मखाना (phool makhana) को फॉक्ट नट या कमल का बीज भी कहा जाता है। प्राचीन काल से मखाना को धार्मिक पर्वों में उपवास के समय खाया जाता है। मखाना से मिठाई, नमकीन और खीर भी बनाई जाती है। मखाना पौष्टिकता से भरपूर होता है, क्योंकि इसमें मैग्ननेशियम, पोटाशियम, फाइबर, आयरन, जिंक आदि भरपूर मात्रा में होता है। आयुर्वेद में मखाना के बहुत सारे गुणों के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है। आइए इसके फायदों (makhane ke fayde in hindi) के बारे में जानते हैं।
Contents
मखाना शारीरिक शक्ति को बढ़ाता (makhane ke fayde) है। जिन पुरुषों को वीर्य संबंधी समस्या होती है, उनके लिए मखाना का सेवन फायदेमंद होता है। इसके सेवन से वीर्य दोष में सुधार होता है। यह जल में पाया जाता है। इसके पौधे कांटेदार तथा कमल के समान होते हैं। इसके पत्ते कमल के समान, गोलाकार होते हैं, जो ऊपर से हरे, लेकिन नीचे से लाल या बैंगनी रंग के होते हैं। इसके फल गोलाकार, कांटेदार तथा मुलायम (स्पंज वाले) होते हैं। इसके बीज मटर के समान, या इससे कुछ बड़े होते हैं। फल संख्या में 8-20 तथा हल्के काले रंग के होते हैं। इसे कच्चा या भूनकर खाते हैं। बालू में भूनने से यह फूल जाते हैं, जिन्हें मखाना कहा जाता है।
मखाना को लोग स्नैक्स के रूप भी में खाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, मखाना मधुर, ठंडा प्रभाव वाला होता है। यह गर्भधारण करने में मदद पहुंचाता है, गर्भवती स्त्रियों के लिए शक्तिवर्द्धक होता है। मखाना के बीज के सेवन से सेक्स करने की इच्छा बढ़ने में मदद मिलती है। यहां आपकी भाषा और आसाान शब्दों में मखाना के फायदे (makhana benefits in hindi) बताए गए हैं।
मखाना (phool makhana) का वानस्पतिक नाम Euryale ferox Salisb. (यूराइआली फैरॉक्स) Syn-Euryale indica Planch. है, और यह Nymphaeaceae (निम्फिएसी) कुल का है। मखाना को दुनिया भर में इन नामों से भी जाना जाता हैः-
Fox nut in –
मखाना (phool makhana) वैसे तो खाने में स्वादिष्ट होता है, लेकिन इसके अनगिनत फायदे भी होते हैं। चलिये विस्तार से इसके बारे में जानते हैंः-
आजकल की जीवनशैली इतनी खराब हो गई है कि लोगों को बहुत सारी बीमारियां अनायास ही हो जाती हैं। इनमें मधुमेह भी एक है। समय के अभाव के कारण लोग असंतुलित भोजन को अधिक प्राथमिकता देते हैं, जिसके कारण शरीर में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। यह डायबिटीज का कारण बनता है। मखाना के फायदे शुगर में भी मिलते हैं। मखाने (fox nuts) की शर्करा रहित खीर बनाएं। इसमें सालम मिश्री का चूर्ण डालकर खिलाएं। इससे डायबिटीज में लाभ (makhane ke fayde) मिलता है।
प्रसव के बाद महिलाओं को काफी दर्द होता है। यह असहनीय भी होता है। मखाना के गुण ऐसे दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। मखाना के पत्तों को 10-15 मिली पानी में डालकर काढ़ा बना लें। इसे पीने से प्रसव के बाद होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
कई कारणों से कान के दर्द की समस्या हो जाती है। ये बीमारी बच्चों में ज्यादातर देखा जाता है। कान के दर्द से राहत पाने के लिए मखाना के बीज का प्रयोग कर सकते हैं। मखाना के बीजों को पानी में उबालकर काढ़ा जैसा बना लें। इस काढ़ा को एक या दो बूंद कान में डालें। इससे कान दर्द कम (makhane ke fayde) होता है।
और पढ़ें – कान की समस्याओं में आक के फायदे
गठिया आज एक आम बीमारी बन गई है। गठिया के कारण शरीर के जोड़ों, जैसे- पैर और हाथ आदि अंगों में बहुत दर्द होता है। मखाना के गुण से आप लाभ ले सकते हैं। इसके लिए मखाना पेड़ के पत्तों को पीसकर दर्द वाले जगह पर लगाएं। इससे आराम (makhane ke fayde) मिलता है।
