीनहाउस प्रभाव नहीं होगा तो हमारी पृथ्वी बहुत ही ठंडी होगी। सूरज से आने वाली ऊर्जा ग्रीनहाउस तक आती है और इस ऊर्जा का कुछ अंश  मिट्टी, पेड़ पौधों आदि द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है जिससे यह अंश ऊष्मा यानी गर्मी में बदल जाता है जिससे ग्रीनहाउस गर्म रहता है। किन्तु वायु प्रदूषण के कारण यह संभव नहीं है, इसके कारण धरती का तापमान अब संतुलित नहीं रहता है।

अम्लीय वर्षा

: जैसा की नाम से ही पता चलता है यह अम्लीय वर्षा प्राकृतिक तौर पर होती है। जब पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद सल्फर डाइआक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसें पानी के साथ मिलती है तो उनमे क्रिया होती है जिससे नाइट्रिक एसिड और गंधक का तेजाब आदि बन जाते है। अम्लीय वर्षा से इंसानों और जानवरों की मौत हो सकती है साथ ही इससे कई अन्य  हानिकारण परिणाम भी हो सकते है जो समय समय पर देखने को मिलते है।

अन्य प्रभाव

: वायु प्रदूषण का प्रभाव सब पर होता है चाहे वो जीव जंतु हो, पेड- पौधे हो, मौसम हो या पुरानी इमारते। वायु प्रदूषण के प्रभाव से मनुष्यों में निमोनिया, उल्टी, फेफड़े का कैंसर, एम्फायसीमा, ब्रोंकाइटिस, सिरदर्द,  हृदय रोग, जुकाम, खांसी व आंखों में जलन आदि रोग हो सकते है। पिछले कुछ समय से मौसम में भी जबरदस्त बदलाव हुआ है जिससे अचानक अत्यधिक बारिश होना या सूखा पड़ जाना आम होता जा रहा है। पुरानी इमारतों पर भी वायुप्रदूषण से बुरा प्रभाव पड़ता है जैसे ताजमहल जो सफ़ेद रंग का है, लेकिन वायु प्रदूषण के कारण अब इसका रंग पीला पड़ता जा रहा है।

वायु प्रदूषण के प्रभाव को कैसे रोके

1) सही आहार चुने

साँस लेना जीवित रहने के लिए बेहद जरूरी है किन्तु आजकल की यही हवा इतनी खतरनाक है कि इनसे हमारी जान जा सकती है। ऐसे कई ठोस कदम है जो हमें और सरकार दोनों को उठाने चाहिए ताकि हवा की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके। जानिए कुछ ऐसे ही खाने-पीने की चीजों के बारे में, जो बेहतरीन प्राकृतिक एंटी-ऑक्सिडेंट हैं और जो शरीर को इस वायु प्रदूषण से निपटने में सहायता करते है और इसके हानिकारक प्रभावों से बचाते है।

अ) विटामिन सी युक्त पदार्थ

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

विटामिन सी से युक्त पदार्थ अच्छे एंटी-ऑक्सिडेंट होते है। विटामिन सी पानी में घुल जाता है और इसके सेवन से शरीर की अच्छे से सफाई होती है। विटामिन सी हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी और फायदेमंद है। हर व्यक्ति को अपने आहार में विटामिन सी को ज़रूर शामिल करना चाहिए। विटामिन सी सब्जियों में जैसे साग, धनिया ,पालक और गोभी आदि में भरपूर होता है इसलिए इन सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें। आंवला, अमरुद और नींबू में भी विटामिन सी पाया जाता है इसलिए इनसे भी आप विटामिन सी प्राप्त कर सकते है। इसके अलावा संतरा, माल्टा ,मौसमी आदि फलों का भी सेवन करें।

ब)बीटा कैरोटिन

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

कैरोटीन एक कार्बनिक यौगिक है जो बेहतरीन एंटीऑक्सिडेंट है और यह सूजन या दाह को नियंत्रित करने में मदद करता है। बीटा कैरोटिन को भी अपने आहार में शामिल करके आप वायु प्रदूषण से अपने शरीर को कुछ हद तक बचा सकते हैं। मेथी ,पालक साग, गाजर लाल और नारंगी रंग की सब्जियों और फलों में यह अधिक मात्रा में पाया जाता है।

