हिचकी आनी आम बात है, लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनको हिचकी बार-बार आती रहती है। अनेक गर्भवती स्त्रियों को भी हिचकी की समस्या होती है। आमतौर पर लोग हिचकी का उपचार करने के लिए पानी पीते हैं, लेकिन कई बार पानी से भी हिचकी की समस्या नहीं जाती। इसके लिए आप हिचकी के घरेलू उपाय को प्रयोग (hichki rokne ke upay) में ला सकते हैं।
यहां हिचकी से जुड़ी सभी जानकारियां दी जा रही हैं। आप इन उपायों से हिचकी आने पर लाभ ले सकते हैं।
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हिचकी को हिक्का भी कहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त एवं कफ विकार के कारण शरीर में कोई भी बीमारी होती है। इसी तरह हिचकी वात एवं कफ दोष विकार के कारण होती है। आमतौर पर हिचकी की परेशानी श्वसन तंत्र विकार के कारण होती है, लेकिन इसमें पाचनतंत्र की भी भूमिका होती है।
हिचकी डायफ्राम के संकुचन के कारण होती है। डायफ्राम वह मांसपेशियां है, जो पेट से आपकी छाती को अलग करती है। यह सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि इसमें संकुचन या दबाव उत्पन्न होता है तो आपकी आवाज निकालने वाली नली (स्वरयंत्र या Vocal cords) अचानक बंद होकर ‘हिक्’ ध्वनि को उत्पन्न करता है। यही हिचकी या hiccups कहलाती है। हिचकी को रोकने के लिए घरेलू उपायों का इस्तेमाल किया जाना अच्छा होता है।
आयुर्वेद में हिचकी के पांच प्रकार बताए गए हैं-
इनमें से क्षुद्रा एवं अन्नजा हिचकी सामान्य होती है, और महा-गम्भीरा और व्यपेता हिचकी परेशानी बन जाती है।
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है। डायफ्राम मांसपेशी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। फ्रेनिक नसें डायफ्राम की गति को नियंत्रित एवं उत्तेजित करती है। इन नसों में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डायफ्राम में ऐंठन होती है, तथा epiglottis के अचानक बंद होने के कारण हिचकी आने लगती है। कई बार अधिक भोजन कर लेने, हवा निगलने, ज्यादा गर्म एवं मसालेदार भोजन करने, तनाव या किसी प्रकार के सदमा होने के कारण भी हिचकी आती है। हिचकी आने के कारण ये हो सकते हैंः-
गर्भवती महिलाओं को हिचकी आने के निम्न कारण हो सकते हैं-
इसके लिए महिलाओं को धीरे-धीरे तथा आराम से भोजन करनी चाहिए। महिलाएं तनावमुक्त रहकर, और उचित जीवनशैली से हिचकी को ठीक कर सकती हैं।
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सामान्यतः हिचकी कुछ समय के बाद अपने आप ही शान्त हो जाती है, लेकिन अगर 2-3 दिन से ज्यादा दिनों तक हिचकी बनी रहती है तो यह बड़ी समस्या का विषय बन जाती है। इस अवस्था में हिचकी को ठीक करने का उपाय किया जाना चाहिए। आप हिचकी के लिए ये घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैंः-
सोंठ, आंवले और पीपल के एक-एक ग्राम चूर्ण को मिलाकर मधु या मिश्री के साथ खाएं। इस घरेलू नुस्खे से हिचकी को रोका जा सकता है।
पिप्पली चूर्ण और पिसी हुई मिश्री मिलाकर हिचकी के रोगी को सूंघाने से हिचकी बंद हो जाती है।
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गुनगुने पानी में नींबू का रस और एक चुटकी नमक और पुदीने के कुछ पत्ते मिलाएं। इसे पीने से हिचकी और गैस दोनों में आराम मिलता है।हिचकी को रोकने के लिए नमक और पुदीने का इस्तेमाल ऐसे करना चाहिए।
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सोंठ और बड़ी हरड़ को बराबर-बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। तीन ग्राम चूर्ण को पानी के साथ सेवन करने से हिचकी बंद हो जाती है।
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कुटकी के चूर्ण को 1-2 चुटकी की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर दिन में 3-4 बार खाएं। इससे हिचकी से आराम मिलता है।
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1/4 चम्मच हींग पाउडर को 1/4 चम्मच मक्खन के साथ मिलाकर खाने से हिचकी का इलाज होता है। ये हिचकी रोकने के उपाय हैं।
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आप ये घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैंः-
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सामान्यतः हिचकी कुछ ही देर में अपने आप शान्त हो जाती है, लेकिन अगर यह एक या दो दिन से ज्यादा रहती है, तो यह तंत्रिका तंत्र (Nervous System) में होने वाली समस्या का संकेत करती है। ऐसी स्थिति में तुरन्त डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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