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ऑटो इम्यून रोग के लिए डाइट प्लान (Diet Plan for Auto Immune Diseases)

कई बार आपने देखा या सुना होगा कि कोई व्यक्ति किसी बीमारी से ग्रस्त है, लेकिन रोगी को उस बीमारी की जानकारी ही नहीं है। जब कभी मरीज किसी कारण से डॉक्टर से मिलता है तो पता चलता है कि उसे बीमारी बहुत समय से थी। ऐसा ऑटोइम्यून डिजीज के कारण होता है। आपको इस बात का तो पता होगा ही कि आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति होती है, जो शरीर को रोगों से बचाने का काम करती है, लेकिन जब आप ऑटोइम्यून रोग से ग्रस्त हो जाते हैं तो यही रोग प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है। इससे शरीर को कई तरह की हानि हो सकती है। इसलिए यहां ऑटोइम्यून रोग के लिए डाइट चार्ट की जानकारी दी जा रही है।

इस जानकारी को अपनाकर आप ना सिर्फ बीमारी पर नियंत्रण पा सकेंगे बल्कि ऑटोइम्यून रोग का इलाज करने में भी सफल हो पाएंगे।

ऑटो इम्यून बीमारी में क्या खाएं (Your Diet During Auto Immune Disease)

ऑटोइम्यून डिजीज से ग्रस्तत होने पर आपका आहार ऐसा होना चाहिएः-

और पढ़ेंः नींबू के अनेक फायदे

ऑटो इम्यून बीमारी में क्या ना खाएं (Food to Avoid in Auto Immune Disease)

ऑटोइम्यून डिजीज से ग्रस्त होने पर इनका सेवन नहीं करना हैः-

  • अनाज: नया धान, मैदा।
  • दाल: मटर, चना, काबुली चना, उड़द दाल, राजमा।
  • फल एवं सब्जियां: आलू, बैंगन, अरबी
  • अन्य: माँसाहार, तैलीय, घृतयुक्त भोजन, अत्यधिक नमक, अत्यंत ठण्डा दूषित भोजन, दूषित जल, शुष्क भोज्य पदार्थ, दही।

और पढ़ेंः दही के औषधीय गुण

ऑटो इम्यून के इलाज के दौरान आपका डाइट प्लान (Diet Plan for Auto Immune Treatment)

ऑटोइम्यून डिजीज का इलाज करने के लिए सुबह उठकर दांतों को साफ करने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिएं। नाश्ते से पहले पतंजलि आवंला व एलोवेरा रस पिएं। इसके साथ ही इन बातों का पालन करें।

समय आहार योजना (शाकाहार)
नाश्ता (8 :30 AM) 1 कप (दूध +पतंजलि हरिद्राखण्ड) /दिव्य पेय + 2-3पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /कम नमक वाला पतंजलि आरोग्य दलिया /पोहा /उपमा (सूजी) /अंकुरित अनाज/ 2-पतली रोटी (पतंजलि  मिश्रित अनाज  आटा) + 1 कटोरी उबली सब्जियाँ/1 प्लेट फलों का सलाद
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि  मिश्रित अनाज  आटा) + 1-कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई) + 1/2 कटोरी चावल (मांड रहित) + 1-कटोरी दाल (पतली) + 1- प्लेट सलाद

शाम का नाश्ता

(05:30-06:00pm)

1 कप दिव्य पेय + 2-3 बिस्कुट (आरोग्य पतंजलि)  /दूध में मिलाकर लोंग + छुहारा + च्यवनप्राश + खजूर डालकर पिएं

रात का भोजन

(7: 00 – 8:00 Pm)

1-2 पतली रोटियां (पतंजलि  मिश्रित अनाज  आटा) + 1- कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई) + 1- कटोरी दाल मूंग (पतली)
सोने के पहले (30 min पहले) 1 कप दूध + 1 चमच एरण्ड  तेल (सप्ताह 1-2 बार)

सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय ले सकते हैं |

ऑटोइम्यून रोग के लिए आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle for Autoimmune Treatment)

ऑटोइम्यून रोग होने पर आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

  • टहलें।
  • व्यायाम करें।
  • औषधि: पतंजलि च्वयनप्राश, अमृत रसायन, त्रिकटू चूर्ण का सेवन करें।

ऑटोइम्यून के इलाज रोग में ध्यान रखने वाली बातें (Points to be Remember in Autoimmune Disease)

ऑटोइम्यून रोग होने पर इन बातों का पूरी तरह ध्यान रखेंः-

(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।

(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।

(3) भोजन धीरे-धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।

(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।

(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें।

(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।

(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें

(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरेधीरे खायें।

(9) भोजन लेने के पश्चात 3-5 मिनट टहले

(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जायें।

(11) सुबह दो बार दांत साफ करें।

(12) रोज जिव्हा करें।

(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।

(14) रात में सही समय [9-10 PM] पर नींद लें।

ऑटोइम्यून रोग का उपचार करने के लिए योग और आसन (Yoga and Asana for Autoimmune Treatment)

ऑटोइम्यून रोग से ग्रस्त होने पर आप ये योग और आसन कर सकते हैंः-

  • योग प्राणायाम एवं ध्यान: भस्त्रिका, कपालभांति, बाह्यप्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, उज्जायी, प्रनव जप।
  • ध्यानवैद्यानिर्देशानुसार
  • आसनवैद्यानिर्देशानुसार

और पढ़ेंः जानिए क्या है योग

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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