एट्रोपीइन सलफेट 1% आई ऑइंटमेंट
परिचय
एट्रोपीइन सलफेट 1% आई ऑइंटमेंट केवल बाहरी अंगों के लिए है. डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक और अवधि में इसका इस्तेमाल करें. दवा का उपयोग करने से पहले निर्देशों को ध्यान से पढ़ें. एट्रोपीइन सलफेट 1% आई ऑइंटमेंट का उपयोग करने से पहले और बाद में अपने हाथ अच्छी तरह धोएं. ऐसा करने से किसी भी संक्रमण के जोखिम से बचने में मदद मिलेगी. दवा लगाने के बाद आंखों को न रगड़ें, क्योंकि इससे लालपन या जलन हो सकती है. निर्धारित पाठ्यक्रम पूरा होने तक दवा जारी रखें.
इस दवा के कुछ मामूली और अस्थायी साइड इफेक्ट्स में धुंधली दृष्टि, फोटोफोबिया , आंसू उत्पादन में कमी, आंखों में चुभन, और हाई ब्लड प्रेशर शामिल हो सकते हैं. कुछ खुराकों के बाद ये एपीसोड कम होना शुरू हो जाते हैं. हालांकि, अगर यह साइड इफेक्ट बने रहते हैं या आपके बच्चे को परेशान करते हैं तो बिना देरी किए डॉक्टर को यह बात बताएं.
अगर आपको इस प्रोडक्ट के किसी भी घटक से पहले कभी एलर्जिक रिएक्शन हुआ है, तो इस दवा का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर को बताएं. अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है जैसे दिल से जुडी परेशानी, खून संबंधी समस्या, श्वासनली में परेशानी, फेफड़ों की समस्या, पेट से जुड़ी समस्याएं, स्किन प्रॉब्लम्स, लिवर से जुड़ी समस्या, या किडनी से संबंधित समस्या, तो इसके बारे में अपने डॉक्टर को बताएं. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इस दवा का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.
ऐट्रोपाइन सल्फेट आई ऑइंटमेंट के मुख्य इस्तेमाल
- यूवाइटिस का इलाज
- निकट दृष्टि दोष (मायोपिया) का इलाज
- Cycloplegia
ऐट्रोपाइन सल्फेट आई ऑइंटमेंट के फायदे
यूवाइटिस के इलाज में
निकट दृष्टि दोष (मायोपिया) के इलाज में
In Cycloplegia
ऐट्रोपाइन सल्फेट आई ऑइंटमेंट के साइड इफेक्ट
एट्रोपीइन सलफेट के सामान्य साइड इफेक्ट
- चुभने की अनुभूति
- हाई ब्लड प्रेशर
- Decreased lacrimation
- धुंधली नज़र
- फोटोफोबिया
ऐट्रोपाइन सल्फेट आई ऑइंटमेंट का इस्तेमाल कैसे करें
ऐट्रोपाइन सल्फेट आई ऑइंटमेंट किस प्रकार काम करता है
सुरक्षा संबंधी सलाह
दूध का स्राव कम हो सकता है.
अगर आप ऐट्रोपाइन सल्फेट आई ऑइंटमेंट लेना भूल जाएं तो?
सभी विकल्प
ख़ास टिप्स
- डॉक्टर की सलाह अनुसार इसका इस्तेमाल करें.
- इसके कारण नजर धुंधली हो सकती है. जब तक आप यह न जान लें कि यह दवा आपको कैसे प्रभावित करती है तब तक ड्राइव या ध्यान केंद्रित करने वाले कोई भी काम न करें.
- आमतौर पर, कॉन्टैक्ट लेंस न पहनने की सलाह दी जाती है लेकिन अगर आपको उन्हें पहनना है, तो दोबारा इस्तेमाल करने से पहले 15 मिनट तक इंतज़ार करें.
- इलाज से पहले और बाद में आपको नियमित रूप से आंखों के चेकअप के लिए कहा जा सकता है.
- अगर आप आंख में इरिटेशन, ललिमा, पलकों में सूजन, और चमकीली रोशनी से सेंसिटिविटी नोटिस करते हैं तो इस दवा का इस्तेमाल करना बंद कर दें और अपने डॉक्टर को यह बताएं.
- अगर आप गर्भवती है, प्रेगनेंसी प्लान कर रही है, या स्तनपान करा रही हैं, तो अपने डॉक्टर को बताएं.
फैक्ट बॉक्स
यूजर का फीडबैक
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
किस स्थिति में एट्रोपीइन सलफेट 1% आई ऑइंटमेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए?
क्या एट्रोपीइन सलफेट 1% आई ऑइंटमेंट से धुंधली नज़र होता है?
मुझे डॉक्टर की सलाह कब चाहिए?
अगर मैं कॉन्टैक्ट लेंस पहनता हूं तो क्या मैं एट्रोपीइन सलफेट 1% आई ऑइंटमेंट का इस्तेमाल कर सकता/सकती हूं?
क्या मैं एट्रोपीइन सलफेट 1% आई ऑइंटमेंट के साथ किसी अन्य आई ड्रॉप का उपयोग कर सकता/सकती हूं?
एट्रोपीइन सलफेट 1% आई ऑइंटमेंट की सामान्य खुराक क्या है?
एट्रोपीइन सलफेट 1% आई ऑइंटमेंट का इस्तेमाल करते समय ध्यान में रखना सबसे महत्वपूर्ण बात क्या है?
Disclaimer:
टाटा 1mg's का एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उसके उपभोक्ताओं को एक्सपर्ट द्वारा जांच की गई, सटीक और भरोसेमंद जानकारी मिले. हालांकि, यहां निहित जानकारी का उपयोग एक योग्य चिकित्सक की सलाह के लिए विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए. यहां दिए गए विवरण सिर्फ़ आपकी जानकारी के लिए हैं. यह संभव है कि इसमें स्वास्थ्य संबधी किसी विशेष समस्या, लैब टेस्ट, दवाओं और उनके सभी संभावित दुष्प्रभावों, पारस्परिक प्रभाव और उनसे जुड़ी सावधानियां एवं चेतावनियों के बारे में सारी जानकारी सम्मिलित ना हो। किसी भी दवा या बीमारी से जुड़े अपने सभी सवालों के लिए डॉक्टर से संपर्क करें. हमारा उद्देश्य डॉक्टर और मरीज के बीच के संबंध को मजबूत बनाना है, उसका विकल्प बनना नहीं.रिफरेंस
- Brown JH, Laiken N. Muscarinic Receptor Agonists and Antagonists. In: Brunton LL, Chabner BA, Knollmann BC, editors. Goodman & Gilman’s: The Pharmacological Basis of Therapeutics. 12th ed. New York, New York: McGraw-Hill Medical; 2011. pp. 225-30.