Contents
क्या आपको पता है कि जिस पौधे को आप अपने घर की छतों, बाग-बगीजों पर आसानी से उगाते हैं उस घृतकुमारी का उपयोग क्या है? क्या आप जानते हैं कि घृतकुमारी को ही एलोवेरा बोला जाता है? वास्तव में एलोवेरा औषधीय गुणों की खान है और सचमुच आप इसके बारे में नहीं जानते होंगे। जब आप एलोवेरा के गुणों या एलोवेरा के इस्तेमाल के बारे में जानेंगे तो आश्चर्य में पड़ जाएंगे।
आजकल प्राय: लोगों के घरों के गमलों में घृतकुमारी अर्थात एलोवेरा के पौधे दिखाई पड़ जाते हैं। पूरी तरह से हरे रंग का मोटे गुदेदार पत्तेदार वाला यह पौधा लोग अपने घरों की शोभा बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाते हैं, लेकिन इसका औषधीय प्रयोग भी किया जाता है। आप एलोवेरा से अपना और अपने परिवार की बहुत सी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं, तो आइए जानें एलेवोरा का इस्तेमाल किन-किन रोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है।
एलोवेरा का पौधा छोटा होता है जिसके पत्ते मोटे, गूदेदार होते हैं और यह चारो तरफ लगे होते हैं। एलोवेरा (Aloe Vera) के पत्ते के आगे का भाग नुकीला होता है और इसके किनारों पर हल्के कांटे होते हैं। पत्तों के बीज से फूल का दंड निकलता है जिस पर पीले रंग के फूल लगे होते हैं।
भारत के कई ग्रंथों जैसे कि अमरकोष, भावप्रकाश आदि में घृतकुमारी की चर्चा मिलती है। स्थान एवं अलग अलग देशों में एलो वेरा की कई प्रजातियां पाई जाती हैं जिनका प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है। मुख्यतया इसकी दो प्रजातियों का चिकित्सा में विशेष तौर पर प्रयोग किया जाता है।
दुनिया भर के विभिन्न हिस्सों में पाए जाने वाले एलोवेरा को देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों में कई नामों से जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम Aloe vera (Linn.) Burm.f. (एलोवेरा)? Syn-Aloe barbadensis Mill. है।
एलोवेरा मुंह के छाले, कब्ज, त्वचा के पकने सहित बहुत से रोगों के उपचार के लिए अत्यंत गुणकारी औषधि है। यह पचने में भारी, चिकना, ठंडा और स्वाद में कड़वा होता है। एलोवेरा का उपयोग महिलाओं की माहवारी संबंधी दिक्कतों के लिए फायदेमंद है।
घृतकुमारी के गूदे में थोड़ी मात्रा में दारु हल्दी (दारुहरिद्रा) का चूर्ण मिला लें। इसे गर्म करके दर्द वाले स्थान पर बांधें। इससे वात और कफ से होने वाले सिरदर्द में लाभ होता है।
और पढ़े: सिरदर्द में पुत्रजीवक के फायदे
घृतकुमारी का गूदा आंखों में लगाने से आंखों की लाली मिटती है, गर्मी दूर होती है। यह विषाणु से होने वाले आखों के सूजन (वायरल कंजक्टीवाइटिस) में लाभप्रद होता है।
घृतकुमारी के गूदे पर हल्दी डालकर थोड़ा गर्म कर लें। इसे आंखों पर बांधने से आंखों की पीड़ा का इलाज होता है।
और पढ़ें: अलसी के फायदे आंखों के रोग में
घृतकुमारी के रस को हल्का गर्म कर लें। अब जिस कान में दर्द हो रहा हो, उसके दूसरी तरफ के कान में दो-दो बूंद टपकाने से कानों के दर्द में आराम मिलता है।
घृतकुमारी का गूदा और सेंधा-लवण लेकर दोनों का भस्म तैयार करें। इस भस्म का 5 ग्राम की मात्रा में मुनक्का के साथ सुबह-शाम सेवन करने से पुरानी खांसी तथा जुकाम में लाभ होता है।
और पढ़े – खाँसी-जुकाम में अमरूद के फायदे
10-20 मिलीग्राम घृतकुमारी या एलोवेरा के रस में 2-3 ग्राम हल्दी चूर्ण मिलाकर सेवन करने से तिल्ली वृद्धि तथा अपच रोग में लाभ होता है।
एलोवेरा (Aloe Vera) के 50 ग्राम गूदे में 2 ग्राम पिसा हुआ गेरू मिलाएं। अब इसकी टिकिया बना लें। इसे रूई के फाहे पर फैलाकर गुदा स्थान पर लंगोट की तरह पट्टी बांधें। इससे मस्सों में होने वाली जलन और दर्द में आराम मिलता है। मस्से सिकुड़ कर दब जाते हैं। यह प्रयोग खूनी बवासीर में भी लाभदायक है।
