चावल का परिचय (Introduction of Rice)
शायद ही कोई ऐसा होगा जो चावल ना खाता हो। पूरे दक्षिण भारत, बिहार, बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, असम आदि प्रदेशों का मुख्य भोजन चावल ही है। शेष इलाकों में भी चावल खाया ही जाता है। भारत में चावल का प्रयोग प्राचीन काल से ही भोजन के रूप में किया जाता रहा है। चावल को पका कर तो खाया ही जाता है, इसके अलावा इसकी अनेक प्रकार की अनारसा आदि मिठाइयाँ और दोसा, इडली, पीठा, चीले आदि अन्यान्य व्यंजन भी बनाये जाते हैं। चावल केवल भोजन ही नहीं, एक उत्तम औषधि भी है। चावल के सेवन से ढेर सारे फायदे (Rice Ke Fayde In Hindi) होते हैं।
What is Rice?
Rice Called in Different Languages
Rice Benefits and Uses
Beneficial Parts of Rice
Usages & Dosages of Rice
chawal ke nuksan
Where to Rice Found or Grown?
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, चावल एक उत्तम औषधि है और चावल के इस्तेमाल से रोगों का इलाज किया जाता है। भूरे चावल में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी. मैंगनीज, फास्फोरस, आयरन, फाइबर, फैटी एसिड आदि सफेद चावल की तुलना में दोगने होते हैं। चावल में तत्काल उर्जा प्राप्त करने, ब्लड शुगर को स्थिर करने और बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करने की क्षमता होती है। आइए जानते हैं कि आप रोगों में चावल का प्रयोग कैसे कर सकते हैं।
चावल क्या है? (What is Rice?)
चावल एक प्रकार का धान्य यानी अनाज है। धान के बीजों को चावल (Chaval in Hindi) कहते है। धान के पौधे की आयु तीन से चार महीने की होती है। यह सीधा, छोटा, घास की प्रजाति का पौधा होता है। इसका तना 60-120 सेमी लम्बा, रेशेदार जड़ वाला, पत्तेदार, गोल एवं पीले रंग का होता है। इसके पत्ते सीधे, 30-60 सेमी लम्बे एवं 6-8 मिमी चौड़े अथवा अत्यधिक चपटे, रेखित तथा खुरदरे होते हैं। इसके फूल 8-12 मिमी लम्बे गुच्छों में होते हैं। इसकी बाली 7.5-12.5 सेमी लम्बी, एकल या 2-7 के गुच्छों में प्रायः नीचे की ओर झुकी हुई, हरी तथा पकने पर चमकीली सुनहली पीली होती है।
घास जैसा हरा अथवा पके हुए धूसर रंग के फल को ही धान कहते हैं। इसी धान को परिष्कृत करके चावल निकालते हैं। इनके दाने सफेद रंग के होते हैं, जिन्हें चावल कहते हैं। भारत में अधिकांश स्थानों पर वर्ष में एक बार तथा कुछ स्थानों पर धान की फसल वर्ष में दो या तीन बार भी ली जाती है। चावल के अलावा धान के और भी कई उत्पाद हैं जैसे, चूड़ा या पोहा, लावा आदि।
चावल का अन्य भाषाओं में नाम (Rice Called in Different Languages)
चावल का वानस्पतिक यानी लैटिन भाषा में नाम ओराइजा सैटाइवा (Oryza sativa Linn. & Syn- Oryza plena (Prain) Chowdhury) है। यह पोएसी (Poaceae) कुल का पौधा है। अंग्रेजी तथा विविधा भारतीय भाषाओं में इसके नाम नीचे दिए गए हैः-
Rice in –
चावल के औषधीय प्रयोग प्रयोग से लाभ (Rice Benefits and Uses in Hindi)
