आजकल पेट में दर्द होना आम समस्या बन गई है क्योंकि लोगों की जीवन शैली इतनी अनियमित हो गई है कि इसका सीधा असर उनके पाचन तंत्र पर पड़ता है। देर तक बैठ कर काम करना, समय के अभाव के कारण जंक फूड ज्यादा खाना, पर्याप्त मात्रा में नींद न होना जैसे समस्याओं के कारण सामान्य तौर पर बदहजमी या पेट संबंधी समस्याएं होती है जिसके कारण पेट में दर्द (Pet Dard or stomach pain) होने लगता है।
आम तौर पर लोग पेट दर्द (Pet Dard) के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्खे ही अपनाते हैं। क्योंकि पेट दर्द के लिए घरेलू नुस्ख़े ही घर में सबसे पहले मिल जाते हैं जिससे दर्द से जल्दी राहत मिलती है।तो चलिये अब जानते हैं कि आयुर्वेद में किस दोष के कारण पेट में दर्द होता है और इसका क्या आयुर्वेदिक उपचार (Pet dard ka Ilaj) है।
वातदोष के असंतुलित होने के कारण पेट में सुई या कील चुभोने की तरह दर्द होता है जिसको पेट दर्द (Pet dard) कहते है।
पेट दर्द (Pet Dard) होने के पीछे बहुत तरह के कारण होते है,जैसे- खान-पान और जीवनशैली लेकिन इसके अलावा कुछ विशेष बीमारियों के कारण भी पेट में दर्द होता है। जैसे-
सामान्य कारण
(ब) अन्य कारण
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आयुर्वेद के अनुसार किस दोष के कारण पेट दर्द होता है-
इन सभी कारणों की वजह से शरीर में उपस्थित वात दोष असंतुलित होकर पाचन क्रिया को कमजोर कर देता है और पेट में सुई या कील चुभोने जैसा दर्द होने लगता है। पेट दर्द मुख्यतः वात दोष के असंतुलित होने की वजह से होता है पर वात दोष शरीर में उपस्थित अन्य दो दोष (पित्त और कफ) को दूषित कर देता है। जिसके कारण पेट में जलन (Upset Stomach), किडनी में दर्द होना, अधिक प्यास लगना, जी मिचलाना, पेट में रुक-रुक कर दर्द (Pet Dard) होना, यह सब पित्त व कफ दोष के असंतुलित होने की वजह से होता है।
पेट दर्द शब्द से ये तो पता चलता है कि पेट में ही दर्द होगा सिर्फ दर्द करने का तरीका और दिशा बदलेगा लेकिन इसके भी कुछ आम लक्षण होते हैं-
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पेट दर्द (Pet Dard) से आराम पाने के लिए सबसे पहले आहार और जीवनशैली में बदला लाना जरूरी होता है। चलिये इनके बारे में जानते हैं।
हल्का भोजन जैसे मूंग की दाल, दलिया, मठ्ठा (छाछ), पपीता, अनार का जूस भोजन में लेना चाहिए।
1.सुबह-सुबह उठते ही गुनगुना पानी 1 या 2 गिलास पीना चाहिए जिससे हमारा पेट अच्छी तरह से साफ हो सके।
यह दवा बच्चों की बिमारी के लिए बहुत लाभकारी साबित हुई है। दवा को चूर्ण या 1-2 गोली को शहद के साथ या जायफल के साथ पीसकर या घोटकर खाली पेट या भरे पेट 3-3 घण्टे के अन्दर में दो या तीन बार देने से बच्चों के पेट दर्द (Pet Dard), उल्टी, गैस, बुखार में बहुत चमत्कारी लाभ करती है। इस दवा के सेवन से बच्चों को कोई भी हानि नही पहुंचती है। यह दवा छोटे बच्चों के लिए रामबाण का काम करती है। यह दवा चिकित्सक परामर्श के बिना भी दे सकते है।
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आधा छोटा चम्मच हींग को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें। इसी पेस्ट को शिशु की नाभी के किनारे-किनारे लगा दे ऐसा करने से शिशु के पेट दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलता है।
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जायफल को नींबू रस में मिलाकर शिशु को चटाने से पेट दर्द और गैस की समस्या ठीक हो जाती है।
काला नमक, सोंठ, हिंग, यवक्षार, अजवायन इन सभी को समान भाग में मिलाकर चूर्ण (Powder) कर ले फिर 2-2 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम नाश्ते और रात के खाने के बाद गुनगुने पानी से देवे इसका सेवन करने से पेट की गुड़गुड़ाहट और पेट के ऐंठन (Upset Stomach) में आराम मिलता है।