स)ओमेगा-3 

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

ओमेगा-3 अच्छा पॉलीअनसेचुरेटेड फैट है जो शरीर को कई रोगों से मुक्ति दिलाने में मदद करता है जैसे हृदय के लिए, तनाव, अवसाद और कैंसर आदि,  इसके साथ ही यह शरीर को वायु प्रदूषण के प्रभावों से भी बचाता है। अखरोट, अलसी के बीज, ब्लूबेरी,सोयाबीन, राई का तेल, सीफ़ूड, सरसों के बीज, हरे पत्तेदार सब्जियां आदि में ओमेगा-3 पाया जाता है।

ह)विटामिन-ई

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

विटामिन-ई शरीर को सेहतमंद बनाये रखने और अन्य कई रोगों से बचाने में बेहद जरूरी है। यह मानव के ऊतकों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने में फायदेमंद है। यह कई खाद्य पर्दार्थों में पाया जाता है जैसे सूरजमुखी का तेल,पीनट का तेल और जैतून का तेल ,कनौला का तेल, बादाम, मछली, लौंग आदि। रोजाना इनकी कुछ मात्रा लेने से भी वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

य) आयुर्वेद

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

आयुर्वेद में शरीर को हर रोग और समस्या से राहत दिलाने के लिए कोई कोई उपाय ज़रूर है। आयुर्वेद में वायु प्रदूषण से होने वाले हर रोग के नियंत्रण के लिए तरीका है जैसे साँस सम्बन्धी, फेफड़ों से सम्बन्धी , खांसी, अस्थमा आदि  हल्दी एक ऐसा  एंटीऑक्सिडेंट है जो फेफड़ों की समस्या के लिए उपयोगी है। ऐसे ही शहद और हरीतकी भी खांसी या कफ में उपयोगी है। अस्थमा के रोगी के लिए गाय का दूध और गेहूँ फायदेमंद है वहीं अन्य आयुर्वेदिक तत्व जैसे मुलेठी, तुलसी, जायफल आदि भी वायु प्रदूषण के प्रभावों को कम करते है।

2)कारखानों का धुआं

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

कारखानों को हमेशा रिहायशी इलाकों से दूर बनाना चाहिए ताकि इसके धुएँ का प्रभाव उस इलाके के लोगों पर न पड़ें। साथ ही कुछ आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करना चाहिए जिससे अधिक जहरीला धुआँ न निकले और हवा में न मिले। इसके अलावा ऐसे कारखानों को हर तरह के एहतियात बरतनी चाहिए ताकि कम से कम वायु प्रदूषण हो। आज बड़े बड़े शहरों में कारखाने और अन्य बड़े उद्योग संकेन्द्रण संयंत्रों का प्रयोग कर रहे है ताकि वायु को कम से कम नुकसान हो।

3) गाड़ियों से निकलने वाला धुआँ

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

वाहनों से निकलने वाला धुआं भी वायु प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण है। हमारे देश में वाहन भी बहुत अधिक संख्या में है हालांकि सरकार भी इस प्रदूषण को रोकने के लिए समय समय पर कुछ कदम उठाती है और जनता से भी यह आग्रह करती है कि वो इसे रोकने में मदद करें। जैसे पिछले साल दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन स्कीम लांच की थी जिसमें एक दिन ईवन और एक दिन ऑड  नंबर की गाड़ियों को सड़कों पर चलने का नियम बनाया था ताकि कम से कम धुआँ निकले और वायु प्रदूषण कम हो। इसके अलावा अपने “कार या स्कूटर” को अपने सह कर्मियों या पड़ोसियों के साथ शेयर कर के ऑफ़िस या अन्य जगह जाना भी एक अच्छा विकल्प है। हम सब को भी अपने वाहनों की नियमित जांच करानी चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए की आपके वाहन से हानिकारक धुआं न निकले।

4)धूम्रपान

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

धूम्रपान एक ऐसा वायु प्रदूषण है जो आपके साथ साथ आपके घर के सदस्यों को भी प्रभावित करता है। विडंबना इस बात की है कि धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के लिए यह मज़ा है किन्तु असल में यह खुद के लिए और आस पड़ोस के व्यक्तियों के लिए सजा की तरह है। इसलिए अगर आप धूम्रपान करते है तो इसे छोड़ दें और दूसरे लोगों को भी यह करने की सलाह दें। वायु प्रदूषण से बचने का यह भी एक अच्छा उपाय है।