चावल खाने के अनेक फायदे (Chawal Ke Fayde) हैं। सफेद चावलों के मुकाबले भूरे चावल (Brown Rice) ज्यादा फायदेमन्द होते हैं। शालि चावल पचने पर मधुर, पेट को ठण्डा करने वाला, फाइवरयुक्त, तैलीय, जल्द पचने वाला और वात तथा कफ को बढ़ाने वाला होता है। यह पित को शान्त करता है। यह शरीर को बल देता है औरमेद तथा माँस की वृद्धिकरता है तथा वीर्य को पुष्ट करता है। मल को बान्धता है और पेशाब को बढ़ाता है। यह गले के स्वर को ठीक करता है।
लाल शालि चावल सभी शालि धान्यों में श्रेष्ठ तथा वात पित और कफ तीनों दोषों को शान्त करने वाला होता है। उपरोक्त गुणों के अलावा यह भूख बढ़ाता है और हृदय को प्रसन्न करता है यह आँखों के लिए लाभकारी है। यह बुखार और बुखार के कारण लगने वाली प्यास को समाप्त करता है। यह दम फुलना, खाँसी और जलन को समाप्त करता है। इसकी जड़ में भी लगभग यही गुण होते हैं। विभिन्न बीमारियों में चावल के प्रयोग की विधि (Rice Information In Hindi) ये हैंः-
स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए करें चावल का सेवन (Benefits of Rice for Increasing Breast Milk in Hindi)
शालि चावल के बारीक टुकड़ों को दूध के साथ पका कर पतली खीर बना लें। इस खीर को पिलाने से प्रसूता स्त्रियों में दूध की वृद्धि होती है।
उलटी बंद करने के लिए करें चावल का सेवन (Benefits of Rice to Stop Vomiting in Hindi)
दस्त को रोके चावल का सेवन (Benefits of Rice to Stop Dysentery in Hindi)
गन्ने से बने शक्कर को घी में भूनकर पीस लें। इसमें लावे का चूर्ण, मिश्री एवं मधु मिलाकर सेवन करने से दर्द युक्त खून और पेट की गरमी से होने वाली दस्त ठीक होती है।
चावल को पकाकर (भात बनाकर) तक्र (छाछ) के साथ सेवन करने से गर्मी, अत्यधिक प्यास, जी मिचलाना तथा दस्त में लाभ होता है।
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पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए करें चावल का प्रयोग (Rice Benefits in Cure Stomach Bugs in Hindi)
पेट में कीड़े हो जाए तो यह बहुत ही दुखदायी होता है। यह समस्या सबसे अधिक बच्चों में होती है लेकिन बड़ों की आंतों में भी कीड़े हो सकते हैं। ये कीड़े लगभग 20 प्रकार के होते हैं। चावल को भूनकर उनको रात भर पानी में भिगोकर सुबह छानकर उस पानी को पीने से पेट के सभी प्रकार के कीड़े मर जाते हैं।
चावल से इस्तेमाल से बवासीर का इलाज (Rice Benefits in Cure Piles in Hindi)
बवासीर मुख्यतः पेट की खराबी से होता है। भोजन के सही से ना पचने और पेट की गरमी से बवासीर रोग को बढ़ावा मिलता है। शालि एवं साठी चावल का सेवन खूनी बवासीर में लाभकारी होता है।
पीलिया के इलाज के लिए करेंं चावल का उपयोग (Rice Benefits in Fighting with Jaundice in Hindi)
लीवर तथा तिल्ली में समस्या होने से पीलिया रोग होता है। रोजाना भोजन में शालि चावल के भात का प्रयोग करने से लीवर और तिल्ली दोनों ही ठीक होते हैं और पीलिया रोग दूर होता है।
मूत्र रोग (पेशाब की समस्याएं) ठीक करे चावल का प्रयोग (Benefits of Rice in Cure Urine Problems in Hindi)
पेशाब में होने वाली जलन तथा पेशाब में दर्द आदि की समस्याओं में चावल काफी फायदेमंद (Chawal Ke Fayde) हैं। शतावर, काश, कुश, गोखरू, विदारीकन्द, शालिधान (शालिचावल), ईख तथा कसेरू को बराबर मात्रा में लें। इसे चार गुने पानी में रात भर भिगो दें। इस पानी की 20-40 मिली हिम, मधु एवं शर्करा मिलाकर सेवन करने से पित के कारण पेशाब में होने वाली कठिनाइयों में लाभ होता है।
