आयुर्वेद के अनुसार वात दोष “वायु” और “आकाश’ इन दो तत्वों से मिलकर बना है। शरीर में होने वाली ऐसी कोई भी क्रिया जिसमें गति की भूमिका है वो इस वात द्वारा ही संचालित होती है। शरीर में वात का मुख्य निवास स्थान पेट और आंत बताया गया है। वात के असंतुलन से शरीर में कई तरह के रोग हो सकते हैं, इसलिए वात को संतुलित रखना बहुत ज़रूरी है। आइये जानते हैं वात को संतुलित रखने के लिए आपको अपने खानपान और दिनचर्या में क्या बदलाव लाने चाहिए।
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सुबह उठकर बिना ब्रश किये ही खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिएं और नाश्ते से पहले पतंजलि आवंला व एलोवेरा स्वरस पियें।
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डाइट चार्ट
समय | आहार योजना ( शाकाहार ) |
नाश्ता (08:30-09:00 AM) | पतंजलि दिव्य पेय + पतंजलि आरोग्य दलिया (नमकीन) / पोहा /उपमा (सूजी) /पतंजलि कॉर्नफ्लैक्स + फलो का सलाद ½ चम्मच पंचकोल चूर्ण के साथ / 1 गिलास फलों का जूस |
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी सब्जी + 1 कटोरी दाल + 1 प्लेट सलाद + 1 कटोरी छांछ /मठ्ठा ½ चम्मच पंचकोल चूर्ण के साथ |
शाम का स्नैक (03:30-04:00 PM) | 1 कप दिव्य पेय (पतंजलि) + 2-3 आरोग्य बिस्कुट (पतंजलि) / सब्जियों का सूप ½ चम्मच पंचकोल चूर्ण के साथ |
रात्रि का भोजन ( 08:00-08:30PM) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी दाल + 1 कटोरी हरी सब्जी + 2 पीस पनीर |
सोने से पहले (10:00 pm) | 1 गिलास दूध बादाम पाक /त्रिकटु चूर्ण के साथ |
वात को संतुलित करने के लिए नियमित रूप से योगासन करें। योगासनों से जुड़ी अधिक जानकारी किसी प्रशिक्षित वैद्य से ही लें।
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