सांसों की बदबू मुँह से जुड़ी एक ऐसी समस्या है जिससे अक्सर कई लोग परेशान तो रहते हैं फिर भी सही समय पर इनका इलाज नहीं करवाते। सांस में आने वाली दुर्गन्ध की समस्या आम बात होती है, क्योंकि जो लोग अपने मुँह की साफ-सफाई का अच्छे से ध्यान नहीं रखते हैं आमतौर पर उन्हें यह समस्या होती है। सांस में आने वाली दुर्गन्ध के कारण कई बार उन्हें दूसरों से बात करते समय शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ता है। क्योंकि जब भी आप बात करते हैं तो आपके मुँह से एयर ब्लो करती है, जिससे आपकी साँस की दुर्गन्ध का दूसरों को भी पता चल जाता है।
मुँह से बदबू आने के कारण (Causes of Bad Breath)
वैसे तो आम तौर पर माना जाता है कि मुँह की साफ-सफाई के अभाव में मुँह से बदबू आती है लेकिन शायद आपको मालूम नहीं कि यह समस्या सिर्फ मुँह या दांतों के लिए नहीं होती है बल्कि इसके पीछे बहुत सारे कारण होते हैं। आप धूम्रपान नहीं करते और अपने मुँह की साफ-सफाई भी ढंग से करते हो लेकिन फिर भी आपके मुँह से बदबू आती है तो समझिए कि शरीर में कोई गड़बड़ है।
भोजन- आपके दाँतों में और इसके आस-पास भोजन के टुकड़ों के टूटने से दुर्गन्ध पैदा हो सकती है। पतले तैलीय पदार्थ युक्त भोजन भी साँसों की दुर्गन्ध के कारण हो सकते हैं। प्याज और लहसुन इसके सबसे अच्छे उदाहरण हैं, लेकिन अन्य सब्जियाँ और मसाले भी साँसों में दुर्गन्ध पैदा कर सकते हैं। जब ये भोजन पचते हैं और तीखे गंध वाले तेल आपके खून में शामिल होते हैं, तो वे आपके फेफड़ों तक पहुँचते हैं और तब तक आपकी साँसों से बाहर निकलते रहते हैं, जब तक कि वह भोजन आपके शरीर से पूरी तरह खत्म न हो जाये। प्याज और लहसुन खाने के 72 घण्टे बाद तक साँसों में दुर्गन्ध पैदा कर सकते हैं।
दाँतों की समस्या-दाँतों की खराब सफाई और दाँत की बीमारियां साँसों की दुर्गन्ध का कारण हो सकती हैं। यदि आप हर दिन ब्रश और कुल्ला नहीं करते हैं, तो भोजन के टुकड़े आपके मुँह में रह जाते हैं। वे बैक्टीरिया पैदा करते हैं और हाइड्रोजन सल्फाइड भाप बनाते हैं। आपके दाँतों पर बैक्टीरिया (सड़न) का एक रंगहीन और चिपचिपा फिल्म जमा हो जाता है।
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मुँह सूखना– लार से मुँह में नमी रहने और मुँह को साफ रखने में मदद मिलती है। सूखे मुँह में मृत कोशिकाओं का जीभ, मसूड़े और गालों के नीचे जमाव होता रहता है। ये कोशिकाएं दुर्गन्ध पैदा कर सकती है। ड्राई माउथ की समस्या आमतौर पर सोने के समय होती है।
बीमारियां- फेफड़े का गंभीर संक्रमण और फेफड़े में गांठ से साँसों में बेहद खराब दुर्गन्ध पैदा हो सकती है। अन्य बीमारियां, जैसे कुछ कैंसर और चयापचय (मेटाबॉलिज्म) की गड़बड़ी से भी साँसों में दुर्गन्ध पैदा हो सकती है।
मुँह, नाक और गला की स्थिति- साँसों की दुर्गन्ध का संबंध साइनस संक्रमण से भी है, क्योंकि साइनस से नाक होकर बहने वाला द्रव आपके गले में जाकर साँसों में दुर्गन्ध पैदा करता है।
तंबाकू उत्पाद- धूम्रपान से मुँह सूखता है और उससे एक खराब दुर्गन्ध पैदा होती है। तंबाकू का सेवन करने वालों को दांतों की बीमारी भी होती है, जो साँसों की दुर्गन्ध का अतिरिक्त स्रोत बनती है।
