Contents
सभी चाहते हैं कि उनकी त्वचा खूबसूरत दिखे और चेहरे की चमक हमेशा बनी रहे। त्वचा सुंदर हो तो व्यक्तित्व में निखार आता (gharelu nuskhe in hindi for glowing face) है। व्यक्ति का हर अंग आकर्षक लगता है। वास्तव में त्वचा एक ऐसा माध्यम है जहां से सबसे पहले सुन्दरता की पहचान होती है। कई बार भिन्न-भिन्न कारणों से त्वचा में निखार की कमी आ जाती है और लोग अपन त्वचा की कांति वापस लाने के लिए तरह-तरह के घरेलू प्रयास (get glowing skin at home) करते हैं।
आयुर्वेद में चेहरे की चमक लाने के लिए बहुत ही सरल उपाय बताए गए हैं। अगर आप भी आयुर्वेद तरीके से त्वचा की कांति वापस वापस पाना चाहते हैं तो आइए इन तरीकों (how to get fair skin at home in hindi)के बारे में जानते हैं।
त्वचा के रूखे होने के पीछे के कारण (how to get fair skin at home in hindi) एक से अधिक कारण क्या-क्या हो सकते हैं, जिनमें ये प्रमुख हैंः-
इन बातों का ख्याल कर आप चेहरे की चमक (colour fair karne ke tips) को खोने से बचा सकती हैं।
सामान्यतः त्वचा तीन प्रकार की होती हैंः-
रूखी त्वचा (Dry Skin)
तैलीय त्वचा (Oily Skin) और
सामान्य मिश्रित त्वचा (Mixed Skin)
कई लोगों में मिश्रित त्वचा पाई जाती है और ऐसी त्वचा गर्मियों में बेहद तैलीय तथा सर्दियों में अत्यधिक रूखी हो जाया करती है।
और पढ़ें – ऑयली स्किन से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्खे
आप चेहरे की चमक लाना चाहती हैं तो आप यह जरूर जानना चाहिए कि मेलाज्मा क्या है और इससे कैसे बचना (how to get fair skin at home) है। मेलाज्मा त्वचा से जुड़ी बहुत ही सामान्य विकार है जिसमें चेहरे पर भूरे रंग का धब्बा जैसा दिखाई देता है। इसे हरी त्वचा (Colasma) भी कहा जाता है। मेलाज्मा के निशान अधिकतर महिलाओं में मां बनने के समय ही देखे जाते हैं।
आमतौर पर ये निशान गालों के ऊपरी हिस्से, माथे और ठोढ़ी पर नजर आते हैं। 20 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिलता है। हालांकि यह बीमारी पुरुषों में भी हो सकती है लेकिन ऐसा बहुत ही कम मामलों में देखा जाता है।
और पढ़ेंः मेलाज्मा का घरेलू इलाज
ऐसा अस्वस्थ कोशिकाओं या Melanocytes द्वारा भूरे Melanin के अधिक उत्पादन के कारण होता है। मेलाज्मा (Melasma) में पड़ने वाले गहरे निशानों के पीछे गर्भावस्था, गर्भनिरोधक गोलियां, हार्मोन में बदलाव या असन्तुलन, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, परिवार में किसी का मेलाज्मा का इतिहास, अनुवांशिक एवं जातीय कारण, दवाएं आदि प्रमुख हैं।
चेहरे की चमक लाने (glowing skin) के लिए आप इन उपायों (gharelu nuskhe in hindi for glowing face) को आजमा सकते हैं। इससे आपकी त्वचा स्वस्थ (colour fair karne ke tips) तो रहती ही है साथ ही त्वचा की कांति वापस भी आ जाती हैः-
एक शोध के मुताबिक दुनिया भर में करीब साढ़े चार करोड़ से पांच करोड़ लोगों को मेलाज्मा (Melasma) की शिकायत है। इन पीड़ित लोगों में 90 फीसदी महिलाएं हैं।
इससे बचने के लिए सबसे बेहतर उपाय सूरज की रोशनी में बाहर निकलना या खुद को सूरज की सीधी किरणों से बचाना है।
सूरज की रोशनी में अधिक वक्त बिताना मेलाज्मा (Melasma) का सबसे बड़ा कारण है। जिन लोगों के परिवार में इस बीमारी का इतिहास है उन्हें सूरज की रोशनी में अधिक वक्त बिताने से बचना (gharelu nuskhe in hindi for glowing face) चाहिए। इससे आपकी चेहरे की चमक जा सकती है।
जिस त्वचा में वात की अधिकता हो उसमें त्वचा रूखी हो जाती है। ठंड के मौसम में यह बेहद सूखी हो जाती है तथा उम्र के साथ-साथ जल्दी ढलती है। यह समय से पहले ही अपनी वसा खो देती है।
ऐसे में इसे खास देखभाल की जरूरत (gharelu nuskhe in hindi for glowing face)होती है। खासतौर पर इस तरह की त्वचा को पौष्टिकता देने के लिए प्राकृतिक तेलों से मालिश करनी चाहिए। इससे त्वचा में नमी बरकरार रहेगी और रूखापन दूर (glowing face) होगा। इसके अलावा भरपूर नींद लेनी चाहिए।
और पढ़ें – त्वचा रोग में शाल के फायदे
जिसमें पित्त की अधिकता है ऐसी त्वचा में लाल चकत्ते, मुंहासे, जल्दी-जल्दी सनबर्न होने की संभावना रहती है। यह बहुत ही संवेदनशील और मुलायम होती है तथा हल्कापन और गरमाहट लिए होती है।
इस तरह की त्वचा पर रेशे (Rashes) और मुंहासे की समस्या अधिक देखी जाती है। पित्त प्रभावी त्वचा पीली और संवेदनशील होने से सूरज की रोशनी में ज्यादा प्रभावी होती है। ऐसी त्वचा (glowing face) में शीतवीर्य द्रव्यों के लेप एवं तेल से मालिश (gharelu nuskhe in hindi for glowing face) करनी चाहिए।
