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अधिकांश लोग लौंग (lavang) से जरूर परिचित होंगे। अनेक मौकों पर लौंग का सेवन भी करते होंगे। लोगों को यह तो पता है कि लौंग के सेवन से फायदे होते हैं या लौंग का उपयोग करना लाभदायक होता है लेकिन सच यह है कि बहुत सारे लोगों को लौंग के प्रयोग से होने वाले अनेक लाभों (laung benefits) के बारे में जानकारी ही नहीं होती। इस कारण लोग लौंग को केवल कुछ ही चीजों में प्रयोग करते हैं।
आयुर्वेदिक ग्रंथों में लौंग के इस्तेमाल से जुड़े कई उपाय बताए गए हैं। लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है, उल्टी रुकती है, पेट की गैस, अत्यधित प्यास लगने की समस्या और कफ-पित्त दोष ठीक होते हैं। इसके साथ ही आप रक्त विकार, सांसों की बीमारी, हिचकी और टीबी रोग में भी लौंग का उपयोग कर लाभ (laung ke fayde) पा सकते हैं। आइए लौंग के फायदे के बारे में जानते हैं।
लौंग (lavang) के वृक्ष पर लगभग 9 वर्ष की आयु में फूल लगने शुरू हो जाते हैं। इसकी फूल कलियों को ही सुखाकर बाजार में लौंग के नाम से बेचते हैं। गर्भवती महिलाओं को होने वाली उल्टी में लौंग बहुत लाभदायक होती है। लौंग के फायदे या कुछ विशेष गुण इस प्रकार हैंः-
लौंग का वानस्पतिक नाम Syzygium aromaticum (Linn.) Merr & L. M. Perry (सिजीयम एरोमैटिकम) Syn-Eugenia caryophyllata Thunb., Caryophyllus aromaticus Linn. है और यह Myrtaceae (मिर्टेसी) कुल की है। लौंग को देश या विदेश में अनेक नामों से जाना जाता है, जो ये हैंः-
Cloves in –
लौग के औषधीय प्रयोग (laung ke fayde), प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
आप लौंग के फायदे सिर दर्द की परेशानी में ले सकते हैं। अगर कोई रोगी आधासीसी से पीड़ित है या फिर अन्य प्रकार के सिर दर्द की समस्या से परेशान है तो लौंग का प्रयोग लाभ दिलाता है। इसके लिए 6 ग्राम लौंग को पानी में पीसकर सुखा लें। इसे थोड़ा गर्म कर लें। इसका कान के आस-पास गाढ़ा लेप करने से सिर दर्द या आधासीसी की समस्या में लाभ होता है।
2 लौंग और 65 मिग्रा अफीम को पानी के साथ पीसकर गर्म कर लें। इसको ललाट पर लेप करने से सर्दी के कारण होने वाले सिर दर्द से आराम मिलता है।
लौंग को तांबे के बरतन में पीस लें। इसे शहद मिलाकर आंखों में लगाने से आंखों के रोगों में लाभ (laung ke fayde) मिलता है।
लौंग के फायदे से दांतों की बीमारियों में भी मिलते हैं। लौंग के तेल को रूई के फाहे में लगाकर दांतों में लगाएं। इससे दांतों के दर्द से आराम मिलता है। इससे दांत में लगे कीड़े भी खत्म हो जाते हैं।
लौंग के 2 ग्राम कूटे हुए चूर्ण को 125 मिली पानी में उबालें। जब यह एक चौथाई रह जाए तो छानकर थोड़ा गर्म कर पी लें। यह कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।
लौंग को मुंह में रखने से मुंह और सांस की दुर्गन्ध मिटती है।
दमा रोग में भी लौंग के फायदे मिलते हैं। लौंग, आंकडे के फूल और काला नमक को बराबर मात्रा में लें। इन्हें पीसकर चने के आकार की गोली बना लें। इसे मुंह में रखकर चूसने से दमा और श्वासनलिका के विकार ठीक होते हैं।
3-4 नग लौंग को आग पर भूनकर पीस लें। इसे शहद मिलाकर चाटने से कुक्कुर खांसी में लाभ (laung ke fayde) होता है।