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दशमूलारिष्ट (juice for stomach pain) 4 चम्मच दवा 4 चम्मच पानी को एक साथ मिलाकर सुबह-शांम नाश्ते और रात के खाने के बाद देना चाहिए। यह अरिष्ट आसानी से हर आयुर्वेदिक स्टोर पर मिल जाता है।
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अजवायन चूर्ण का प्रयोग अजवायन 1 या 2 ग्राम, सोठ 1 ग्राम दोनों को साथ में अच्छी तरह से पीसकर गुनगुने पानी के साथ खाली पेट या नाश्ते के बाद लेना चाहिए। यह पाउडर पेट दर्द (Pet Dard) को कम करता है तथा भूख को बढ़ाता है। यह पाउडर दिन में दो बार सुबह और शाम को लेना चाहिए।
हरड़ का प्रयोग भिंगी हुई हरड़ 2 नग, काला नमक 1 ग्राम, पिप्पली 1 नग, अजवायन 1 ग्राम इन सभी को एक साथ अच्छी तरह पीसकर गर्मपानी के साथ सुबह और शाम नाश्ते और रात के खाना खाने के बाद देना चाहिए। इस पाउडर को लेने से ज्यादा गैस बनना कम हो जाती है और पेट भी अच्छी तरह से साफ हो जाता है।
10 मि.ग्रा.दो चम्मच पुदीना का रस ,10 मि.ग्रा.दो चम्मच शहद, 2.5 मि.ग्रा.नींबू का रस, 20 मि.ग्रा. ताजा पानी एक साथ मिलाकर पीने से पेट दर्द से आराम मिलता है।
-2 ग्राम सूखी अदरक, 2 ग्राम काली मिर्च, 2 ग्राम हींग, 2 ग्राम सेंधा नमक का मिलाकर पेस्ट जैसा बना लें। सबसे पहले नाभि के चारों ओर गीले आटे की कटोरी जैसी बना ले फिर इस पेस्ट को हल्के गुनगुने पानी में डालकर नाभि में डाल दें। यह क्रिया उदर शूल या पेट दर्द (Pet Dard) से राहत दिलाती है।
-3 ग्राम गुड में 3 ग्राम अजवायन कूट कर मिलाए और इसके दो भाग कर ले सुबह-शांम खिलाने से उल्टियाँ रुक जाती है और पेट का फूलना भी कम हो जाता है।
-अजवायन 1/2 छोटा चम्मच, हींग 1/4 चम्मच मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लेने से पेटदर्द, गैस, जी मिचलाना आदि में बहुत जल्दी आराम मिलता है।
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1 छोटा चम्मच लहसुन का रस और 3 छोटे चम्मच सादा पानी एक साथ मिलाकर 1 हफ्ते तक रोज सुबह या शाम खाने के बाद पीना चाहिए। इसके सेवन से गैस तथा पेट के दर्द (Pet dard) में बहुत जल्दी लाभ मिलता है।
5 मि.ली नींबू रस,5 नग का चूर्ण काली मिर्च और 1 ग्राम सोंठ चूर्ण और 1/2 गिलास गर्म पानी इन सभी को एक साथ मिलाकर सुबह या शांम 2 दिन तक देने से पेट दर्द और उल्टी में आराम मिलता है।
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आयुर्वेद के अनुसार
पेट के बाई ओर, दाईं ओर और बीच में दर्द होना किस बीमारी का होता है संकेत-
पेट दर्द (Upset stomach) तो सबको किसी न किसी कारण से होता है। लेकिन इन विशेष जगहों पर दर्द होना किस बीमारी का संकेत होता है चलिये इसके बारे में जानते हैं-
दांयी ओर पेट में दर्द होना
1. अपेन्डीससाइटीस (Appendicitis)- अगर सीधे हाथ तरफ पेट में सूजन और दर्द है तो बीमारी आत्रपुच्छ (Appendicitis) हो सकती है।
पेट के बायी ओर दर्द होना
2. रीनल कैल्क्योलाई (Renal Calculi) –अगर बांयी ओर पेट में दर्द महसूस हो रहा है और यह दर्द कभी-कभार नहीं बनती बल्कि अक्सर होता रहता है तो सर्तक हो जाये क्योंकि यह दर्द किड़नी (गुर्दो) की परेशानी जैसे-पथरी आदि का कारण भी हो सकता है।
3. पेट के बीचोबीच दर्द होना
डयू डेनल अल्सर (Dudenal Ulcer)/ पेपटिक अल्सर (Peptic Ulcer)-पेट के बीचो-बीच होने वाला दर्द पेट में अल्सर होने का इशारा करता है। इसके अलावा यह दर्द गैस या अम्लीयता के कारण हो सकता है। ऐसा महसूस होने पर तुरंत पेट दर्द का इलाज (Pet dard ka ilaj) कराएँ.
4. पेट के निचले हिस्से में दर्द होना-पेट के नीचले हिस्से के दर्द से अक्सर महिलायें परेशान रहती है क्योंकि यह दर्द महिलाओं को पीरियड (stomach pain in periods home remedies in hindi) के दौरान ज्यादा होता है।
पेट दर्द (Pet Dard) होना किसी अन्य बीमारी का हो सकता है संकेत-
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