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बदहजमी का कारण, लक्षण और घरेलू इलाज : Home Remedies for Indigestion

और पढ़ें – बच्चों के कब्ज का घरेलू इलाज बेकिंग सोडा सेबदहजमी को ‘अपच’ के रूप में भी जाना जाता है। यह पेट के ऊपरी हिस्से में होने वाली बेचैनी है। पेट में जो एसिड बनता है वह जब पाचन तंत्र की सुरक्षात्मक सतह को नुकसान पहुँचाता है, तब पेट में  जलन और सूजन होती है, जो अत्यन्त कष्टदायक होती है।

Contents

बदहजमी होता क्या है? (What is Indigestion?)

आयुर्वेद के अनुसार बदहजमी मूल रूप से खाने से संबंधित होती है। आमतौर पर अपच में कोई गंभीर जटिलताएं नहीं होती हैं, फिर भी यह आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। इसके कारण आप असहज महसूस करते हैं और कम खाते हैं। अपच के कारण आपका ऑफिस या विद्यालय जाना भी कभी-कभी मुमकिन नहीं हो पाता है।

अपच की अवधि रोग को बढ़ाने वाले कारक पर निर्भर करती है। अत्यधिक जंक फूड खाने, शराब पीने और एक से दो घंटों तक धूम्रपान करने के कारण अपच और सीने में जलन हो सकती है। कुछ मामलों में, व्यक्ति का भोजन पचने के दो घंटे बाद उससे थोड़ी राहत महसूस हो सकती है। पेट द्वारा भोजन को देर से और धीमी गति से पचाने के कारण मोटे और रोगियों में अपच 3 घंटे से अधिक समय तक रह सकती है।

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बदहजमी क्यों होता है? (Causes of Indigestion)

जैसा कि हमने पहले ही चर्चा की है कि बदहजमी असंतुलित आहार-योजना के कारण होती है। इसके सिवा और भी कारण है जो निम्नलिखित है-

  • बहुत ज्यादा खाना।
  • बहुत तेजी से भोजन करना।
  • वसायुक्त या तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन करना।
  • मसालेदार भोजन करना।
  • कैफीन का अत्यधिक मात्रा में सेवन करना।
  • अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करना।
  • बहुत चॉकलेट खाना।
  • बहुत अधिक गैसयुक्त पेय पदार्थों का सेवन करना।
  • भावनात्मक आघात।और पढ़ें – बच्चों के कब्ज का घरेलू इलाज बेकिंग सोडा से
  • पित्ताशय की पथरी।
  • हायात्स हर्निया (Hiatus hernia)
  • घबराहट होने के कारण
  • मोटापा
  • पेप्टिक अल्सर
  • आमाशय का कैंसर

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बदहजमी के लक्षण (Symptoms of Indigestion)

अपज एक सामान्य समस्या है। इस रोग से ग्रसित लोगों को निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं-

  • भोजन के दौरान जल्दी ही पेट भर जाना अर्थात् पूरी तरह भोजन किए बिना ही पेट भरा हुआ महसूस होना।
  • निश्चित समय की तुलना में पेट अधिक समय तक भरा रहना।
  • अपच होने पर भूख नहीं लगना।
  • कभी-कभी रोगी को घबराहट महसूस होना।
  • छाती में जलन की अनुभूति होना।
  • जी मिचलाना।
  • जीभ पर मैल जम जाना, पेट फूलना आदि अजीर्ण रोग के प्रमुख लक्षण।
  • नींद कम आना।
  • दस्त होना।
  • पेट फूल जाना।
  • कब्ज की शिकायत होना।
  • पेट में गैस बनना।
  • पेट में भारीपन महसूस होना।
  • भोजन हजम नहीं होना।
  • पेट में हल्का-हल्का दर्द होना।
  • रोगी को पसीना अधिक आना।
  • सांस से दुर्गन्ध आना।
  • पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन।
  • उल्टी करने की इच्छा।

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बदहजमी से बचाव के तरीके (Prevention Tips for Indigestion)

अपच के समस्या के लिए सबसे पहले जीवनशैली और आहार में बदलाव लाने की ज़रूरत होती है-

आहार-

  • -अपच की स्थिति में बहुत सारे तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए, खासकर पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण है।
  • -हल्के और नरम खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। जैसे- उबले हुए चावल, सब्जियों का सूप, केला, पपीता, उबली हुई मछली, उबली हुई सब्जियाँ, सेब की चटनी, अनानास, दहि इत्यादि।
  • -अपच से बचने का सबसे अच्छा तरीका उन खाद्य पदार्थों और परिस्थितियों से दूर रहना है, जो इसे पैदा करती हैं।
  • -कम भोजन खाएं, ताकि आपके पेट को उस भोजन को पचाने में ज्यादा मुश्किल न हो।
  • धीरे-धीरे खाएं।
  • एसिडयुक्त खाद्य पदार्थों से बचें।
  • कैफीनयुक्त खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थो से बचें या कम मात्रा में उपयोग करें।
  • अपच से बचने का सबसे आसान तरीका है खान-पान संबंधित आदतों पर काबू रखना। इसके अतिरिक्त निम्न बातों पर ध्यान दें-
    • मिर्च, मसाले, मछली, शराब, अंडा आदि का सेवन न करें।
    • हरी सब्जियां जैसे-मूली, पालक, मेथी, लौकी, परवल आदि का सेवन करें।

