गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन को नेफ्रोलिथिआरीस (Nephrolithiaris) भी कहते है। गुर्दे की पथरी एक क्रिस्टलीय खनिज पदार्थ है जो गुर्दे या मूत्र पथ में कही भी हो सकती है। एक छोटा पत्थर बिना लक्षण के मूत्र के साथ बाहर निकल जाता है। लेकिन अगर पथरी 5 एमएम से ज्यादा का हो तो यह मूत्रमार्ग में रुकावट पैदा करता है, जिससे परिणामस्वरूप दर्द और उल्टी जैसे लक्षण उत्पन्न होते है। विभिन्न कारक इन पत्थरों के विकास के जोखिम का बढ़ा सकते है।
अनुवांशिकी और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन के कारण अधिकांश पथरियाँ बनती है। जोखिम कारक में मूत्र में कैल्शियम का उच्च स्तर, मोटापा, कुछ खाद्य पदार्थ, कुछ दवाएं, कैल्शियम की खुराक, गाउट और पर्याप्त तरल पदार्थ न मिलना शामिल है। यूरीन में मौजूद कैमिकल यूरिक एसिड, फॉस्फोरस, कैल्शियम, ऑक्जालिक एसिड मिलकर पथरी बना देते है।
गुर्दे की पथरी मिनरल्स और नमक से बनी एक ठोस जमावट होती है। इनका माप छोटे से लेकर बड़ा हो सकता है। यह गुर्दे में या मूत्रपथ में पाई जाती है। मूत्रपथ में गुर्दे, मूत्रवाहिनी (Ureter), मूत्राशय (Bladder), मूत्रमार्ग, (urethra) होते है। इसमें बहुत ज्यादा दर्द होता है। लेकिन गुर्दे की पथरी के इलाज (Pathri ka ilaj) के बारे में जानने से पहले वह क्यों होता है पहले इसके बारे में जानते हैं।
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आयुर्वेद में पथरी को अश्मरी कहा गया है, इसमें वात दोष मूत्राशय में आये हुए शुक्र सहित मूत्र को या पित्त के साथ कफ को सूखा देता है तब पथरी बन जाती है। जब यह अश्मरी मूत्र मार्ग में आ जाती है तब मूत्र त्याग में अत्यधिक रुकावट एवं असहनीय पीड़ा उत्पन्न करती है। इसके कारण अंडकोष से लेकर लिङ्ग मूत्राशय एवं पार्श्व में पीड़ा होती है। वात के कारण जब यह अश्मरी टुकड़े-टुकड़े होकर मूत्र मार्ग से निकलती है तब इसे आयुर्वेद में शर्करा कहा गया है।
किडनी स्टोन चार प्रकार के होते हैं-
इनमें से कैल्शियम स्टोन और यूरिक एसिड स्टोन आम तौर पर सबसे ज्यादा पाये जाते हैं।
आजकल गुर्दे में पथरी होना जैसा सामान्य हो गया है। इसके लक्षण नजर आते ही तुरंत पथरी का इलाज (Pathri ka ilaj) करना चाहिए. आइये जानते हैं किडनी की पथरी किन कारणों से होती है।
वैसे तो गुर्दे में पथरी होने से दर्द होता है लेकिन इसके साथ ही कई और लक्षण होते हैं-
मूत्र त्याग के समय दर्द
पीठ के निचले हिस्से, पेट में दर्द और ऐंठन
मूत्र में रक्त आना
जी मिचलाना और उल्टी आना
दुर्गन्धयुक्त पेशाब
बार-बार पेशाब आना परंतु खुलकर पेशाब न आना
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किडनी में पथरी होने पर जल्द से जल्द पथरी का इलाज (Pathari ka ilaj) कराना चाहिए. गुर्दे में पथरी न हो इसके लिए आहार और जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने चाहिए। जैसे-
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गुर्दे की पथरी निकालने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू उपाय ही आजमाते हैं। तो चलिये जानते हैं कि वे घरेलू उपाय कौन-कौन से हैं-
सौंफ मिश्री, सूखा धनिया, इनको 50-50 ग्रा. मात्रा में लेकर रात को 11/2 कप ठंडा पानी मिलाकर पीने से पथरी पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है।
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तुलसी का इस्तेमाल करना किडनी स्टोन दूर करने का काफी प्रचलित घरेलू उपाय (Kidney stone ke gharelu upay) है. इसके लिए प्रतिदिन 5-7 तुलसी के पत्तों को चबाकर खाएँ। इसमें एसिटिक एसिड एवं अन्य जरूरी तेल होते है जो पथरी को तोड़कर पेशाब के रास्ते बाहर निकालते है। यह दर्द निवारक की तरह भी काम करती है।
