ल्यूकोरिया (Leucorrhea) को कुछ लोग लिकोरिया (Likoria) नाम से भी पुकारते हैं। इस बीमारी में योनि से चिपचिपा, दुर्गन्धयुक्त, गाढ़ा पानी बहता है। जब यह बीमारी किसी महिला को होती है, तो महिला शुरुआत में ल्यूकोरिया के बारे में किसी को नहीं बताती है। नतीजा यह होता है कि बीमारी और बड़ी हो जाती है। ऐसा नहीं करना चाहिए। ल्यूकोरिया के इलाज के कई सारे घरेलू उपाय हैं, जिनका उपयोग कर आप ल्यूकोरिया का इलाज कर सकती हैं।
आयुर्वेद में ल्यूकोरिया को श्वेत प्रदर कहा गया है। इसे एक स्वतंत्र रोग ना कहकर योनि के विभिन्न रोगों का लक्षण कहा गया है। जो महिलाएं अस्वस्थ आहार, अधिक नमकीन, खट्टे, चटपटे, प्रदाही, चिकने तथा मांस-मदिरा का अधिक सेवन करती हैं, उनको ल्यूकोरिया होने की संभावना बढ़ जाती है।
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ल्यूकोरिया को सामान्य भाषा में सफेद पानी या श्वेत प्रदर भी कहा जाता है। यह स्त्रियों में होने वाली एक आम बीमारी है। इसमें योनि से सफेद रंग का गाढ़ा और दुर्गन्धयुक्त पानी निकलता है। किसी तरह का इन्फेक्शन होने पर स्राव पीले, हल्के नीले या हल्के लाल रंग का, और बहुत चिपचिपा एवं बदबूदार होता है। यह किसी योनि या गर्भाशय से संबंधित रोग का लक्षण भी हो सकता है। ल्यूकोरिया का उपचार ना करने पर महिला का स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है। अलग-अलग महिलाओं में स्राव की मात्रा एवं समयावधि अलग-अलग होती है। इसके कारण प्रजनन अंगों में सूजन आ जाती है।
ल्यूकोरिया के दो प्रकार के होते हैंः-
मासिक चक्र के दौरान योनि से पानी जैसा बहने वाला दुर्गन्धरहित चिपचिपा, पतला और सामान्य माना जाता है। महिलाओं में अण्डोत्सर्ग के दौरान यह स्राव बढ़ जाता है। यह स्त्री के शरीर की सामान्य प्रक्रिया है। इसमें किसी उपचार की जरूरत नहीं होती है। केवल उचित आहार-विहार का पालन करना चाहिए।
ऐसा बैक्टेरियल इन्फेक्शन होने पर देखा जाता है। स्राव का रंग असामान्य गाढ़ापन लिए हुए एवं दुर्गन्धयुक्त होता है। यह Yeast Infection भी हो सकता है।
ल्यूकोरिया की पहचान इन लक्षणों से की जा सकती हैः-
मासिक धर्म में पहले या बाद में थोड़ी मात्रा में सफेद पानी बहना सामान्य बात है, लेकिन अधिक मात्रा में, नियमित रूप से पीला या नीलापन लिए स्राव आने लगे तो ये कारण हो सकते हैंः-
आप ल्यूकोरिया के लिए ये घरेलू नुस्खे आजमा सकती हैंः-
आंवले को सुखाकर चूर्ण बना लें। इसे पानी के साथ सेवन करें। नियमित रूप से सेवन करने से ल्यूकोरिया की समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी।
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जामुन की छाल को सुखाकर पीस लें। इस चूर्ण को दिन में दो बार पानी के साथ लें।
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रात भर एक कप पानी में 2-3 सूखें अंजीर भिगोकर रखें। अगली सुबह, गले अंजीरों को पीसकर खाली पेट सेवन करें।
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चार चम्मच त्रिफला चूर्ण को लगभग 2-3 गिलास पानी में रात भर भीगने दें। सुबह छानकर इस पानी से योनि को धोएं।
अमरूद के 5-7 पत्तों को आधे घण्टे तक पानी में उबाल लें। ठण्डा होने के बाद छानकर इस पानी से दो बार योनि को धोएं।
नीम की छाल को पीसकर पाउडर बना लें। इसे शहद में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।
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ल्यूकोरिया के दौरान आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-
ल्यूकोरिया के दौरान आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
इन अवस्था में डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिएः-
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