मधुमक्खी का शहद जितना मीठा होता है उसका दंश उतना ही घातक होता है। मधुमक्खी अगर डंक मार दे तो उस जगह पर सूजन तो आ ही जाती है साथ ही तेज दर्द भी शुरु हो जाता है, कई बार तो दर्द और जहर के प्रभाव से बुखार भी हो जाता है पर आपको बता दें कि मधुमक्खी या दूसरे कीट नुकसान पहुँचाने के लिए नहीं बल्कि आत्मरक्षा में डंक मारते हैं या काटते हैं, मधुमक्खियों के डंक में जहर होता है जिससे शरीर में संक्रमण हो जाता है।
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मधुमक्खी के काटने पर उसके डंक में जहर होने के कारण दर्द, घाव या बुखार होता है। आयुर्वेद के अनुसार मधुमक्खी के काटने के बाद वात दोष दूषित हो जाता है।
मधुमक्खी के काटनर पर निकालने में सर्तकता का अवलंबन करना चाहिए। कहने का मतलब यह है कि डंक को चिमटी या नूकीली चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। एक ब्लंट ऑबजेक्ट जैसे कि क्रेडिट कार्ड या बटर नाईफ (जिसकी तेज धार न हो) को धीरे-धीरे प्रभावित क्षेत्र में खुरच कर डंक को निकालना चाहिए। चिमटी या नूकीली चीज का उपयोग करने से बचे क्योंकि इससे जहर फैल सकता है।
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मधुमक्खी के काटने पर दर्द और सूजन के अलावा और भी लक्षण होते हैं। हालांकि हर किसी में इसके अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं, कुछ लोगों को तेज दर्द होता है तो कुछ में केवल प्रभावित जगह पर सूजन आ जाती है, कुछ में वो जगह लाल पड़ जाती है।
-जलन और दर्द।
–सूजन।
-लाली।
-एक दुखद जगह में तापमान में वृद्धि हुई।
-कुछ घण्टों के बाद दर्द खुजली में भी बदल सकता है।
-शरीर का तापमान बढ़ता है।
–उल्टी।
-मतली।
-चक्कर आना।
–दस्त।
-आक्षेप।
-कमजोरी।
-चेतना का नुकसान
-रक्तचाप को कम करना।
-सांस लेने में कठिनाई।
-सामान्य मलिनता।
-एडीमा 48 घंटों के भीतर फैलती है,लेकिन दर्दनाक लक्षण 10 दिनों या उससे अधिक दिनों के बाद कम होने लगती है।
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मधुमक्खी के काटने से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है-
-हल्के रंग के, चिकनी कपड़े पहने जो बहुत ढीले नहीं हैं।
-कपड़ों को साफ रखें और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।
-जूते पहनें।
-एक पेशेवर सेवा का उपयोग कर, घर के पास घोंसले को हटा दें।
-क्षेत्रों को साफ रखें, खासकर जहां भोजन है।
-खाद्य कंटेनर और कचरा डिब्बे कवर करके रखें।
-मीठा पेय पीते समय व्यापक रूप से ब्रिमयुक्त कप का उपयोग करें, क्योंकि यह कीड़ों को देखने में आसान बनाता है।
-बगीचे की ट्रिमिंग जैसी गतिविधियों के दौरान सावधानी बरतें, जो एक घोंसला उकसा सकता है।
सामान्यतः मधुमक्खी के काटने के डंक के दर्द से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से डंक के दर्द से राहत पाया जा सकता है-
प्रभावित जगह पर बर्फ लगाने से कई तरह की परेशानियों और लक्षणों में राहत मिल जाएगी। ठण्ड की वजह से विषाक्त पदार्थ बहुत अधिक फैलता नहीं है, इसके अलावा ग्रसित जगह पर सिकाई करने से जलन, दर्द, सूजन, खुजली होने की सम्भावना नहीं रहती है।
बेकिंग सोडा अल्कलाइन होता है, जो कि जहर के असर को कम करने में मददगार होता है। बेकिंग सोडा लगाने से दर्द, खुजली और सूजन से राहत मिलती है।
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सिरके के इस्तेमाल से भी जहर का असर कम हो जाता है, साथ ही ये भी दर्द, सूजन और खुजली में राहत पहुँचाता है।
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मधुमक्खी काट लेने पर शहद का इस्तेमाल करना भी बहुत फायदेमंद होता है। ये जहर को फैलने नहीं देता है और इसका एंटी-बैक्टीरियल गुण संक्रमण बढ़ने नहीं देता है। मधुमक्खी का शहद कीट, मधुमक्खी के डंक के जहर का निष्क्रिय करने में सहायक होते हैं।
मधुमक्खी कीट के काटने और डंक वाली ग्रसित जगह से सूजन, दर्द कम करने में दही उत्तम माध्यम है। दही खायें और दही शरीर पर लगायें। दही मधुमक्खी, ततैया, भैर्रे, ब्लैक जेकेट, सिंलंगा आदि तरह के कीटों का जहर नाशक है।
मधुमक्खी की डंक सूजन, दर्द, खुजली निष्क्रिय करने के लिए चूना लगायें। चूना पेस्ट मधुमक्खी कीट के डंक के दुष्प्रभाव को मिटाने में सहायक होता है।
मधुमक्खी कीट के डंक के दुष्प्रभाव को मिटाने में गेंदा के फूल रस लगाना फायदेमंद होता है। गेंदा फूल में एन्टीफंगल गुण होता हैं। मधुमक्खी सूजन, दर्द, जलन और कीट जहर के संक्रमण को कम करता है।
मधुमक्खी कीट के डंक जहर को निष्क्रिय करने के लिये एलोवेरा के पत्ते का रस लगायें। एलोवेरा मधुमक्खी कीट के डंक सूजन, दर्द, जलन को कम करने में सहायक होता है।
सफेद टूथपेस्ट लगाने से भी डंक के दर्द से राहत मिलती है। ये जहर के अम्लीय प्रभाव को कम करता है। इसके इस्तेमाल से दर्द और सूजन में राहत मिलती है, लोहा धातु रगड़ना लोहे की घड़ी (लोह धातु) पर 1 या 2 बूंद पेस्ट लगाकर घिसकर डंक वाली जगह पर लगायें। लोहे रगड़ कर मक्खी डंक जहर को तुरन्त निष्क्रिय किया जा सकता है। लोहे को रगड़ने से हर तरह के मधुमक्खी जैसे कीटों का जहर शीघ्र घट जाता है।
व्यक्ति को एलर्जी प्रतिक्रिया का अनुभव होने की संभावना होती है। यदि एक कीट स्टिंग ब्लिस्टरिंग की ओर जाता है तो अगर आप संक्रमण के लक्षण विकसित होते हैं, जैसे कि पस, या लक्षण कुछ दिनों के भीतर नहीं जाते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए।
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