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रक्तप्रदर में लाभदायक है चावल का प्रयोग (Benefits of Rice in Metrorrhagia Treatment in Hindi)
मासिक धर्म के दौरान ज्यादा रक्तस्राव ब्लीडिंग हो रही हो तो यह उपाय करें। रोजाना दूध में भिगोए हुए लाल शालि चावल को पीसकर उसमें मधु मिलाकर सेवन करने से तेज रक्तप्रदर में जल्द लाभ होता है।
टूटी हड्डियां जोड़े चावल का उपयोग (Uses of Rice in Bone Fracture in Hindi)
हड्डी टुटने के स्थान पर घास बांध कर, शालि चावल के आटे और शतधौत घी को मिलाकर लेप कर दें। इससे टूटी हड्डियां जुड़ जाती हैं।
पैरों की जलन तथा सूजन दूर करे चावल का प्रयोग (Uses of Rice in Foot Inflammation in Hindi)
चावल विशेषकर भूरे चावल में फेनोलिक यौगिक और एंटी-इंफ्लामैट्री गुण होते हैं इसलिए ये त्वचा की जलन और लाली को भी दूर करने में मदद करते हैं।
फोड़ों को ठीक करने में चावल फायदेमंद (Rice Uses in Curre Abscess in Hindi)
शालि चावल को पीसकर लगाने से फोड़े, फुन्सी तथा रोमकूप शोथ (बलतोड़) में लाभ होता है।
चेहरे की झाइयाँ मिटाए चावल का प्रयोग (Rice Uses in Cure Sunspot in Hindi)
चावलों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। सफेद चावलों को पानी में भिगोकर उस पानी से चेहरे को धोने से चेहरे की झुर्रियाँ तथा झाइयां मिटती हैं।
बुखार दूर करे चावल का प्रयोग (Rice Uses in Fighting with Fever in Hindi)
आमतौर पर बुखार होते ही लोग चावल का सेवन बंद कर देते हैं, लेकिन यदि हम शालि चावल का प्रयोग करें तो यह बुखार को दूर करने में भी लाभकारी होता है।
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रक्तपित्त (नाक-कान आदि से खून बहना) में लाभकारी है चावल का सेवन (Uses of Rice in Cure Haemoptysis in Hindi)
चावल के उपयोगी हिस्से (Beneficial Parts of Rice)
धान के पौधे की जड़ और बीज यानी चावल।
मात्रा और सेवन विधि (Usages & Dosages of Rice)
औषधीय लाभ लेने के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार चावल का प्रयोग करें।
चावल से नुकसान और सावधानियाँ (chawal ke nuksan)
हालांकि चावल काफी लाभकारी धान्य है परंतु चावल को खाने के कुछ नुकसान (Rice Khane Ke Nuksan In Hindi) भी हैं, जो ये हैंः-
चावल कहाँ पाया या उपजाया जाता है? (Where to Rice Found or Grown?)
चावल के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं जैसे कि लम्बे चावल, सफेद चावल, ब्राउन चावल, बासमती चावल आदि। अकेले भारत में लगभग 4000 प्रकार के चावल उपजाए जाते हैं
चावल मूलतः भारत एवं चीन में पाया जाता है। विश्व के सभी उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण-कटिबंधीय देशों में धान यानी चावल की खेती की जाती है। भारत में सर्वत्र उष्ण प्रदेशों में मुख्यत उत्तर भारत, राजस्थान, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, पहाड़ी क्षेत्रों एवं मध्य भारत में इसकी खेती की जाती है।
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