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क्या आपको पता है कि प्रभाकर वटी क्या है और इसका प्रयोग किसमें किया जाता है? प्रभाकर वटी एक बहुत ही गुणी औषधि है जिसका इस्तेमाल ह्रदय को स्वस्थ बनाने के लिए किया जाता है।
आयुर्वेद में प्रभाकर वटी के उपयोग (Prabhakar vati uses) के बारे में बहुत सारी अच्छी बातेें बताई गई हैं। ह्रदय को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ प्रभाकर वटी का प्रयोग अन्य कई रोगों में भी किया जा सकता है। आइए सभी के बारे में जानते हैं।
यह औषधि हृदय तथा फेफड़ा सम्बन्धी रोगों के उपचार की अति उत्तम दवा है। इससे हृदय तथा फेफड़ों को बल मिलता है। यह पतंजलि द्वारा हृदय सम्बन्धी उपचारों के लिए दी जाने वाली (Patanjali Medince for Heart Disease) सर्वाधिक महत्वपूर्ण औषधियों में से एक है।
प्रभाकर वटी का प्रयोग इस तरह से किया जा सकता हैः-
हृदय संबंधी विभिन्न रोगों (Heart Disease) जैसे कि हृदय की अनियमित धड़कन, थोड़ा मेहनत करते ही साँस फूलना आदि में प्रभाकर विटी का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
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लिवर का आकार बढ़ जाने से शरीर में कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। इसमें हृदय रोग भी एक है। इस परेशानी में प्रभाकर वटी विशेष लाभदायक (prabhakar vati ke fayde) होती है।
अनेकों लोगों को नींद ना आने की शिकायत रहती है। ऐसे लोग प्रभाकर वटी का इस्तेमाल करेंगे तो बहुत लाभ मिलेगा।
जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) की शिकायत रहती है वे प्रभाकर वटी का उपयोग करें। यह उच्च रक्तचाप को कम (prabhakar vati ke fayde) करने का काम करती है।
यह वटी लोगों को शक्ति प्रदान करता है और कमजोरी को दूर करती है। शारीरिक कमजोरी से ग्रस्त लोग प्रभाकर वटी का प्रयोग करते हैं तो बहुत लाभ मिलता है।
आंखों के रोग जैसे- आंखों का लाल रहना सहित अन्य रोगों में भी प्रभाकर वटी का उपयोग करना फायदेमंद (prabhakar vati benefits) होता है।
आप प्रभाकर वटी का सेवन करेंगे को खून की कमी की शिकायत दूर होगी क्योंकि यह वटी शरीर में खून को बढ़ाने में मदद करती है।
प्रभाकर वटी पीलिया में भी लाभदायक होता है। पीलिया से ग्रस्त लोग प्रभाकर वटी का उपयोग कर लाभ (prabhakar vati benefits) प्राप्त कर सकते हैं।
डायबिटीज आज एक महामारी बन चुकी है। हजारों लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। डायबिटीज से ग्रस्त लोग प्रभाकर वटी का प्रयोग करते हैं तो बेहतर परिणाम मिलता है।
प्रभाकर वटी वीर्य विकार को ठीक करने में भी मदद पहुंचाती है।
इसके अलावा प्रभाकर वटी चक्कर आने सहित अन्य दिमागी परेशानी में को ठीक (prabhakar vati benefits) करने में भी सहायता करती है।
आप प्रभाकर वटी का इतनी मात्रा में इस्तेमाल कर सकते हैंः-
125-250 मिली ग्राम,
अनुपान – जल, अर्जुन छाल का काढ़ा, दूध
प्रभाकर वटी के बारे में आयुर्वेदिक ग्रंथों में कहा गया है –
माक्षिकं लौहमभञ्च तुगाक्षीरी शिलाजतु।
क्षिप्त्वा खल्लोदरे पश्चाद्भावयेत् पार्थवारिणा।।
वल्लद्वयमितां कुर्याद् वटीं छायाविशोषिताम्।
प्रभाकरवटी सेयं हृद्रोगान् निखिलाञ्जयेत्।। – भैषज्य रत्नावली 33/40-41
प्रभाकर वटी को बनाने में निम्न द्रव्यों का प्रयोग किया जाता हैः-
क्र.सं. | घटक द्रव्य | उपयोगी हिस्सा | अनुपात |
1. | माक्षिक भस्म | भस्म | 1 भाग |
2. | लौह भस्म | भस्म | 1 भाग |
3. | अभ्रक भस्म | भस्म | 1 भाग |
4. | तुगाक्षीरी (Bambusa arundinacea willd.) S.C | 1 भाग | |
5. | शिलाजीत शुद्ध | 1 भाग | |
6. | अर्जुनछाल (Terminalia arjuna (Roxb.) W.&A.) | Q.S मर्दनार्थ |
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