कई लोगों को शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों, जैसे- पैर या पैर के तलवे आदि में जलन की समस्या रहती है। मखाने को दूध में मिलाकर पीने से इस परेशानी में आराम मिलता है।
शारीरिक कमजोरी की शिकायत कई कारणों से हो सकती हैं। आप मखाना के सेवन से इसमें लाभ पा सकते हैं। मखाना के बीजों का सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
और पढ़ें – खरबूजे से दूर होती है शारीरिक कमजोरी
मखाना दिल के लिए फायदेमंद होता है। इसके उचित मात्रा में सेवन से यह रक्त की आपूर्ति में सुधार करता है एवं हृदयाघात जैसी गंभीर समस्याओं के रोक थाम में भी सहयोगी होता है ।
उच्च रक्तचाप के लिए मखाना लाभदायक होता है क्योंकि इसमें सोडियम की मात्रा कम और पोटैशियम की मात्रा ज्यादा पायी जाती है जो उच्च रक्तचाप को कम करती है।
नींद न आने का कारण शरीर में वात दोष का प्रकुपित होना है। मखाने अपने गुरु और वातशामक स्वभाव के कारण नींद लाने में सहयोग करते हैं।
मखाने का उचित मात्रा में सेवन गुर्दो को भी स्वस्थ रखने में सहयोग देता है। यह गुर्दों की कार्य क्षमता को बढ़ा कर उनकी क्रिया को सामान्य बनाये रखने में मदद करता है।
गर्मी को दूर रखने में मखाने का सेवन एक अच्छा उपाय है क्योंकि मखानों में शीत (ठंडा) गुण होता है जो कि शरीर की गर्मी को शांत कर राहत दिलाता है।
मखानों का प्रयोग मसूढ़ों से होने वाली ब्लीडिंग और सूजन को दूर करने में कर सकते है क्योंकि मखानों में कषाय और शीत का गुण पाया जाता है जो कि खून को आने से रोकता है।
मखाने का सेवन करने से पुरुषों की नपुंसकता में भी कुछ हद तक लाभ पहुँचाया जा सकता है क्योंकि इसमें वृष्य यानि अंदरूनी शक्ति बढ़ाने का गुण होता है।
मखानों का सेवन झुर्रियों से छुटकारा पाने में भी सहयोग देता है क्योंकि इसमें स्निग्ध गुण होता है। जो त्वचा में तैलीय तत्त्व बनाये रखने में सहयोग देता है, जो झुर्रियों को रोकने में मदद करता है ।
आमतौर पर दस्त की परेशानी खान-पान में बदलाव या फूड प्वाइजनिंग की वजह से होता है। इसके लिए आहार में बदलाव लाने के साथ-साथ मखाना का सेवन करें। इससे दस्त पर रोक (makhane ke fayde) लगती है। मखाना को घी में भूनकर खाएं।
आयुर्वेद में मखाना के पत्ते और बीज का प्रयोग औषधि के लिए किया जाता है।
बीमारी के लिए मखाना का सेवन और इस्तेमाल कैसे करना चाहिए, इसके बारे में पहले ही बताया गया है। अगर आप मखाना के गुण से किसी ख़ास बीमारी का उपचार करना चाह रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
भारत में मखाना की खेती मुख्यतः जम्मू-कश्मीर तथा बिहार में की जाती है।
मखाने का सेवन सलाद में नियंत्रित मात्रा में किया जा सकता है। इन्हे भून कर या फिर चूर्ण बनाकर भी प्रयोग में लाया जा सकता है।
मखानों की तासीर ठंडी होती है। फिर भी इसका सेवन किसी भी मौसम में किया जा सकता है।
मखाने लघु होने के कारण अच्छे पाचक होते हैं। साथ ही ये कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर्स और प्रोटीन्स से भरपूर होते हैं।
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…
डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…
मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…
यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…
पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…
अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…