बाल स्तनधारी प्राणियों के वाह्य चर्म का विकास होता (outer growth) है। बाल कोमल से लेकर रूखा, कड़ा और नुकीला होता है। आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण के लिए बालों के गिरने की समस्या आम हो गई है। वैसे तो बाल गिरने के कई अलग-अलग कारण होते हैं। चिकित्सा विज्ञान के आधार पर बालों का झड़ना कई प्रकार के हो सकते हैं-
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गंजापन की स्थिति में सिर के बाल बहुत कम रह जाते हैं। गंजापन की मात्रा कम या अधिक हो सकती है। गंजापन को एलोपेशिया भी कहते हैं। जब असामान्य रूप से बाल झड़ने लगते हैं और नये बाल उतनी तेजी से नहीं उग पाते या फिर वे पहले के बाल से अधिक पतले या कमजोर उगते हैं। इसके चलते बालों का कम होना या कम घना होना शुरू हो जाता है और ऐसी हालत में सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि यह स्थिति गंजेपन की ओर ले जाती है।
गंजापन तीन प्रकार का होता है-
एंड्रोजेनिक एलेपिसिया- यह महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को होता है। इसलिए इसे पुरुषों का गंजापन भी कहा जाता है। यह स्थायी किस्म का गंजापन है और एक खास ढंग से खोपड़ी पर उभरता है। यह कनपटी और सिर के ऊपरी हिस्से से शुरु होकर पीछे की ओर बढ़ता है। यह जवानी के बाद किसी भी उम्र में शुरु हो सकता है और व्यक्ति को आंशिक रूप से या पूरी तरह गंजा कर सकता है।
एलोपेसिया एरीटा- इसमें सिर के अलग-अलग हिस्सों में जहां-तहां के बाल गिर जाते हैं। जिससे सिर पर गंजेपन का पैच-सा दिखता है। इसकी वजह अब तक अनजान है पर माना जाता है कि यह शरीर की रोगप्रतिरोधी शक्ति कम होने के कारण होता है।
ट्रैक्शन एलोपेसिया- यह लंबे समय तक एक ही ढंग से बाल के खिंचे रहने के कारण होता है। जैसे, कोई खास तरह से हेयरस्टाईल या चोटी रखना। लेकिन हेयरस्टाईल बदल देने पर बाल के खिंचाव को खत्म कर देने के बाद इसमें बालों का झड़ना रुक जाता है।
गंजापन का मूल लक्षण तो बालों का तेजी से झड़ना होता है, इसके अलावा जो लक्षण शामिल होते हैं, वह हैं-
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प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य वात, पित्त और कफ पर निर्भर करता है। गंजेपन की समस्या आमतौर पर त्रिदोष है परन्तु इसमें पित्त दोष की प्रधानता होती है। इसके अलावा और भी आम कारण होते हैं, जिसके कारण बाल झड़कर गंजापन हो जाता है-
पुरुषों में गंजेपन का कारण
अक्सर उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों के बाल झड़ने लगते हैं और इस स्थिति को गंजापन कहा जाता है। विज्ञान की भाषा में इसे एंड्रोजेनिटिक एलोपेसिया भी कहा जाता है। इसके शुरुआती लक्षण दिखने पर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन 30 वर्ष की उम्र के बाद यह बहुत अधिक प्रभावी हो जाता है जो कि धीरे-धीरे पूरे सिर के बाल खत्म कर देता है।
आमतौर पर हमारा मानना होता है कि यह आनुवांशिक है जो कि सही भी है लेकिन इसके अलावा यह भी है कि इस दौरान हेयर फॉलिकल छोटे हो जाते हैं और बाल पतले और महीन होने लग जाते हैं जिससे इनका झड़ना शुरु हो जाता है। इसके अलावा एंड्रोजन हार्मोन की कमी की वजह से भी बालों का झड़ना शुरु हो जाता है जो कि गंजेपन में बदल जाता है।
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गंजेपन में पुरुषों के साथ एक ऐसी स्थिति आती है जब केवल उनके सिर के पिछले हिस्से में नाम मात्र के बाल बचे होते हैं और सामने का पूरा सिर साफ हो चुका होता है। इसके अलावा गंजेपन का एक मुख्य कारण है तनाव।
तनाव लेने से हमारे बालों में बहुत असर पड़ता है और इससे बहुत जल्दी गंजापन आने लगता है। जहां सामान्यत गंजापन लगभग 30 वर्ष की उम्र के बाद आता है तो वहीं तनाव लेने से यह बहुत जल्दी शुरु होने लगता है।
कुछ और कारण है जैसे कि तरह-तरह के शैम्पू और कंडीशनर का इस्तेमाल करना या फिर बालों में लगातार केमिकल वाले पदार्थ लगाते रहना।
