आप मेथी (methika) के बारे में जरूर जानते होंगे। इसे मेथिका भी बोलते हैं। मेथी का इस्तेमाल हर घर में होता है। लोग मेथी के पत्तों का साग बहुत पसंद करते हैं। कई लोग मेथी की चटनी पसंद करते हैं। मेथी के दानों (Fenugreek Seeds) से साबुन और सौंदर्य प्रसाधनों की चीजें बनाई जाती हैं। इसके अलावा भी मेथी के कई फायदे हैं। क्या आप जानते हैं कि मेथी का उपयोग एक औषधि (methi ke laddu ke fayde) के रूप में भी किया जाता है, और मेथी से लाभ लेकर रोगों का इलाज किया जाता है?
आयुर्वेद में यही बताया गया है कि मेथी अनेक रोगों की दवा भी है। इसके बीजों का प्रयोग मसालों के साथ-साथ औषधि के रूप में किया जाता है। गाँवों में प्रसूता स्त्री को मेथी के लड्डू विशेष रूप से दिये जाते हैं। मेथी और मेथी के तेल (methi ka tel) में डायबिटीज को नियंत्रित करने और गाँठ को बनने से रोकने के गुण होते हैं। आइए जानते हैं कि आप मेथी के फायदे (methi ke fayde) किस तरह से ले सकते हैं।
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मेथी (methika) का पौधा साल में एक बार होता है। पौधी लंबााई लगभग 2-3 फीट लंबा होती है। पौधे में छोटे-छोटे फूल आते हैं। इसकी फली मूंग दाल के जैसी होती है। इसके बीज बिलकुल छोटे-छोटे होते हैं। यह स्वाद में कड़वा होता है।मेथी के पत्ते हल्के हरे और फूल सफेद रंग के होते हैं। इसकी फली में 10 से लेकर 20 छोटे, पीले-भूरे रंग के तेज गंध वाले बीज होते हैं। इन बीजों का उपयोग (uses of methi dana) कई सारे रोगों में किया जाता है। इसकी एक और प्रजाति होती है, जिसको वन मेथी कहते हैं। यह कम गुण वाला होता है। इसे जानवरों के चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है।
मेथी (methika) का वानस्पतिक नाम ट्राइगोनेला फीनम् ग्रीकम् (Trigonella foenum-graecum Linn. & Syn-Trigonella tibetana (Alef.) Vassilcz.) है। यह फेबेसी (Fabaceae) कुल का पौधा है। अंग्रेजी और विविध भारतीय भाषाओं में इसका नाम निम्नानुसार हैंः-
Fenugreek in –
मेथी के फायदे (methi ke fayde) हैंं नीचे दिए जा रहे हैंः-
मेथी के फायदे से बालों का झड़ना रोका जा सकता है। इसके लिए 1-2 चम्मच मेथी के दानों को रात भर के लिए भिगो दें। इसे सुबह पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। एक घण्टे बाद बालों को धो लें। सप्ताह में दो से तीन बार लगाने से बालों का गिरना (methi dana benefits for hair) बंद हो जाता है।
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कान के बहने की बीमारी में मेथी के फायदे ले सकते हैं। मेथी के बीजों (Methi Seeds) को दूध में पीस लें। इसे छानकर तैयार कर लें। इस रस को गुनगुना या हल्का गर्म करके 1-2 बूँद कान में डालें। इससे कान का बहना बंद हो जाता है।
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मेथी के बीज कब्ज दूर करने में काफी लाभकारी हैं। मेथी, चंद्रसूर, मंगरैला (कलौंजी) और अजवायन का रोजाना सेवन करें। इससे गैस सम्बन्धी रोग, अपच, पेट में दर्द, भूख की कमी, पेट का फूलना, पेट दर्द और कमर दर्द आदि रोगों में लाभ होता है।
कब्ज में मेथी का औषधीय गुण फायदेमंद होता है। अगर कब्ज से परेशान रहते हैं तो मेथी के पत्तों का साग बनाकर खाएं। इससे कब्ज की परेशानी से राहत मिलती है। मेथी मल को नरम करके कब्ज को ठीक करता है।
उल्टी की परेशानी में मेथी के औषधीय गुण से लाभ मिलता है। बार-बार उल्टी से परेशान रहते हैं तो मेथी के बीजों का चूर्ण का सेवन करें। इससे उल्टी बंद होती है। उपाय करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
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1-2 ग्राम मेथी के चूर्ण में गुड़ मिलाकर सेवन करने से गोनोरिया रोग में लाभ (methi ke fayde) होता है। उपाय करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर मिलें।
एक रिसर्च के अनुसार, मेथी में एंटी-ऑक्सीडेंट और हिपेटो-प्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। यह लीवर के लिए भी लाभदायक होता है।
1-2 ग्राम मेथी के बीज का चूर्ण सेवन करें। इससे तंत्रिका-तंत्र से संबंधित विकारों में लाभ होता है। इसके इस्तेमाल से धीरे-धीरे तंत्रिका-तंत्र की समस्याएं ठीक होने लगती हैं।
मेथी (methika) के दानों में दर्दनिवारक गुण होते हैं। 1-2 ग्राम मेथी चूर्ण का सेवन करने से पूरे शरीर का दर्द कम होता है।
आप मेथी के फायदे से त्वचा रोग का इलाज भी कर सकते हैं। मेथी का लेप बना लें। इसे त्वचा रोग जैसे दाद-खाज-खुजली या एग्जिमा वाले स्थान पर लगाएं। यह लाभ दिलाता है।
गठिया की बीमारी में भी मेथी से लाभ होता है। दरअसल गठिया (अर्थराइटिस) वात दोष के कारण होता है। मेथी में वात को संतुलित करने के गुण पाए जाते हैं। यह गठिया (अर्थराइटिस) के दर्द को कम करने में मदद करता है। आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से गठिया में मेथी के इस्तेमाल की जानकारी लें।
मेथी में उष्ण और दीपन गुण पाए जाते हैं। इसके कारण यह पाचन अग्नि को बढ़ाकर पाचन-तंत्र को मजबूत रखता है। यह भूख बढ़ने में भी मदद करता है।
आपको रक्तचाप की समस्या है तो मेथी से लाभ ले सकते हैं। मेथी में एंटी-हाइपरटेन्सिव का गुण होता है जिससे यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
आप मेथी के पौधे के इन भागों का उपयोग कर सकते हैंः-
पत्ते
बीज
अधिक लाभ के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श अनुसार मेथी का इस्तेमाल करें।
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मेथी से नुकसान भी हो सकते हैंः-
भारत के समस्त प्रदेशों में मेथी की खेती की जाती है। मुख्यतः गंगा के ऊपरी मैदानी भागों और कश्मीर एवं पंजाब में मेथी (methika) की खेती की जाती है। भूमध्यसागरीय इलाकों, दक्षिणी यूरोप और पश्चिमी एशिया में विशेष रूप से इसकी खेती की जाती है। चीन में सुगंधित बीजों के कारण इसे उपजाया जाता है। अफ्रीका में जानवरों के चारे के लिए इसकी खेती की जाती है।
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