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चौलाई की सब्जी गुर्दे की पथरी से निजात दिलाती है। यह पथरी को गलाने का रामबाण इलाज (Pathri ka ilaj) है।
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2-3 बेलपत्र को पानी के साथ पीस लें और इसमें एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर खाएँ। दो सप्ताह तक इसका सेवन करने से गुर्दे की पथरी निकल आती है।
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शोध के अनुसार विटामिन बी की 100-150एमजी की नियमित खुराक लेने से गुर्दे की पथरी से निजात मिलती है।
एक चम्मच इलायची, खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री एक कप पानी में डालकर उबालें ठंडा होने के बाद सुबह-शाम पिएँ।
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छोटे पथरी को अधिकांश रूप से किसी खास इलाज की जरूरत नहीं होती। एक दिन में 7-8 गिलास पानी पीकर पथरी निकल जाती है।
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4 चम्मच नींबू का रस व समान मात्रा में ऑलिव ऑयल मिलाएँ। इसे जरूरत के हिसाब से पानी के साथ पिएँ। इसको दिन में 2-3 बार करें। तीन दिन इसे लगातार करें यदि पथरी बाहर निकल जाती है तो इसे आगे न दोहराएँ।
सेब के सिरके में क्षार के गुण होते है यह किडनी स्टोन को घुलने में मदद करता है। 1 कप गुनगुने पानी 2 चम्मच विनेगर व 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में बार-बार पिएँ।
प्रतिदिन अनार का जूस पिएँ। अनार में मौजूद पोटाशियम उन मिनरल क्रिसटल्सको बनने से रोकता है जिनके कारण पथरी बनती है। यह अपने क्षारीय गुण के कारण पथरी को बनने से रोकता है और यह मूत्र में एसिड के स्तर को ठीक रखता है। यह पथरी की रोकथाम के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय माना जाता है.
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तरबूज में पोटैशियम होता है जो किडनी को मजबूत बनाने में सहायक होते है। ये यूरीन में एसिड लेवल को समान रखता है। पोटाशियम के साथ इसमें पानी की मात्रा भी अधिक होती है। इसे खाने से शरीर में पानी बढ़ता है व पथरी यूरीन के द्वारा निकल जाती है। इसके अलावा तरबूज के रस में एक चौथाई चम्मच धनिया पाउडर डालकर सेवन करें। दिन में दो-तीन बार ऐसा करें।
राजमा को भिगोकर उसे उबाल लें। इस पानी को ठंडा कर के इसे दिन में कई बार पिएँ।
2 प्याज को एक गिलास पानी में डालकर धीमी आँच में उबालें पकने पर उसे ठण्डा कर लें अब प्याज को पीस लें और छानकर रस निकालकर 1-2 दिन तक पिएँ।
कॉर्न हेयर या कॉर्न सिल्क (मकई) के सेवन से किडनी स्टोन ठीक होता है। इसके सेवन से यूरिन ज्यादा आता है और पथरी छोटे-छोटे कणों के द्वारा बाहर निकल जाती है।
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व्हीट ग्रास को पानी में उबालकर ठण्डा कर लें इसके नियमित सेवन से गुर्दे की पथरी और गुर्दे से जुड़ी दूसरी बिमारियों में काफी आराम मिलता है।
खजूर को रात भर पानी में भिगाकर सुबह खाए इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। गुर्दे की पथरी होने के खतरे को कम करता है।
खीरे का सेवन करें इसमें पथरी निकलने में आसानी होती है।
ये घरेलू उपाय (kidney stone ke gharelu upay) लाभकारी तो होते हैं लेकिन अगर पथरी बड़ी हो या स्थिति गंभीर हो तो पथरी का इलाज (Pathri ka ilaj) कराएं, सिर्फ घरेलू उपायों पर निर्भर ना रहें.
गुर्दे की पथरी का दर्द बहुत ही असहनीय और देर तक बना रहता है। दर्द के साथ जी मिचलाना और उल्टी जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते है। गुर्दे की पथरी के कारण गुर्दे या मूत्रपथ में संक्रमण भी हो सकता है अतः दर्द उठने पर ही तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क कर जाँच कराए एवं पथरी होने पर तुरंत इलाज (Pathri ka ilaj) करवाएं।
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