कैर्नोज़िन एसएफ सिरप
परिचय
कैर्नोज़िन एसएफ सिरप को भोजन के साथ या बिना खाए लिया जा सकता है, लेकिन बेहतर असर के लिए हर दिन इसे एक निश्चित समय पर लेना याद रखें. डॉक्टर द्वारा निर्धारित अवधि तक इस दवा का सेवन जारी रखें. अगर आप इलाज को जल्दी रोकते हैं तो आपके लक्षण वापस आ सकते हैं और आपकी स्थिति और भी खराब हो सकती है. डॉक्टर को आपके द्वारा ली जाने वाली अन्य सभी दवाओं के बारे में बता दें क्योंकि इनमें से कुछ इस दवा को प्रभावित कर सकती हैं या इस दवा का प्रभाव उन पर पड़ सकता है.
इस दवा के सबसे सामान्य साइड इफेक्ट कब्ज हैं, इसलिए साइड इफेक्ट से बचने के लिए इस दवा लेते समय बहुत सारे तरल पदार्थ लेना बेहतर होता है. चक्कर आ सकते हैं या नींद भी आ सकती है, इसलिए जब तक आप यह न जान लें कि यह दवा आप पर कैसा असर डाल रही है तब तक गाड़ी न चलाएं और ऐसा कोई काम न करें जिसमें मेन्टल फोकस की ज़रूरत हो.
इसे दवा को लेने से पहले, अगर आपको लिवर या किडनी से संबंधित कोई बीमारी है तो आपको अपने डॉक्टर को इसके बारे में बताना बेहतर रहेगा क्योंकि इसके कारण आपकी डोज़ को एडजस्ट करना पड़ेगा. इस दवा को एंटासिड के साथ न लेना बेहतर है, आप उसे इस दवा लेने से दो घंटे पहले या बाद में लेने की कोशिश कर सकते हैं.
कैर्नोज़िन सिरप के मुख्य इस्तेमाल
- पेप्टिक अल्सर डिजीज
कैर्नोज़िन सिरप के साइड इफेक्ट
कैर्नोज़िन के सामान्य साइड इफेक्ट
- कब्ज
कैर्नोज़िन सिरप का इस्तेमाल कैसे करें
कैर्नोज़िन सिरप किस प्रकार काम करता है
सुरक्षा संबंधी सलाह
अगर आप कैर्नोज़िन सिरप लेना भूल जाएं तो?
सभी विकल्प
ख़ास टिप्स
- कैर्नोज़िन एसएफ सिरप का इस्तेमाल पेप्टिक अल्सर डिजीज के इलाज में किया जाता है.
- अपने डॉक्टर से परामर्श लिए बिना कोई अन्य एंटासिड ना लें.
- अन्य दवाएं लेने से कम से कम 2 घंटे पहले या बाद में कैर्नोज़िन एसएफ सिरप न लें क्योंकि यह अन्य दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है.
- धूम्रपान से बचें क्योंकि इससे पेप्टिक अल्सर का खतरा बढ़ जाता है और इलाज में देरी होती है.
- आपको इस दवा का पूरा लाभ मिलने में 2 से 8 सप्ताह लग सकते हैं.
- इस दवा को लेते समय कब्ज को रोकने के लिए रोजाना 6 से 8 ग्लास पानी पिएं. पहले अपने डॉक्टर से पूछे बिना मल को नरम बनाने वाली दवा (लैक्सेटिव) का प्रयोग न करें.
फैक्ट बॉक्स
यूजर का फीडबैक
Disclaimer:
टाटा 1mg's का एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उसके उपभोक्ताओं को एक्सपर्ट द्वारा जांच की गई, सटीक और भरोसेमंद जानकारी मिले. हालांकि, यहां निहित जानकारी का उपयोग एक योग्य चिकित्सक की सलाह के लिए विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए. यहां दिए गए विवरण सिर्फ़ आपकी जानकारी के लिए हैं. यह संभव है कि इसमें स्वास्थ्य संबधी किसी विशेष समस्या, लैब टेस्ट, दवाओं और उनके सभी संभावित दुष्प्रभावों, पारस्परिक प्रभाव और उनसे जुड़ी सावधानियां एवं चेतावनियों के बारे में सारी जानकारी सम्मिलित ना हो। किसी भी दवा या बीमारी से जुड़े अपने सभी सवालों के लिए डॉक्टर से संपर्क करें. हमारा उद्देश्य डॉक्टर और मरीज के बीच के संबंध को मजबूत बनाना है, उसका विकल्प बनना नहीं.रिफरेंस
- Nishizawa T, Suzuki H, Kanai T, et al. Proton pump inhibitor alone vs proton pump inhibitor plus mucosal protective agents for endoscopic submucosal dissection-induced ulcer: A systematic review and meta-analysis. J Clin Biochem Nutr. 2015;56(2):85-90. [Accessed 01 Apr. 2020] (online) Available from:
- McQuaid KR. Drugs Used in the Treatment of Gastrointestinal Diseases. In: Katzung BG, Masters SB, Trevor AJ (Editors). Basic and Clinical Pharmacology. 11th ed. New Delhi, India: Tata McGraw Hill Education Private Limited; 2009. pp. 1067-1101.
- Hoogerwerf WA, Pasricha PJ. Pharmacotherapy of Gastric Acidity, Peptic Ulcers, and Gastroesophageal Reflux Disease. In: Brunton LL, Chabner BA, Knollmann BC, editors. Goodman & Gilman’s: The Pharmacological Basis of Therapeutics. New York, New York: McGraw-Hill Medical; 2011. pp. 967-981.