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  • रेशे वाली चीजें अधिक मात्रा में खाएं।
  • चोकर वाले आटे की रोटी खाएं।
  • रात्रि के भोजन के बाद थोड़ा बहुत जरूर टहलें।
  • धूम्रपान छोड़ दें।
  • यदि अजीर्ण पुराना है तो गेहूँ का दलिया, मूंग की दाल, छाछ, पतली रोगी के सिवाय कुछ न खाएं।
  • दिन में चार-पांच गिलास पानी जरूर पिएं।
  • सदैव तला तथा पौष्टिक भोजन करें।
  • तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  • टमाटर या प्याज जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  • लाल मांस पचाने में मुश्किल होता है।
  • मसालेदार व्यंजन का त्याग करें।

  • ज्यादा चॉकलेट का सेवन न करें।
  • कैफीनयुक्त उत्पाद न खाएं।
  • कार्बनयुक्त पेय पदार्थो का सेवन न करें।
  • जीवनशैली-
  • यदि आपको अपच की परेशानी है तो धूम्रपान करना या च्युइंगम चबाना उचित नहीं है।
  • रात को अधिक मात्रा में भोजन करने से बचें।
  • शराब के सेवन से बचें।
  • यदि तनाव अपच को बढ़ाता है, तो इससे निजात पाने के नए तरीके जानें। जैसे आराम करें।
  • यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इस आदत को छोड़ दें या कम से कम खाने से पहले या बाद में धूम्रपान न करें, क्योंकि धूम्रपान आपके पेट में जलने पैदा कर सकता है।
  • अत्यधिक टाईट कपड़े पहनने से बचें। ये आपके पेट पर दबाव डाल सकते हैं, जिससे आपके द्वारा खाया गया भोजन आपकी भोजन नली की और जा सकते हैं।
  • पेट भरा होने पर व्यायाम न करें।

बदहजमी से राहत पाने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Indigestion)

सामान्यतः बदहजमी की समस्या से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से अपच की समस्या को कुछ हद तक राहत पाया जा सकता है।

सेब का सिरका बदहजमी से राहत दिलाने में फायदेमंद (Apple Cider Vinegar Beneficial in Indigestion in Hindi)

सेब के सिरके का प्रयोग अक्सर आमाशय की हालत में सुधार करने के लिए किया जाता हैं। इससे खाना को जल्दी हजम होने में मदद मिलती है।

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बेकिंग सोडा बदहजमी से राहत दिलाने में फायदेमंद (Baking Soda Beneficial in Indigestion in Hindi)

पेट में एसिड के उच्च स्तर तक बढ़ने के कारण अक्सर अपच हो जाती है। बेकिंग सोडा इस समस्या के लिए सबसे सरल और प्रभावी उपचार है क्योंकि यह एक एंटासिड है।

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अदरक बदहजमी से राहत दिलाने में फायदेमंद (Ginger Beneficial in Indigestion in Hindi)

अदरक पाचन रसों और एंजाइमों के प्रवाह को उत्तेजित करता है, जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं।

अजवायन बदहजमी से राहत दिलाने में फायदेमंद (Ajwain Beneficial in Indigestion in Hindi)

अजवायन में पाचक और वातहर गुण होते हैं, जो अपच, पेट की गैस और दस्त का इलाज करता है। अपने डायट में अजवाइन को शामिल करने से बदहजमी से प्रभावी तरीके से लाभ मिलता है।

सौंफ बदहजमी से राहत दिलाने में फायदेमंद (Fennel Seed Beneficial in Indigestion in Hindi)

थोड़ी सी सौंफ भून लें और उसे सुबह-शाम काले नमक के साथ लें, भोजन करने के बाद लें, अपच दूर हो जाएगा।

जायफल बदहजमी से राहत दिलाने में फायदेमंद (Nutmeg Beneficial in Indigestion in Hindi)

जायफल को नींबू के रस में मिलाकर चाटने से बदहजमी से राहत मिलती है। इसके अलावा यह पेट भी साफ करता है।

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डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)

अगर आपको रोज बदहजमी की समस्या होती है और आपको खाना सही तरह से हजम नहीं होता है तो बिना देर किये डॉक्टर से मिलना चाहिए।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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