जुकाम से पीड़ित होने के कई कारण हो सकते हैं। मौसम में बदलाव होने पर कई लोगों को जुकाम हो जाती है, तो अनेक लोग अधिक ठण्डी चीज खाने, नमी युक्त वातावरण में रहने से भी जुकाम से ग्रस्त हो जाते हैं। आमतौर पर जुकाम होने पर लोग सीधे एलोपैथिक दवा का प्रयोग करते हैं, लेकिन आप जुकाम का इलाज घरेलू उपायों से भी कर सकते हैं।
एक-दो नहीं बल्कि अनेक घरेलू नुस्खे हैं, जिनसे आप जुकाम से राहत पा सकते हैं।
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जुकाम को नजला (Rhinitis या Nasopharyngitis) भी कहते हैं। यह श्वसन तंत्र का संक्रमण के कारण होने वाला रोग है। इसमें व्यक्ति की नाक प्रभावित होती है। सामान्य जुकाम वायरस के संक्रमण के कारण होता है। जुकाम होने का सबसे आम कारण राइनोवायरस का संक्रमण है। जुकाम में व्यक्ति को नाक से पानी बहने (Behti naak), छींक आने, गले की खराश, नाक बन्द होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जुकाम में लोगों को ऐसी परेशानियां होती हैंः-
यह वायरस के संक्रमण के कारण होता है। दो सौ से अधिक वायरस जुकाम होने के कारण माने गए हैं, लेकिन मुख्य रूप से निम्न दो वायरस ही सामान्य जुकाम के लिए उत्तरदायी होते हैं।
आप जुकाम को ठीक करने के लिए ये घरेलू उपचार कर सकते हैंः-
एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पिएं। इससे बंद नाक और गले की खराश में आराम मिलता है। नाक से पानी बहना (Behti naak) बंद हो जाता है।
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मेथी और अलसी को 3-4 ग्राम की मात्रा में लेकर 1 गिलास पानी में उबालें। जब अच्छी तरह उबल जाए, तब इसकी 3-4 बूंद को दोनों नाक में डालें। इससे जुकाम में आराम मिलता है।
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दस ग्राम हल्दी और दस ग्राम अजवायन को एक कप पानी में डालकर पकाएं। जब पानी आधा रह जाए, तब इसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाकर पिएं। इससे जुकाम में तुरंत आराम मिलता है, और नाक से पानी बहना कम हो जाता है।
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सोते समय दोनों नाक के दोनों छिद्र में 2-2 बूंदे बादाम रोगन या सरसों के तेल की डालकर सोएं। इससे नाक का किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता।
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लहसुन में एलिसिन नामक रसायन होता है, जो एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल होता है। यह सर्दी-जुकाम के संक्रमण को दूर करता है। इसके लिए 4-5 लहसुन की कलियों को घी में भूनकर खाएं।
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गाय का शुद्ध देशी घी को पिघलाकर 2 बूंद सुबह नाक में डालें। ऐसा नियमित रूप से तीन महीने तक करें। पुराना जुकाम भी ठीक हो जाता है।
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7-8 मुनक्के पानी में डालकर उबालें। जब पानी आधा रह जाए तब मुनक्के निकालकर खाएं, और पानी को पी लें। इससे बहती नाक की समस्या से आराम मिलता है.
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जुकाम के दौरान आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-
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जुकाम के दौरान आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
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जुकाम क्यों होता है?
आयुर्वेद में हर रोग का कारण दोषों के असंतुलन को माना गया है। आयुर्वेद में जुकाम को प्रतिश्याय कहा गया है। आपके ऊपरी श्वसन तंत्र में वात एवं कफ दोष के असंतुलन के कारण जुकाम की समस्या हो जाती है। उचित उपचार ना करने पर यह गंभीर होकर कष्टकारक हो जाता है।
जुकाम कितने दिनों में ठीक होता है?
सामान्य जुकाम 8-10 दिन में उचित खान-पान और घरेलू उपचार से ठीक हो जाता है। इसके लक्षण आमतौर पर 6-10 दिन के भीतर समाप्त हो जाते हैं। कई बार यह लक्षण 2 सप्ताह तक भी रह सकते हैं। यह सबसे अधिक होने वाला संक्रामक रोग है, जो वर्ष में एक या दो बार सबको होता है। छोटे बच्चे संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते है, इसलिए यह बच्चों में ज्यादा जल्दी होता है।
जुकाम को गंभीर कब समझना चाहिए?
यदि जुकाम 8-10 दिनों से ज्यादा अवधि तक चलता रहे, और लक्षण (गले में खराश व नाक से पानी बहना) और भी ज्यादा दिखने लगे, तो यह गंभीर रोग में बदल सकता है या साइनुसाइटिस हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
जुकाम किस गंभीर बीमारी का लक्षण होता है?
यदि लम्बे समय तक जुकाम बना रहे, और नाक बन्द होना या नाक से पानी बहना (behti naak), सिर दर्द , सूंघने की शक्ति का कमजोर हो रही हो तो यह साइनुसाइटिस भी हो सकता है। यह सामान्य जुकाम से अलग गम्भीर रोग है। साइनुसाइटिस मुख्य रूप से प्रदूषण, धूम्रपान और इन्फेक्शन के कारण होता है। इस रोग में साइनस की अंदरूनी सतह पर सूजन एवं एलर्जी हो जाती है। यह सूजन बैक्टेरिया या वायरस के संक्रमण के कारण होता है।
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