5)गांवों में रोजगार के साधन

जैसा की सबको पता है कि वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण अधिक जनसंख्या, वाहन और कारखाने हैं। लोग रोजगार की तलाश में गांवों से निकल कर शहरों की और प्रस्थान कर रहे है जिसके कारण शहरों में जनसंख्या बढ़ रही है, शहर कंक्रीट के जंगल बन रहे है, वाहनों की संख्या अधिक हो रही है और अधिक से अधिक कारखाने वहां लगाए जा सकते है, वहीं दूसरी और गांव खाली हो रहे है। इसलिए शहरीकरण की इस प्रक्रिया को रोकना चाहिए और गांवों में ही रोजगार के साधनों को विकसित करना चाहिए ताकि लोग अपने गांव या कस्बे को छोड़ कर शहर ना जाए और अपने गांव में ही रहें। इससे हो रहा असंतुलन धीरे धीरे कम होगा और वायु प्रदूषण रुकेगा।

6) धुएँ वाले ईंधन का प्रयोग न करें

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

हमारे देश की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा आज भी गांवों में निवास करता है। आज भी हमारे गांवों में लकड़ी या गोबर के ईंधन का प्रयोग किया जाता है जिससे बड़ी मात्रा में वायु प्रदूषण होता है इसे रोकने के लिए बिना धुएं वाले ईंधन या सौर ऊर्जा का प्रयोग करना चाहिए।

7) वृक्षों को न काटे

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

जनसंख्या के बढ़ने के साथ साथ इमारतों के निर्माण में भी बढ़ोतरी हो रही है। इनके निर्माण के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा जाता है। पेड़ मनुष्य के सबसे अच्छे मित्र है और यह वायु प्रदूषण को रोकने में भी बेहद सहायक है। इसलिए वनों की हो रही कटाई को रोकना जरूरी है। सरकार को इस दिशा में कड़े से कड़े कदम उठाने चाहिए और सबको वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करना चाहिए। जितने अधिक पेड़ होंगे उतना ही सुरक्षित हमारा वातावरण होगा और वायु प्रदूषण कम होगा।

8)लोगों को जागृत करें

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

वायु प्रदूषण से बचने या बचाने से भी अधिक जरूरी है लोगों को इसके बारे में जागरूक करना। अगर देश के अधिकतर लोग इसके बारे में जागरूक होंगे तो वो वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे, जिससे जल्दी अच्छे परिणाम नज़र आयेंगे इसलिए बच्चों के पाठ्यक्रम में वायु प्रदूषण को ज़रूर शामिल करना चाहिए और उन्हें इस बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए। इसके अलावा इससे होने वाले नुकसानों से सबको सचेत करने के लिए दूरदर्शन, रेडियो पत्रपत्रिकाओं या इंटरनेट पर प्रचार करना चाहिए।

 

वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के उपाय

अधिकतर लोग वायु प्रदूषण के लिए स्वयं को नहीं बल्कि दूसरों को और सरकार को उत्तरदायी ठहराते है, किन्तु यह सही नहीं है। हम स्वयं छोटी छोटी बातों का ध्यान रख कर इसमें सहयोग दे सकते है। हाल ही में दिल्ली और इसके पडोसी राज्यों में वायु प्रदूषण से सभी लोग प्रभावित हो रहे है क्योंकि वहां के पर्यावरण में धुएँ और धुँध ने एक ऐसा आवरण बना रखा है जो बेहद हानिकारक है और वहां लोगों को मास्क लगा कर बाहर निकलने के लिए कहा जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि यह सिर्फ शुरुआत है अगर वायु प्रदूषण को नहीं रोका गया तो आने वाले समय में इसके परिणाम बेहद भयंकर हो सकते है। हालाँकि अभी भी उतनी देर नहीं हुई है अगर हम चाहें तो छोटी छोटी बातों का ध्यान रख कर हम अपने देश को इस भयंकर वायुप्रदूषण से बचा सकते है।

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Anu Sharma is Software engineer with passion for writing, Best known for her rapid-learning techniques. Anu is credited with weaving many articles related to Health, Ayurveda and beauty for online publication