कफज त्वचा अधिक तैलीय, मोटी और ठण्डापन लिए होती है। ऐसी त्वचा पर अधिक गन्दगी जमा होने की संभावना तथा मुंहासे की शिकायत अधिक रहती है। कफ प्रभावित त्वचा में की देखभाल के लिए त्वचा के विषैले तत्वों को दूर करने की आवश्यकता पड़ती है।
चेहरे की चमक लाने (tips for glowing skin) के लिए घरेलू नुस्खे का प्रयोग बहुत फायदा पहुंचाते हैं, जो ये हैंः-
चेहरे और गर्दन में ताजा निचोड़ा हुआ नींबू का रस लगाएं। दस मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है साथ ही कोशिका को दोबारा बनाने की प्रक्रिया को भी तेज (tips for glowing face) करता है।
और पढ़ें – त्वचा रोग में चांदनी के फायदे
हल्दी पाउडर और बेसन को समान मात्रा में दूध के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं (colour fair karne ke tips) तथा इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सूख जाने के बाद गुनगुने पानी से धो लें। इससे चेहरे की चमक बनी रहती है।
हल्दी त्वचा पर निशान या दाग को मिटाने में अच्छा कार्य करती है। यह एक बेहतर एंटीसेप्टिक है। त्वचा में चमक (glowing skin tips) लाती है तथा त्वचा संक्रमण समेत कई तरह के त्वचा रोगों के लिए रामबाण है।
और पढ़े – त्वचा रोगों में जटामांसी के फायदे
चेहरे पर शहद लगाएं तथा सूखने के बाद धो लें। यह एक अच्छा मोस्चराईजर (colour fair karne ke tips) है, यह चेहरे को नरम और कोमल बनाता है। यह चेहरे की चमक लाती है।
और पढ़ें – त्वचा रोगों में सेब के फायदे
ताजा एलोवेरा का गुदा चेहरे पर लगाएं। यह मुंहासे को खत्म करता है तथा दाग-धब्बों को मिटाता (glowing skin tips) है।
और पढ़ें: एलोवेरा के औषधीय गुण
चेहरे की चमक लाने और चेहरे पर पड़ी झुर्रियों को हटाने के लिए अरंडी के तैल (कैस्ट्रोल ऑयल) से अपने चेहरे की नियमित रूप से मालिश (colour fair karne ke tips) करें।
कच्चे आलू के रस को चेहरे पर लगाए तथा सूखने पर धो दें। यह चेहरे से दाग-धब्बों को हटाता है तथा त्वचा में कसाव (colour fair karne ke tips) लाता है।
और पढ़ें – त्वचा विकार में चौलाई के फायदे
चेहरे की चमक (colour fair karne ke tips) बरकरार रखने के लिए आपको अपनी खान-पान इस तरह रखनी हैः-
त्वचा की कांति या चेहरे की चमक बनाए रखने के लिए आपकी जीवनशैली (colour fair karne ke tips) ऐसी होनी चाहिएः-
यदि त्वचा अधिक समय तक सूर्य की रोशनी के सम्पर्क में आये तो भी त्वचागत विकार उत्पन्न हो सकते हैं इसमें मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणें त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाती है जिससे त्वचा पर Melasma, Freckels, Pigmintation, Black Heads आदि समस्याएं हो जाती हैं।
सुबह की गुनगुनी धूप का सेवन अवश्य करना चाहिये। इससे शरीर को विटामीन डी मिलता है। दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक की धूप से बचाव करना करना चाहिये, इस समय धूप में नहीं जाना चाहिए। यदि जाना भी पड़े तो उत्तम गुणवत्ता वाला सनक्रीन त्वचा पर लगाना चाहिये। जितना हो सके त्वचा को ढकना चाहिये क्योंकि इससे चेहरे की चमक (colour fair karne ke tips) जा सकती है।
आयुर्वेदीय उपचार त्वचा को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ बनाता है। ये स्वस्थ जीवनशैली एवं खानपान दोनों के कारण (face glow tips) होता है। कृत्रिम एवं केमिकलयुक्त उत्पादों से त्वचा कुछ समय के लिए ठीक तो हो जाती है लेकिन दोबारा रोगग्रस्त हो जाती है।
आयुर्वेदीय उपचार वात, पित्त एवं कफ तीनों दोषों को सन्तुलित कर शरीर को स्वस्थ बनाता है एवं अच्छी और निखरी त्वचा अच्छे स्वास्थ्य का ही परिणाम होती है।
कई बार समाज में यह भ्रांति भी देखी गई है कि आयुर्वेद उपाय हर व्यक्ति को लाभ नहीं पहुंचा।
वास्तव में यह केवल एक मिथक है। आवश्यकता है कि प्रत्येक व्यक्ति के दोषों का निरीक्षण करके उसके अनुसार उपचार किया जाए।
और पढ़ें:
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…
डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…
मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…
यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…
पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…
अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…