गंभीर डायटिंग- डायटिंग करने वालों में खराब फलीय साँस पैदा हो सकती है। यह केटोएडीडोसिस, जो उपवास के दौरान रसायनों के टूटने से पैदा होती है, के कारण होता है।
नाश्ता न करना- सुबह का नाश्ता करने से मुँह में थूक बनता है, जिससे जीभ साफ रहती है और बैक्टीरिया का भी खात्मा होता है।
मुँह का अल्सर– मुँह में अल्सर होने की वजह से कई बार उसमें पस जम जाता है और खून भी बहने लगता है जिस वजह से इंफेक्शन होने के चांस बढ़ जाते हैं।
मसूड़ों से खून आना-अगर अपके मसूड़ों से खून आता है तो कभी कभार मुँह में वह खून जम जाता है जिससे बदबू आती है।
गले का संक्रमण-अगर आपको गले का संक्रमण है तो बैक्टीरिया ब्रोन्कियल मार्ग की कोशिकाओं को तोड़ देता है, जिससे महक आती है। ( और पढ़े: गले में संक्रमण के घरेलू उपचार )
कैंसर-लम्बे समय तक स्मोकिंग करने या तंबाकू खाने वाले लोगों में ओरल कैंसर हो जाता है, ऐसे में मुँह से तेज बदबू भी आने लगती है।
फेफड़ों का संक्रमण-फेफड़े का संक्रमण मुँह से आने वाली दुर्गन्ध का एक कारण है। इसके अलावा फेफड़े में गांठ से भी सांसों में खराब बदबू पैदा होती है। चयापचय की गड़बड़ी से भी सांसों में बदबू पैदा होती है।
साइनस संक्रमण- साँसों से आने वाली बदबू का एक कारण साइनस संक्रमण भी है, क्योंकि साइनस से नाक से होकर बहने वाला द्रव आपके गले में जाकर सांसों में दुर्गन्ध पैदा करता है, जिससे मुँह से दुर्गन्ध आती है। ऐसी स्थिति में तुरन्त चिकित्सक के पास जाना चाहिए।
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टॉन्सिल- इसमें इंफेक्शन होने पर वहां बैक्टीरिया इकट्ठे हो जाते हैं, यह भी बदबू का कारण हो सकता है।
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जिंक की कमी- शरीर में जिंक की कमी हो जाती है तो सांसों से बदबू आती है। डायबिटिज और मसूड़ों की बीमारी से भी सांसों में बदबू आती है। यह दुर्गन्ध न आए, इसके लिए ऐसी चीजें खानी चाहिए, जो जिंक की कमी को पूरा करें। मुँह को साफ रखने के लिए नियमित कुल्ला करें।
पाचन ठीक न होना- जब व्यक्ति का खाना ठीक से नहीं पच पाता और पेट खराब रहता है, तब भी मुँह से बदबू आती है। पाचन की समस्या अगर लम्बे समय तक रहती है तो यह बड़ी आंत को नुकसान पहुँचा सकती है। इससे अलसर तक हो सकता है।
दाँतों की बीमारियां- दाँतों में सड़न, पायरिया या फिर दाँतों और मसूड़ों की किसी कमी के कारण भी मुँह से दुर्गन्ध आती है। बदबू न आए इसके लिए आपको दाँतों की ठीक से सफाई करनी चाहिए। इसके अलावा आप मुँह में लौंग भी डाल सकते हैं, जिससे बदबू नहीं आएगी।
किडनी डीजिज – किडनी डीजिज के कारण बॉडी में मेटाबोलिक बदल आने लगते हैं, इससे शरीर में ड्राई माउथ की समस्या होती है, जिसके कारण मुँह से बदबू आने लगती है।
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मुँह की बदबू से बचने के उपाय (Prevention Tips for Bad Breath)
मुँह की बदबू के समस्या से बचने के लिए आहार और जीवनशैली में कुछ फेर-बदल करने की ज़रूरत होती है। जैसे-
आहार-
जीवनशैली-
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Contents
आमतौर पर लोग सांस की बदबू निकालने के लिए घरेलू उपचार का सहारा लेते हैं सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाते हैं। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से सांस की बदबू की समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है-
