Contents
पिपरमिंट का नाम सूनते ही च्यूइंग गम याद आता है, हैं न। इस पिपरमिंट को हिन्दी में विलायती पुदीना (Pudina in hindi) भी कहते हैं। आयुर्वेद में पिपरमिंट के पत्तों (mint leaves) का प्रयोग कई तरह के बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये मूल रुप से यूरोप में पाया जाने वाला पौधा है।
पिपरमिंट का दर्दनिवारक गुण कई तरह के बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करता है, जैसे- दांतों का दर्द, पेट का दर्द, सर का दर्द, पेट की गड़बड़ी आदि। चलिये आगे जानते हैं कि पिपरमिंट खाने के अलावा किन-किन बीमारियों के लिए उपचार स्वरुप प्रयोग किया जाता है।
पेपरमिंट (pudina)अत्यन्त सुगन्धित क्षुप (shrub)होता है। इसके तेल और रस आदि का इस्तेमाल चिकित्सा में किया जाता है। यह एक 30-60 सेमी ऊँचा, सीधा, सुगन्धित पौधा होता है। इसका तना सीधा, बैंगनी, हरे रंग का, चार कोणों वाला तथा शाखा-प्रशाखायुक्त होता है।
पिपरमिंट एन्टीसेप्टीक (रोगाणु को फैलने से रोकने वाला) , दर्द निवारक और हजम शक्ति बढ़ाने में मददगार होता है। यह गठिया के दर्द में फायदेमंद होने के अलावा उल्टी रोकने में भी सहायता करता है।
इसका तेल अल्प पूयरोधी (पाइरिया में लाभकारी), पित्तवर्धक (पित्त को बढ़ाने वाला), जीवाणुरोधी तथा कीटनाशक होता है। इसके अलावा पिपरमिंट का तेल दर्दनिवारक भी होता है।
और पढ़े: गठिया रोग में नारंगी के फायदे
पेपरमिंट का वानस्पतिक नाम : Mentha piperita Linn. (मेन्था पाइपेराटा) Syn-Mentha balsamea Willd होता है। पेपरमिंट का कुल Lamiaceae (लेमिएसी) होता है। पेपरमिंट को अंग्रेजी में Peppermint (पिपरमिन्ट) कहते हैं। लेकिन भारत के अन्य प्रांतों में अनेक नामों से इसको पुकारा जाता है।
Peppermint in-
पेपरमिंट का एन्टीबैक्टिरीयल, एन्टीसेप्टिक और पेनकिलर आदि गुण कई तरह के बीमारियों के लिए फायदेमंद साबित होता है। चलिये इसके बारे में विस्तृत रूप से जानते हैं-
दिन भर काम के तनाव के वजह से या मौसम के कारण सिरदर्द से सबको कभी न कभी परेशान होना पड़ता है। पिपरमिंट पञ्चाङ्ग को पीसकर मस्तक पर लगाने से सिरदर्द कम होता है।
आजकल बच्चे से लेकर बूढ़े सभी दाँत दर्द से किसी न किसी समय परेशान होते ही हैं। सबसे अहम् बात यह है कि दाँत दर्द होने पर लोग घरेलू उपाय ही सबसे पहले उपयोग करते हैं।
पिपरमिंट के क्रिस्टल को दांतों के बीच में रखकर दबाने से दांत दर्द में लाभ होता है।
और पढ़े: दांत दर्द के लिए घरेलू इलाज
साल भर में जब भी मौसम में उतार-चढ़ाव होता है सर्दी सबको अपने चपेट में ले लेती है। सर्दी से आराम दिलाने में पिपरमिंट बहुत ही गुणकारी होता है। पिपरमिंट का बफारा या भाप लेने से सर्दी आदि कफ वाले बीमारियों से राहत मिलती है।
और पढ़ें – निमोनिया का उपचार भाप से
खाने-पीने में लापरवाही हुई कि नहीं दस्त होना शुरू हो जाता है। दस्त होने पर पिपरमिंट का सेवन इस तरह से करने पर लाभ मिलता है। पिपरमिंट के पत्तों का काढ़ा बनाकर 5-10 मिली मात्रा में पीने से मरोड़युक्त अतिसार या दस्त, पेट संबंधी समस्या तथा पेट दर्द में लाभ मिलता है।
जैसा कि पहले ही पता चल गया है कि पिपरमिंट पेट संबंधी रोगों में बहुत ही फायदेमंद होता है। पिपरमिंट तेल (peppermint oil in hindi) का प्रयोग जठरांत्र विकार यानि पेट संबंधी रोगों के चिकित्सा में किया जाता है।
और पढ़े – पेट के रोग में अमरबेल से फायदा
अक्सर मसालेदार खाना या ज्यादा खाना खा लेने से पेट में गैस हो जाता है जो पेट दर्द का कारण बन जाता है। घर में पेट दर्द से जल्द आराम पाने के लिए 25 मिग्रा पिपरमिंट के निचोड़ में शक्कर मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द से राहत मिलती है।
और पढ़े: पेट दर्द में उस्तूखूदूस के फायदे
जोड़ो में दर्द होना उम्र का तकाजा होता है। पिपरमिंट पञ्चाङ्ग को पीसकर लेप करने से गठिया संक्रात और नर्व संबंधी दर्द में लाभ मिलता है।
चींटी आदि कीटों के काटने से होने वाली दर्द से तुरन्त राहत पाने के लिए पिपरमिंट का प्रयोग इस तरह करना चाहिए। पेपरमिंट के पत्तों को पीसकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है।
आयुर्वेद में पिपरमिंट के पत्ते और तेल का औषधि के रुप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
बीमारी के लिए पिपरमिंट के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए पिपरमिंट का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
चिकित्सक के परामर्श के अनुसार-
5-10 मिली पत्ते के काढ़े का प्रयोग किया जा सकता है।
समस्त भारत में यह बाग-बगीचों में विशेषत उत्तर-भारत तथा कश्मीर में लगाया जाता है।
और पढ़ें – हॉट फ्लैशेज में पुदीने का तेल फायदेमंद
और पढ़ें – दांतों के दर्द के लिए घरेलू उपचार
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…
डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…
मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…
यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…
पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…
अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…