क्या आप जानते हैं कि ई. एन. टी. (ENT) का मतलब क्या होता है। ई. एन. टी. का अर्थ Ear, Nose और Throat है। कान, नाक और गले से संबंधित बीमारी को ई. एन. टी. (ENT) रोग कहते हैं। दरअसल, कान, नाक और गला शरीर के ऐसे अंग हैं, जो एक-दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। इनमें से किसी एक अंग में किसी तरह का रोग हुआ, तो रोग दूसरे अंगों में भी फैलने की पूरी संभावना होती है। इसलिए आपने देखा होगा कि जब किसी मरीज के तीनों अंगों (कान, नाक और गला) में कोई एक बीमार होता है तो डॉक्टर तीनों अंगों की जांच करते हैं। क्या आपको इस बात की जानकारी है कि ई. एन. टी. (ENT) रोग होने पर आपका डाइट चार्ट कैसा होना चाहिए।
अनेक मरीजों को ई. एन. टी. (ENT) रोगों के डाइट प्लान की जानकारी ही नहीं होती। इसका नतीजा यह होता है कि बीमारी की जल्द रोकथाम नहीं पाती या रोग जल्द ठीक नहीं होता। आइए जानते हैं कि ई. एन. टी. रोग से ग्रस्त होने पर आपका खान-पान कैसा होना चाहिए।
Contents
ई. एन. टी. (ENT) रोग में आपका आहार ऐसा होना चाहिएः-
और पढ़ें: मसूर की दाल के फायदे
ई. एन. टी. (ENT) रोग होने पर इनका सेवन नहीं करना चाहिएः-
और पढ़ेंः आलू के अनेक लाभ
ई. एन. टी. (ENT) रोग के इलाज के लिए सुबह उठकर दांतों को साफ करने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिएं। इसके साथ ही इन बातों का पालन करें।
समय | आहार योजना (शाकाहार) |
नाश्ता (8 :30 AM) | 1कप दिव्य पेय पतंजलि + 2-3 बिस्कुट (आरोग्य, पतंजलि) / 1 कप दूध + बादाम पाक / पावर वीटा (पतंजलि) + 2-3 बिस्कुट (आरोग्य, पतंजलि) / पोहा /उपमा (सूजी) /दलिया / कॉर्नफ्लैक्स /ओट्स / मुरमुरे / अंकुरित अनाज / 1-2 पतली रोटी (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी हरी सब्जियां + 1 प्लेट फलों का सलाद |
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी चावल (मण्ड रहित) + 1 कटोरी हरी सब्जियां + 1 कटोरी दाल |
शाम का नाश्ता (04:30- 05:00 pm) | 1 कटोरी सब्जियों का सूप / 1कप दिव्य पेय पतंजलि + 2-3 बिस्कुट (आरोग्य, पतंजलि) |
रात का भोजन (08:00 – 09:00 Pm) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (रेशेदार) + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली) |
सोने से पहले 10:30 PM | 1 चमच त्रिफला चूर्ण /शतावरी /हरिद्राखण्ड पाउडर, पतंजलि हल्का गर्म दूध /पानी के साथ |
सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते हैं |
और पढ़ेंः त्रिफला एक महाऔषधि
ई. एन. टी. (ENT) रोग से पीड़ित होने पर आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
ई. एन. टी. (ENT) रोग से पीड़ित होने पर इन बातों का जरूर ध्यान रखेंः-
(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।
(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।
(3) भोजन धीरे-धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।
(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।
(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें।
(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।
(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें।
(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे–धीरे खायें।
(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जायें।
(11) रोज दो बार दांत साफ करें।
(12) रोज जिव्हा करें।
(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।
(14) रात में सही समय [9-10 PM] पर नींद लें।
ई. एन. टी. (ENT) रोग से पीड़ित होने आपको ये योग और आसन करना चाहिएः-
और पढ़ेंः जानिए क्या है योग
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…
डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…
मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…
यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…
पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…
अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…