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महिलाओं में गंजेपन का कारण
यहां तक कि गंजापन किसी गंभीर बीमारी के कारण भी हो सकता है-
कभी-कभी गंजेपन की समस्या किसी गंभीर बीमारी के कारण भी होती है-
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बालों के गिरने और गंजेपन से आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति परेशान है। कम उम्र में ही लोगों के बाल झड़ रहे हैं। बालों की ग्रोथ और स्वास्थ्य हमारे खान-पान और जीवनशैली से जुड़ा हुआ है। यदि हम पौष्टिक आहार का सेवन करेंगे तो हमारे बाल भी स्वस्थ रहेंगे और बालों से संबंधित बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगा। कहने का मतलब यह है कि गंजापन से बचने के लिए जीवनशैली के साथ आहार में भी बदलाव लाना बहुत ज़रूरी होता है। इससे कुछ हद तक बालों का झड़ना कम कर सकते हैं।
आहार-
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जीवनशैली
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आम तौर पर बालों का झड़ना या गंजापन दूर करने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही आजमाते हैं। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से बालों की झड़ने की परेशानी से कुछ हद तक कम होती है-
मेथी को पूरी रात भिगो दीजिए फिर सुबह उसे गाढ़ी दही में मिला कर अपने बालों और जड़ों में लगाइए। बालों को धो लें, इससे रूसी और सिर की त्वचा के विकार समाप्त होंगे। मेथी में निकोटिनिक एसिड और प्रोटीन पाया जाता है जो बालों की जड़ों को पोषण पहुँचाता है और बालों को बढ़ाने में भी मदद करता है।
उड़द की दाल को उबाल कर पीस लीजिए, रात को सोने से पहले इस लेप को सिर पर लगाइए। कुछ दिनों तक करते रहने पर बाल उगने लगते हैं और गंजापन समाप्त हो जाता है।
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हरे धनिये का पेस्ट बनाकर जिस स्थान के बाल उड़ गये हैं वहां लगाइए। कुछ दिनों तक लगाने से बाल उगने लगते हैं।
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केले का गूदा निकालकर उसे नींबू के रस में मिलाकर सिर पर लगाने से बालों के झड़ने की समस्या कम होती है और बाल फिर से उगने लगते हैं।
प्याज को काटकर उसके दो हिस्से कर लीजिए। जिस जगह के बाल झड़ गये हों वहां पर आधे-प्याज को पाँच मिनट तक रोज रगड़ें। बाल झड़ना बंद होगा ही साथ ही साथ बाल फिर से उगने लगेंगे।
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बाल उगाने हो या घने करने हों तो हेयर ऑयल से मसाज करना उत्तम उपाय है। जैतून तेल, नारियल तेल, आंवले का तेल और बादाम तेल बालों के लिए काफी उपयोगी है। इनमें से आप कोई भी तेल चुने और हफ्ते में दो से तीन बार सिर की अच्छे से मालिश करें। मालिश से पहले तेल को गुनगुना कर लें ताकि तेल सिर में अच्छे से समा सके।
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आँवला चूर्ण और नीम की पत्तियाँ एक साथ पानी में डालकर उबाल लें और इससे हफ्ते में दो बार सिर धोएं।
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गंजापन रोकने के उपाय कर रहे हैं तो नमक ज्यादा न खायें। नमक ज्यादा खाने से गंजापन की समस्या जल्दी आती है।
आपके परिवार में अगर गंजेपन की समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है तो भोजन में लहसुन का प्रयोग अधिक करें।
आपके बाल अगर सामान्य से अधिक उड़ते हो तो नीम का तेल बालों पर लगाएं। इस तेल से बालों की जड़े मजबूत होने लगती हैं जिससे बाल उड़ना कम होता है।
कलौंजी पीस कर पानी में मिलाकर इस पानी से सिर धोये। कुछ दिन कलौंजी मिले पानी से सिर धोने पर बालों का झड़ना बंद होता है और धीरे-धीरे नये बाल आने लगते हैं।
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अगर आप निम्न समस्याओं का अनुभव कर रहे हैं तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए-
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