ग्रीन टी के इस्तेमाल से मुँह की बदबू को कम किया जा सकता है, इसमें एंटीबैक्टिरियल कंपोनेंट होते हैं जिससे दुर्गंन्ध दूर होती है।
मुलेठी को प्रतिदिन चबाने से मुँह की दुर्गन्ध दूर हो जाती है और बार-बार होने की परेशानी कम होती है।
लौंग को हल्का भूनकर चबाने या मुँह में रख कर चूसते रहने से मुँह की दुर्गन्ध दूर होती है। लौंग मुँह संबंधी अनेक समस्याओं के लिए इलाज स्वरूप इस्तेमाल किया जाता है।
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पुदीने को पीसकर पानी में घोल लें। इस पानी से दिन में तीन से चार बार कुल्ला करने से मुँह की दुर्गन्ध व अन्य रोग ठीक हो जाते हैं।
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मुँह से दुर्गन्ध आने पर अदरक की 1 चम्मच रस को 1 गिलास पानी में घोलकर दिन में दो से तीन बार कुल्ला करने से मुँह की दुर्गन्ध दूर हो जाती है।
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पाचन क्रिया के खराब होने के कारण मुँह से दुर्गन्ध आती हो तो भोजन करने के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबायें। इससे मुँह की बदबू दूर होती है और बैठी हुई आवाज खुल जाती है।
अगर आप सांसों से बदबू आने की समस्या से जुझ रहे हैं तो सुबह 1 गिलास पानी में 1 नींबू निचोड़ कर कुल्ला करने से जल्दी राहत मिल सकती है।
अनार के छिलके को पानी में उबालकर उस पानी से अगर रोज कुल्ला किया गया तो इससे मुँह की बदबू धीरे-धीरे कम होने लगती है।
सदियों से सूखा धनिया को माउथफ्रेशनर के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। सूखा धनिया एक अच्छा माउथफ्रेशनर है, इसे मुँह में रखकर चबाने से मुँह की दुर्गन्ध दूर हो जाती है।
हरा धनिया खाने से मुँह में सुगन्ध बनी रहती है। प्याज, लहसुन आदि गंध वाली चीजें खाने के बाद हरा धनिया चबाने से मुँह से दुर्गन्ध आना बंद हो जाती है।
तुलसी की पत्ती चबाने से भी मुँह की बदबू दूर हो जाती है, साथ ही मुँह में अगर कोई घाव है तो तुलसी उसके लिए भी फायदेमंद है।
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गुलाब की ताजी पंखुड़ियां चबाने से एवं मसूढ़ों पर मलने से मसूढ़ों के रोगों के कारणों से आने वाली दुर्गन्ध नष्ट हो जाती है।
हर दिन गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला करने से मुँह की दुर्गन्ध धीरे-धीरे कम होने लगती है।
हर रोज दिन में एक बार सरसों के तेल में चुटकीभर नमक मिलाकर मसूड़ों की मसाज करने से मसूड़े स्वस्थ रहते हैं और बदबू पनपने का खतरा भी कम हो जाता है।
अमरूद सिर्फ फल के रूप में ही फायदेमंद नहीं होता है बल्कि अमरूद की कोमल पत्तियों भी औषधि के रूप में काम करती है। अमरूद के पत्ते को चबाने से भी मुँह की दुर्गन्ध धीरे-धीरे कम होने लगती है।
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अगर आप मुँह की दुर्गन्ध के साथ इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करें, तो तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करें।
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