हैजा होने पर बहतु अधिक प्यास लगने की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में लौंग के फायदे इस परेशानी में भी मिलते हैं। एक या ड़ेढ़ ग्राम लौंग को करीब डेढ़ ली जल में डालकर उबालें। 2-3 उबाल आने पर नीचे उतार कर ढक दें। इसमें से 20-25 मिली जल को बार-बार पिलाने से हैजा के कारण लगने वाली अत्यधिक प्यास की समस्या ठीक होती है।
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1 ग्राम लौंग और 3 ग्राम हरड़ को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर पिलाने से अपच की समस्या ठीक (long khane ke fayde) होती है।
जी मिचला रहा हो तो आप लौंग के फायदे लें। लौंग को पानी के साथ पीसकर थोड़ा गर्म कर लें। इसे थोड़ा-थोड़ा पिलाने से जी मिचलाने और अत्यधित प्यास लगने की समस्या ठीक होती है।
लौंग (lavang) और छोटी पिप्पली को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इस चूर्ण को 1½ ग्राम की मात्रा में लेकर मधु मिलाकर सुबह और शाम चाटने से बुखार और बुखार के कारण होने वाली शारीरिक कमजोरी में लाभ होता है। है।
लौंग तथा चिरायता को समान भाग लें। इसे पानी में पीसकर पिलाने से बुखार में लाभ (long ke fayde) होता है।’
10 ग्राम लौंग, 10 ग्राम सोंठ, अजवायन और 10 ग्राम सेंधा नमक तथा 40 ग्राम गुड़ को पीस लें। इसकी 325-325 मिग्रा की गोलियाँ बना लें। 1 गोली को दिन में 2-3 बार सेवन करने से पेट की गैस की समस्या ठीक होती है।
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गर्भवती महिलाओं को उल्टी होना आम बात है। खास बात यह है कि लौंग के फायदे इसमें बहुत आराम पहुंचाते हैं। इससे गर्भवती महिलाओं को बहुत आराम मिलता है। 1 ग्राम लवंग (लौंग) चूर्ण को मिश्री की चाशनी और अनार के रस में मिलाकर चाटें। इससे गर्भवती महिलाओं को होने वाली उल्टी बंद (long ke fayde) हो जाती है।
लौंग का काढ़ा पिलाने से गर्भवती स्त्री की उल्टी बन्द हो जाती है। ध्यान रखें कि बुखार में यह काढ़ा ना दें।
लौंग (lavang) व जायफल को घिसकर नाभि पर लेप करने से पुरुष की स्तम्भन शक्ति (संभोग करने की क्षमता) बढ़ जाती है।
लौंग के फायदे आप गठिया जैसी बीमारी में भी ले सकते हैं। लौंग के तेल से गठिया में लाभ होता है। इसे गठिया वाले स्थान पर लगाएं। इससे लाभ मिलता है।
लवंग की त्वचा को उष्णोदक के साथ पीसकर लेप करने से वात दोष के कारण होने वाले दर्द में लाभ (long khane ke fayde) मिलता है।
5-6 लौंग और 10 ग्राम हल्दी को पीसकर लगाने से नासूर (पुराना घाव) ठीक हो जाता है।
अनेक लोग छाती में जलन की समस्या से पीड़ित रहते हैं। इसमें भी लौंग के फायदे ले सकते हैं। 2-4 नग लौंग (lavang) को शीतल जल में पीस लें। इसमें मिश्री मिलाकर पीने से हृदय की जलन मिटती है।
1 ग्राम लौंग और 3 ग्राम हरड़ को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर पिलाने से दस्त पर रोक (laung benefits) लगती है।
जायफल, लौंग तथा जीरा को समान मात्रा में लें। इनका चूर्ण बना लें। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद और शक्कर के साथ सेवन करें। इससे दस्त ठीक होता है।
चूर्ण – 1-2 ग्राम
लौंग के तेल – 1-3 बूँद
अधिक लाभ के लिए लौंग का इस्तेमाल चिकित्सक के परामर्शानुसार करें।
लौंग (lavang) के पैदा होने का स्थान मलक्का द्वीप है, लेकिन भारत के दक्षिण में केरल और तमिलनाडू में इसकी खेती की जाती है। भारतवर्ष में लौंग का अधिकांश आयात सिंगापुर से किया जाता है।
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