और पढ़ें: पीलिया रोग में गिलोय से फायदा
और पढ़ें – हॉट फ्लैशेज में एलोवेरा जूस फायदेमंद
250-500 मिलीग्राम गुडूची सत् (पानी को गर्म कर सुखा कर नीचे बचा हुआ पदार्थ) में 5 ग्राम घृतकुमारी (Aloe Vera) का गूदा मिलाकर देने से मधुमेह में लाभ होता है।
और पढ़े: डायबिटीज में बेंत के फायदे
एलोवेरा के 10 ग्राम गूदे पर 500 मिलीग्राम पलाश का क्षार बुरक कर दिन में दो बार सेवन करने से मासिक धर्म की परेशानियां दूर होती हैं।
कुमारिका वटी की 1-2 गोली का सेवन मासिक धर्म के 4 दिन पहले से दिन में तीन बार रज स्त्राव पूरा होने तक करने से मक्कल दर्द, गर्भाशय के दर्द तथा सभी प्रकार के योनि की तकलीफ में आराम मिलता है।
चेचक से होने वाले घावों पर एलोवेरा (Aloe Vera) के गूदे का लेप करने से लाभ होता है।
और पढ़ें – हर्पीज का घरेलू उपचार एलोवेरा जेल से
एलोवेरा के रस के साथ जीरा को पीसकर लिंग पर लेप करने से जलन तथा छाले दूर होते हैं।
एलोवेरा के कोमल गूदे को नियमित रूप से 10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खाने से गठिया में लाभ होता है।
और पढ़े: गठिया के दर्द में फायदेमंद कपास
गेंहू का आटा, घी और एलोवेरा का गूदा (एलोवेरा का गूदा इतना हो जो आटे को गूंथने के लिए काफी हो) लेकर आटा गूंथ लें। इससे रोटी बनाएं और फिर उसका चूर्ण बनाकर लड्डू बना लें। प्रतिदिन 1-2 लड्डू को खाने से कमर दर्द ठीक होता है।
और पढ़ें – फोड़ा सुखाने में सुदर्शन के फायदे
एलोवेरा के पत्ते को एक तरफ से छीलकर चर्मकील (चर्म रोग) पर बताए गए तरीके से बांधने से चर्मकील (चर्म रोग) ठीक हो जाता है।
और पढ़ें – एक्जिमा का इलाज एलोवेरा से
एलोवेरा की जड़ से निर्मित 10-20 मिलीग्राम काढ़े को दिन में तीन बार पिलाने से बुखार ठीक होता है।
काढ़ा – 25-50 मिलीग्राम
अधिक लाभ के लिए चिकित्सक के परामर्श के अनुसार एलोवेरा (Aloe Vera) का इस्तेमाल करें।
एलोवेरा के पत्तों के दोनों ओर के कांटे अच्छी प्रकार साफ कर इसके छोटे-छोटे टुकड़े काटकर एक मिट्टी के बर्तन में रखें। 5 किलो टुकड़े में आधा किलो नमक डालकर बर्तन का मुंह बंद कर दें। इसे 2-3 दिन धूप में रखें। बीच-बीच में हिलाते रहें।
तीन दिन बाद इसमें 100 ग्राम हल्दी, 100 ग्राम धनिया, 100 ग्राम सफेद जीरा, 50 ग्राम लाल मिर्च, 6 ग्राम भुनी हुई हींग, 30 ग्राम अजवायन, 100 ग्राम सोंठ, 6 ग्राम काली मिर्च, 6 ग्राम पीपल, 5 ग्राम लौंग, 5 ग्राम दाल चीनी, 50 ग्राम सुहागा, 50 ग्राम अकरकरा, 100 ग्राम कालाजीरा, 50 ग्राम बड़ी इलायची तथा 300 ग्राम राई को महीन पीस कर डालें।
रोगी के बल के अनुसार 3-6 ग्राम तक की मात्रा में सुबह शाम देने से पेट के वात कफ संबंधी सभी विकार मिटते हैं। सूखने पर अचार, दाल, सब्जी आदि में डालकर प्रयोग करें।
घृतकुमारी के पत्तों का गूदा निकालकर बाकी छिलकों को मटकी में भरकर, उसमें उतनी ही मात्रा में नमक मिलाकर मुंह बंद कर गोबर के कंडों की आग पर रख दें। जब उसके भीतर का पानी जलकर काला हो जाए तो तो उसे महीन पीसकर शीशी में भरकर रखें। इसी को कुमारी लवण कहते हैं।
आमतौर पर भारत के सभी हिस्सों में एलेवेरा (Aloe Vera) की खेती की जाती है। मुंबई, गुजरात और दक्षिण भारत में मुख्य तौर पर इसकी खेती की जाती है। इसकी खेती बलुई और अच्छी तरह से सूखी जमीन पर की जाती है। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में इसे व्यापक तौर पर उगाया जाता है।
और पढ़ें –
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है.…
डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल…
मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं.…
यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं…
पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती…
अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है.…